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15 साल बाद अपने मां-बाप से मिलेगा अकबर

लोक ज्ञानदीप फाउंडेशन की पहल से सोमवार तक पहुंचेगा अपने घर पूर्णिया जिले के शीशावाड़ी गांव का रहनेवाला है मोहम्मद अकबर छह वर्ष की उम्र में ही दलालों ने अकबर को पंजाब के एक व्यक्ति को दिया था बेच पूर्णिया : पिछले 15 वर्षों से जिल्लत भरी जिंदगी जी रहा मोहम्मद अकबर अपनी बदनसीबी के […]

लोक ज्ञानदीप फाउंडेशन की पहल से सोमवार तक पहुंचेगा अपने घर

पूर्णिया जिले के शीशावाड़ी गांव का रहनेवाला है मोहम्मद अकबर
छह वर्ष की उम्र में ही दलालों ने अकबर को पंजाब के एक व्यक्ति को दिया था बेच
पूर्णिया : पिछले 15 वर्षों से जिल्लत भरी जिंदगी जी रहा मोहम्मद अकबर अपनी बदनसीबी के कारण छह वर्ष की उम्र में ही अपने मां-बाप व घर-परिवार से बिछड़ गया था. लेकिन, तकदीर ने कुछ ऐसा खेल रचा कि पुन: उसके भाग्य बदले और आज वह जल्द ही अपने मां-बाप के पास पहुंचने वाला है.
ऐसा तब संभव हुआ, जब अकबर रविवार को एक गुमशुदा व्यक्ति के रूप में कुटुंबा प्रखंड कार्यालय पहुंचा. यहां पहुंचने के बाद अकबर की मुलाकात लोक ज्ञानदीप फाउंडेशन के अध्यक्ष संतोष कुमार पाल एवं सचिव बबन भूइंया से हुई. संस्था के पदाधिकारियों ने उसे गुमशुदा समझ कर पूछताछ की तो पता चला कि वह पूर्णिया जिले के शीशावाड़ी गांव का रहनेवाला मोहम्मद अकबर है. इसके बाद संस्था के दोनों पदाधिकारी अकबर को लेकर बीडीओ से मिले.
अकबर ने बीडीओ से कहा कि उसे छह वर्ष की उम्र में घर से ही उठा कर दलालों ने पंजाब के एक व्यक्ति को बेच दिया था. उस पर काफी जुल्म किये गये . कुछ दिनों तक पंजाब में रहने के बाद उसे एक दूसरा व्यक्ति धोखे से अपने घर फतेहपुर लेकर चला गया, जहां भी उस पर खूब जुल्म ढाहे गये. बाद में उतरप्रदेश का एक व्यक्ति उसे बंधुआ बना कर अपने यहां ले गया और मजदूरी करवाने लगा. मजदूरी का पैसा वह खुद हड़प जाता. लेकिन, एक दिन किसी तरह वहां से भाग कर वह बिहार पहुंचा और भटकते-भटकते औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखंड कार्यालय पहुंचा, जहां उसकी मुलाकात लोक ज्ञानदीप फाउंडेशन के सदस्यों से हुई. इस बारे में समाजसेवी संतोष कुमार पाल ने बताया कि अकबर सही तरीके से अपने घर का पता नहीं बता पा रहा था. उसने बताया कि वह अब अपने मां-बाप तक को नहीं पहचान पायेगा.
उसकी मदद के लिए बिहार सरकार के एक अधिकारी को (सेक्रेटरी) को इसकी खबर दी. सेक्रेटरी ने उसके परिजनों को ढूंढने में काफी मेहनत की और आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से उसके घर का पता लगाया. परिजनों को जब फोटो भेजा गया, तो पिता सोयेद्दीन ने अपने पुत्र को झट से पहचान लिया. फाउंडेशन के सचिव संतोष ने बताया कि उसके इस कार्य में जम्मू सर्किल के बीडीओ के एक सहायक ने खूब मदद की. पंजाब में अकबर से भैंसपालन कराया जाता था.
मालिक इसके साथ मारपीट करता था. बबन भूइंया ने बताया कि वे उसे लेकर पूर्णिया रवाना हो रहे हैं और सोमवार की शाम तक उसे घर पहुंचा दिया जायेगा. इसकी सूचना पूर्णिया जिला प्रशासन को दी गयी है. कुटुंबा बीडीओ मनोज कुमार ने फाउंडेशन के पदाधिकारियों व सदस्यों को धन्यवाद देकर मोहम्मद अकबर के साथ पूर्णिया रवाना किया गया है. इस मौके पर सुजीत कुमार सिंह, अशोक यादव, सुरेंद्र प्रसाद व मुखिया उमेश साव उपस्थित थे.

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