महज छह महीने में बन कर तैयार होने वाले सिक्स लेन सड़क निर्माण का कार्य विगत अप्रैल 2014 में प्रारंभ हुआ था, लेकिन विडंबना यह है कि छह महीने की जगह 23 माह गुजर गया, आज भी सड़क अधूरा है.
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23 महीने में तीन किलोमीटर ही बन पायी सिक्स लेन सड़क
महज छह महीने में बन कर तैयार होने वाले सिक्स लेन सड़क निर्माण का कार्य विगत अप्रैल 2014 में प्रारंभ हुआ था, लेकिन विडंबना यह है कि छह महीने की जगह 23 माह गुजर गया, आज भी सड़क अधूरा है. पूर्णिया : सिक्स लेन सड़क निर्माण में आज भी कई पेंच फंसे हुए हैं. 23 […]
पूर्णिया : सिक्स लेन सड़क निर्माण में आज भी कई पेंच फंसे हुए हैं. 23 महीने में अब तक तीन किमी भी सिक्स लेन सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. गौरतलब है कि महज 06 महीने में बन कर तैयार होने वाले सिक्स लेन सड़क निर्माण का कार्य विगत अप्रैल 2014 में प्रारंभ हुआ था, लेकिन विडंबना यह है कि 06 महीने की जगह 23 माह गुजर गया, आज भी सड़क अधूरी है. सिक्स लेन की अधूरी सड़कों के उस मोड़ पर जहां पुलिया है, सड़क सिमट जाती है.
तीन वाहन सवार अब तक असमय दम तोड़ चुके हैं. लेकिन न तो व्यवस्था नींद से जाग रहा है और न ही सिस्टम का कोई सुन रहा है. हालात यह है कि कल तक सिक्स लेन के तोहफे पर खुशियों का इजहार करने वाले अब सिस्टम, व्यवस्था और शासन को कोसने लगे हैं. यह दीगर बात है कि सड़क निर्माण कंपनी व्यवस्था और इससे संबंधित लोग सिक्स लेन के शीघ्र निर्माण को लेकर रोज अपनी सजगता का दम भरते हैं,
लेकिन सच्चाई तो यह है कि अभी सिक्स लेन के मुकम्मल निर्माण की राह आसान नहीं है.
अधर में पुल-पुलिया निर्माण : सिक्स लेन सड़क निर्माण और उसके पूर्णरूपेण स्वरूप की राहत में दूसरा सबसे बड़ा पेंच है इस रूट पर अवस्थित पुल-पुलिया, जहां सिक्स लेन सिमट कर महज 20 फीट हो जाता है. एक तरफ जहां 200 फीट के सिक्स लेन का निर्माण हो रहा है. वहीं लाइन बाजार स्थित काठपुल, कप्तान पुल से पहले कुंडी पुल, कप्तान पुल तथा गुलाबबाग स्थित मनुषमारा धार स्थित पुलिया के निर्माण व चौड़ीकरण के दिशा में अब तक कोई पहल नहीं हुई है.
अलबत्ता इन जगहों पर सिक्स लेन की सड़क अपना अस्तित्व खो देती है और महज सिंगल लेन सड़क बन कर रह जाती है. यहां अभी ही जाम लगता है. अतिक्रमण है बड़ी समस्या : फोर्ड कंपनी चौक से गुलाबबाग तक सिक्स लेन सड़क निर्माण में सबसे बड़ा पेंच अतिक्रमण का है. एक तो जहां पहले स्थानीय प्रशासन ने अतिक्रमण हटाया था,
वहां बिजली के खंभा के कारण सड़कें अधूरी पड़ी है. वहीं लाइन बाजार, फारबिसगंज मोड़, कटिहार मोड़ एवं गुलाबबाग में अतिक्रमण का मसला आसान नहीं दिख रहा है. सड़क निर्माण कंपनी ने तो जहां जगह अतिक्रमण मुक्त है, कार्य प्रारंभ कर दिया है, लेकिन अभी कई जगहों पर अतिक्रमण से मुक्ति का रास्ता कठिन है, जो सड़क निर्माण में बड़ा पेंच बन कर खड़ा है.
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