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पीडीएस : कालाबाजारी के चावल-गेहूं बढ़ा रहे हैं रेस्टोरेंटों की शान

कालाबाजारी कर डीलर अनाज भेज रहे बाहर पूर्णिया : यह बात सोलह आने सच है कि पूर्णिया से निकले कालाबाजारी के चावल-गेहूं पश्चिम बंगाल, नेपाल एवं पूर्वोत्तर राज्यों के रेस्टोरेंटों की शान बढ़ा रहे हैं. कालाबाजारी के चावल बाजार के मुकाबले सस्ता होने के कारण होटल एवं रेस्टोरेंट में लजीज रेसिपी बना कर ग्राहकों को […]

कालाबाजारी कर डीलर अनाज भेज रहे बाहर

पूर्णिया : यह बात सोलह आने सच है कि पूर्णिया से निकले कालाबाजारी के चावल-गेहूं पश्चिम बंगाल, नेपाल एवं पूर्वोत्तर राज्यों के रेस्टोरेंटों की शान बढ़ा रहे हैं. कालाबाजारी के चावल बाजार के मुकाबले सस्ता होने के कारण होटल एवं रेस्टोरेंट में लजीज रेसिपी बना कर ग्राहकों को परोसा जाता है. जो होटल एवं रेस्टोरेंट संचालकों के लिए लाभ दायक साबित होता है. अनाज माफिया इन स्थानों में काला बाजारी के अनाज भेजने के लिए नित्य नये नये रास्ता इजाद कर इस गोरख धंधे को अंजाम दे रहे हैं. प्रशासन इन बातों से अनजान बना बैठा है.
इन राज्यों में जाता है पीडीएस का अनाज : जिले के पीडीएस दुकानों के राशन केरोसिन सबसे पहले पश्चिम बंगाल के दालकोला, रायगंज, मालदा, कलियागंज, सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी, इस्लामपुर आदि इलाके में जाता है. फिर सिलीगुड़ी के रास्ते अनाज पूर्वोत्तर राज्यों में जाता है. इन स्थानों में अधिकांश चावलों एवं गेहूं के आटा तैयार दुकानों के माध्यम से होटलों, ढाबा एवं रेस्टोरेंटों में भेजा जाता है. जहां इन चावल के आटा से इडली, डोसा, मिठाइयां आदि कई अन्य प्रकार की रेसिपी तैयार की जाती है. जो बाजार के चावल एवं गेहूं की तुलना में काफी सस्ता होता है. जिससे होटल, रेस्टोरेंट के संचालकों को बढ़िया फायदा भी मिलता है.
अनाजों की होती है रिसाइक्लिंग : कालाबाजारी के कई धंधेबाज पश्चिम बंगाल एवं पूर्वोत्तर राज्यों के मिलरों से संपर्क कर वहां हल्का मिलावट कर नये बोरे में पैक कर के फिर एफसीआई के हवाले कर देता है. जानकार बताते हैं कि कुल चालीस प्रतिशत अनाज का इन प्रदेशों के मिलों में रिसाइक्लिंग होता है. इससे पीडीएस के चावल की गुणवत्ता में सुधार होने के बजाय और भी रद्दी होता जाता है. इससे यहां के गरीब उपभोक्ता भी इन चावल एवं गेहूं को खाने से कतराते हैं. उपभोक्ता भी ऐसे चावल का उठाव कर बाजार में बेच कर खाने योग्य चावल की खरीद करते हैं.
इन रास्तों से होती है कालाबाजारी : जिले के कसबा, जलालगढ़ एवं श्रीनगर, बनमनखी आदि प्रखंडों से काला बाजारी का अनाज कसबा के रास्ते बाड़ा इदगाह, पलसा घाट अमौर , बैसा के मार्ग से सीधा इस्लामपुर होते हुए सिलिगुड़ी पहुंचाया जाता है. जबकि जिले के पश्चिमी इलाके का अनाज भी कुछ इस रास्ते से और कुछ कटिहार के कोलासी होते हुए बारसोई के बाद पश्चिम बंगाल के राय गंज एवं मालदा आदि शहरों में प्रवेश करा दिया जाता है.
पूर्णिया पूर्व, डगरुआ एवं बायसी इलाके से अनाज दालकोला पहुंचाया जाता है. उसके बाद वहां से अन्यत्र भेज दिया जाता है. जानकार बताते हैं कि इन मार्गों से काला बाजारी का अनाज निर्बाध भेजने के लिए संबंधित थानों से लाइन बना होता है. जहां से माल निर्वाध पास करा दिया जाता है. इस एवज में संबंधित थाना, पदाधिकारियों को बंधी बंधायी रकम दी जाती है.
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