पुलिस केंद्र में तैनात सिपाही अरुण राम ने डीआइजी से गुहार लगा कर दारोगा पर कार्रवाई करने की मांग की. कहा मेरे आवास के सामने दारोगा जी फैलाते हैं गंदगी. मना करने पर मानते नहीं, करते हैं दबंगई.
पूर्णिया : पुलिस केंद्र में तैनात सिपाही अरुण राम (संख्या – 135) ने शुक्रवार को डीआइजी के जनता दरबार में दारोगा के खिलाफ गुहार लगायी. सिपाही ने बताया कि पुलिस लाइन में आवास खाली नहीं रहने के कारण वह कोर्ट परिसर में पीडब्लूबी 50 में अपने परिवार के साथ रहता है. आवास की स्थिति काफी जर्जर है और उसके द्वारा कुछ हद तक आवास की मरम्मती भी करायी गयी है.
लेकिन उसके आवास के सामने रहने वाले सामान्य शाखा में पदस्थापित दारोगा अशोक कुमार हर वक्त दबंगई दिखाते हैं. दारोगा ने अपने चापाकल की गंदगी का मुख सिपाही के आवास की ओर कर दिया है. इस बाबत आपत्ति दर्ज करने पर दारोगा ने उसके आने-जाने का रास्ता ही बंद कर दिया है. अरुण ने बताया कि दारोगा अक्सर अपने ताकत के इस्तेमाल की धमकी देता है. वही पड़ोस में खाली पड़ी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर घर बना चुका पप्पू सिंह भी दारोगा के साथ मिल कर उस पर आवास खाली करने के लिए दवाब बना रहा है. सिपाही ने कहा कि इस बाबत पुलिस अधीक्षक से भी शिकायत की गयी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
दुष्कर्मियों ने कर दिया है जीना हराम, पुलिस है खामोश: शुक्रवार को डीआइजी के जनता दरबार में फरियादियों की लंबी कतार लगी थी. कोई जमीन विवाद में मारपीट से संबंधित आवेदन लेकर पहुंचा था, तो कोई पुलिस की निष्क्रियता की शिकायत लेकर डीआइजी के समक्ष उपस्थित हुआ.
अररिया के जिला के बौंसी थाना से आवेदन लेकर पहुंची छेदी ऋषिदेव की पत्नी विभा देवी अपनी पुत्री के लिए न्याय मांगने पहुंची थी. उसने बताया कि गत 25 दिसंबर को उसकी नाबालिग बेटी पड़ोस के ही शिक्षक श्रवण के घर ट्यूशन पढ़ने गयी थी. जहां शिक्षक की मिलीभगत से तीन अन्य लोगों ने छात्रा के साथ दुष्कर्म किया. मामले को लेकर बौसी थाना कांड संख्या 125/15 दर्ज कराया गया. जिसमें राजमल उर्फ बिल्टा ऋषिदेव, राजू मंडल, राजू मुखिया व शिक्षक श्रवण ऋषिदेव को नामजद अभियुक्त बनाया गया था.
लेकिन पुलिस ने मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की है.
अस्मत की कीमत लगायी जा रही है 30 हजार रुपये: बायसी थाना क्षेत्र के टुप्पा टोली पानी सदरा से आयी एक युवती ने डीआइजी से दुष्कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है. पानी सदरा निवासी मो मंजूर की बेटी ने बताया कि उसने गत 10 मार्च और 08 अप्रैल को भी डीआइजी के समक्ष गुहार लगायी थी. लेकिन स्थानीय पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. पीड़िता ने कहा कि 04 मार्च को रात करीब 11 बजे गांव के ही मुजम्मिल, जाहिद व रोहिल उसके घर आ धमके और उसे जबरन बाहर ले जाने का प्रयास करने लगे. चीखने-चिल्लाने पर परिजनों द्वारा उसे छुड़ाया गया. सभी आरोपी मौके से फरार हो गये और उनकी बाइक वहीं छूट गयी. बाद में उसके पड़ोसी ने उन लोगों को बाइक वापस कर दी.
कहा कि गांव में इसको लेकर 05 मार्च को पंचायत बुलायी गयी थी. लेकिन शाम को तटबंध के समीप से बकरी लाने गयी तो मुजम्मिल ने अकेला पा कर उसके साथ दुष्कर्म किया. उसने पीड़िता से निकाह का भरोसा दिलाया और अब मुकर रहा है. वही इस घटना के कारण पड़ोस के सिंघिया गांव में लग रहा उसका निकाह भी टूट गया. उसने बताया कि दुष्कर्मी अब उसे और उसके परिजनों को जान से मारने की धमकी दे रहा है और उसके अस्मत की कीमत 30 हजार रुपये लगा रहा है.
पहले मांग रहे थे दहेज, अब पति ने कर लिया दूसरा निकाह: बायसी थाना क्षेत्र के खुटिया से डीआइजी के जनता दरबार में आयी नुसरत जहां ने हरिणतोड़ निवासी पति मो मंजूर आलम, सास रोपजा, गोतनी नुजहत बानो व ननद आमदी पर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया.
कहा कि 06 वर्ष पूर्व उसका निकाह मो मंजूर आलम से हुआ. कुछ दिनों बाद उसे एक पुत्री हुई, जिसकी 10 दिनों के उपरांत मौत हो गयी. इसके बाद से गर्भवति होने पर पति द्वारा दवा दे कर उसका गर्भपात करा दिया जाता था. उसने बताया कि कुछ दिनों बाद उक्त सभी आरोपी उसके साथ दुर्व्यवहार और मारपीट करने लगे.
ससुराल वाले उससे 01 लाख रुपये दहेज लाने की मांग कर रहे थे. पिता को सूचना देने पर पंचायत बुलायी गयी. लेकिन ससुराल वालों ने पंचायत का फैसला मानने से इनकार कर दिया. उसने बताया कि उसके पति ने हाथीबंदा निवासी बजली बेगम के साथ दूसरा निकाह रचा लिया है और उसे किसी प्रकार का खर्च भी नहीं दिया ज रहा है.