पूर्णिया : विधानसभा चुनाव और पंचायत चुनाव में किसी कारणवश अपनी किस्मत नहीं चमका पाने या आजमा पाने के बाद अब कई बाहुबली से राजनेता बने लोगों ने अब शहर का रूख किया है. शहर में नगर निगम चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है और ऐसे बाहुबली अब विभिन्न वार्डों में अपना भविष्य भी तलाशने […]
पूर्णिया : विधानसभा चुनाव और पंचायत चुनाव में किसी कारणवश अपनी किस्मत नहीं चमका पाने या आजमा पाने के बाद अब कई बाहुबली से राजनेता बने लोगों ने अब शहर का रूख किया है. शहर में नगर निगम चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है और ऐसे बाहुबली अब विभिन्न वार्डों में अपना भविष्य भी तलाशने में जुट गये हैं. मजे की बात यह है कि आधे दर्जन से अधिक ऐसे बाहुबली और धनबलियों की नजर नगर निगम की मेयर सीट पर है,
जो सामान्य वर्ग की महिला के लिए है. जाहिर है अपनी पत्नी के बहाने ऐसे बाहुबली और धनबली शहर में अपना राजनीतिक अस्तित्व संवारने की कवायद में जुट गये हैं. खास बात यह है कि अधिकांश बाहुबली शराब, जमीन की खरीद-बिक्री और ठेकेदारी से जुड़े हुए हैं और हाल के दिनों में बाहुबली से अधिक धनबली के रूप में जाने जाते हैं. ऐसे में मेयर पद के लिए घमसान मचना तय माना जा रहा है.
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार मेयर का सीट अब वर्चस्व की लड़ाई में तब्दील होने लगी है. इन दिनों शहर के वार्ड नंबर 02, 03, 04, 05 एवं 42 में कुछ खास तरह की राजनीतिक सरगरमी देखने को मिल रही है. कोई अपनी पत्नी को तो कोई अपनी बहन को मेयर पद के लिए सुयोग्य उम्मीदवार बता रहा है. इन दिनों शहर के वार्ड 02, 03, 04, 05 में बाहुबलियों की गतिविधि देखी जा सकती है. ऐसे बाहुबली अपने-अपने चुने हुए वार्ड में अपनी उपस्थिति दर्ज करा अन्य प्रत्याशियों को यह एहसास दिला रहे हैं कि हर हाल में उन्हें ही समर्थन करना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में पैसे व पावर का खुलेआम इस्तेमाल होना तय माना जा रहा है. कई वार्ड पार्षदों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वर्तमान नगर निगम व्यवस्था का ही यह परिणाम है कि चुनाव मैदान में ऐसे दबंगों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है. गौरतलब है कि नगर निगम के 46 वार्डों का चुनाव 14 जून को होना है. इसके लिए 17 मई से 24 मई के बीच नामांकन की तिथि तय की गयी है. परिणाम की तिथि 16 जून है.