आवंटन के अभाव में सैकड़ों शिक्षकों का भुगतान लंबित पूर्णिया. जिले में शिक्षकों के वेतन निर्धारण को लेकर दिसंबर माह तक भारी बवाल मचा रहा. कुछ अधिकारी व कर्मियों पर वेतन निर्धारण के लिए अवैध राशि वसूली के भी आरोप लगे. हालांकि वेतन निर्धारण कार्य पूर्ण होने के उपरांत सारा शोर थम गया. लेकिन अब भी जिले के सैकड़ों नियोजित शिक्षकों का वेतन भुगतान लंबित है. वहीं राशि आवंटन के अभाव में नियमित शिक्षकों का भी वेतन भुगतान बाधित होने की संभावना है. सर्वशिक्षा अभियान के तहत नियोजित इन शिक्षकों के वेतन लंबित होने की मूल वजह विभाग की ओर से राशि आवंटन नहीं होना बताया जाता है, जो विभिन्न योजना मद में आवंटित राशि का समायोजन नहीं होने के कारण रोक दी गयी है. सितंबर से लंबित है वेतन भुगतानसर्वशिक्षा अभियान के तहत जिले में करीब 7500 से अधिक नियोजित शिक्षक कार्यरत हैं. जिनका नियोजन प्रखंड, नगर व पंचायत नियोजन इकाई की ओर से किया गया है. एक माह में विभाग की ओर से इन शिक्षकों के वेतन भुगतान में करीब 14 करोड़ रुपये खर्च किये जाते हैं. आवंटन राशि के अभाव में सर्वशिक्षा अभियान के तहत नियोजित सभी शिक्षकों का वेतन सितंबर माह से ही लंबित है. वही अभियान के तहत स्नातक प्रशिक्षित (नियमित) 186 शिक्षकों का दिसंबर तक का वेतन भुगतान कर दिया गया है. जनवरी से मार्च माह तक के इन शिक्षकों के वेतन भुगतान हेतु भी अब राशि का अभाव हो गया है. लिहाजा इन शिक्षकों का वेतन भी लंबित होने के आसार हैं. 349 शिक्षकों का जून से नहीं हुआ भुगतानजिले में सर्वशिक्षा अभियान के तहत विभिन्न स्तरों पर नियोजित 349 शिक्षकों का वेतन राशि के अभाव में नहीं हो सका है. दरअसल विभाग की ओर से नियोजित और नियमित शिक्षकों के वेतन भुगतान हेतु कोटीवार राशि का आवंटन किया जाता है. पूर्व में नियोजित शिक्षकों को मिलने वाले मानदेय की अपेक्षा वेतमान लागू होने के पश्चात भुगतान काफी बढ़ गया. जिसके कारण वेतन मद की राशि समय से पूर्व ही खपत हो गयी. जिला स्थापना कार्यालय के खाता में इस मद में अब महज 03 लाख 44 हजार 472 रुपये शेष रह गये हैं. जिसके कारण शिक्षकों का भुगतान संभव नहीं हो पा रहा है. राशि समायोजन है आवंटन में देरी का मूल कारण जिला शिक्षा विभाग के स्थापना प्रशाखा की ओर से शिक्षकों के भुगतान संबंधी राशि आवंटन हेतु विभाग के वरीय पदाधिकारी तथा सर्वशिक्षा डीपीओ कार्यालय से अनुरोध किया गया. कई बार इसका स्मार पत्र भी दिया गया. लेकिन अब तक राशि आवंटन नहीं किया गया है. विभागीय सूत्रों की मानें तो राशि आवंटन नहीं होने की मूल वजह विभिन्न योजना मद में आवंटित राशि का समायोजन नहीं होना है. दरअसल विभाग आवंटित राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने के प्रति सख्त है. विभागीय सख्ती की मूल वजह यह है कि उपयोगिता प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं कराने के कारण उसे केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली राशि पर रोक लगा दी गयी है. उपयोगिता प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने पर ही केंद्र सरकार की ओर से राशि आवंटित की जायेगी. लिहाजा राज्य सरकार ने भी जिला शिक्षा परियोजना के अधिकारी व कर्मियों के वेतन पर रोक लगा दी है. साथ ही शिक्षकों के वेतन भुगतान मद में भी राशि आवंटन पर रोक लगा दी है. 90 करोड़ रुपये की होगी आवश्यकताजिले में सर्वशिक्षा अभियान के तहत कार्यरत नियोजित व नियमित शिक्षकों का मार्च माह तक का वेतन भुगतान करने के लिए विभाग को 90 करोड़ रुपये से अधिक की आवश्यकता होगी. जिला शिक्षा विभाग के स्थापना प्रशाखा की ओर से सरकार से 90 करोड़ 06 लाख 90 हजार रुपये के आवंटन की मांग की है. इसमें नियमित (स्नातक प्रशिक्षित) शिक्षकों के लिए जनवरी से मार्च माह तक के वेतन भुगतान के लिए 03 करोड़ 06 लाख 90 हजार रुपये की मांग की गयी है. वही प्रखंड, नगर व पंचायत नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए 87 करोड़ रुपये की आवश्यकता जतायी गयी है. विभागीय सूत्रों के अनुसार फिलहाल राशि आवंटन में विलंब होने की संभावना है. ऐसे में नियोजित शिक्षकों के लिए वेतन का इंतजार लंबा खिंच सकता है. वही नियमित शिक्षकों को भी वेतन के लिए इंतजार करना पड़ सकता है. परियोजना के अधिकारियों का भी वेतन लंबितविभिन्न योजना मद में जिले में आवंटित राशि समायोजन को लेकर जिला शिक्षा परियोजना के अधिकारियों का वेतन अक्टूबर माह से लंबित है. केवल चतूर्थ वर्गीय कर्मियों को विभागीय कार्रवाई से राहत दी गयी है. समायोजन की स्थिति असंतोषप्रद रहने के कारण उस समय राज्य शिक्षा परियोजना ने सभी संभाग प्रभारियों के विरुद्ध यह कार्रवाई की थी. हालांकि इसके बाद समायोजन की रफ्तार काफी तेजी से बढ़ी है. लेकिन शत प्रतिशत समायोजन नहीं होने के कारण अधिकारियों का वेतन निर्गतन नहीं किया गया है. सभी बीआरसी में कार्यरत प्रखंड लेखा सहायकों का वेतन भी नवंबर माह से रोक दिया गया है. जाहिर है वेतन रूकने का असर अधिकारी व कर्मियों के कामकाज पर भी दिखने लगा है. कुछ अधिकारियों ने बताया कि जेब खर्च के लिए भी अब उन्हें लोगों से कर्ज लेना पड़ रहा है. यही कारण है कि समायोजन को लेकर शिक्षकों पर भी दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है. टिप्पणी – 1शिक्षकों के वेतन भुगतान हेतु राशि आवंटन की मांग वरीय अधिकारियों से की गयी है. राशि प्राप्त होते ही शिक्षकों को भुगतान कर दिया जायेगा. रतीश कुमार झा, डीपीओ स्थापना, पूर्णियाटिप्पणी – 2विभिन्न योजना मद में आवंटित राशि समायोजन को लेकर विभागीय निर्देश का अनुपालन किया जा रहा है. शीघ्र ही राशि का समायोजन कर लिया जायेगा. वेतन भुगतान हेतु भी प्रयास जारी है. विजय कुमार झा, डीपीओ सर्वशिक्षा, पूर्णिया
आवंटन के अभाव में सैकड़ों शक्षिकों का भुगतान लंबित
आवंटन के अभाव में सैकड़ों शिक्षकों का भुगतान लंबित पूर्णिया. जिले में शिक्षकों के वेतन निर्धारण को लेकर दिसंबर माह तक भारी बवाल मचा रहा. कुछ अधिकारी व कर्मियों पर वेतन निर्धारण के लिए अवैध राशि वसूली के भी आरोप लगे. हालांकि वेतन निर्धारण कार्य पूर्ण होने के उपरांत सारा शोर थम गया. लेकिन अब […]
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