शराब बंदी को लेकर मुखर हुई महिलाएं पूर्णिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से पूर्ण शराब बंदी की सरकारी घोषणा के बाद सबसे अधिक खुशी महिलाओं को हुई थी. वजह भी साफ है कि शराब से सबसे अधिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से परेशानी महिलाओं को ही उठानी पड़ती है. घरेलू हिंसा की सबसे बड़ी वजह शराब ही मानी जाती है. लेकिन अब राज्य सरकार की नयी शराब नीति से महिलाओं में नाराजगी है. प्रभात खबर ने सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी तथा घरेलू महिलाओं से बातचीत कर नयी शराब नीति के बाबत उनकी राय जानी. वार्ड पार्षद सरिता राय ने शराब बंदी के फैसले को सामाजिक हित में बेहतर कदम बताया. कहा कि लेकिन जिस तरह पूर्ण शराबबंदी पर राज्य सरकार ने यूटर्न लिया है, वह पूरी तरह उचित नहीं है. मुख्यमंत्री की वह घोषणा क्रांतिकारी घोषणा थी. लेकिन अब जिस तरह शहरी क्षेत्रों में विदेशी शराब खोलने की बात कही जा रही है तो हाल में बहुत अंतर नहीं आयेगा.वार्ड पार्षद सरिता राय ने यह भी कहा कि अगर शहर के बाजार में दुकानें खुलती है तो महिला मोरचा की ओर से इसका विरोध किया जायेगा. पूर्व वार्ड पार्षद निशा यादव ने कहा कि अंगरेजी शराब की दुकानें ग्रामीण इलाकों में नहीं खुलेगी तो शहर के बाजार, घनी बस्ती एवं घनी आबादी वाली नुक्कड़ों पर भी विदेशी शराब की दुकानें नहीं खुलनी चाहिए. जबकि सामाजिक कार्यकर्ता नीलम जायसवाल ने कहा कि निगम क्षेत्र में खुलने वाली विदेशी शराब की दुकानें शहर से बाहरी इलाकें में खोली जाय न कि बाजारों या घनी आबादी वाली बस्ती या नुक्कड़ों पर खुलनी चाहिए. इस तरह की शराब नीति से कोई फायदा नहीं होने वाला है. वहीं रामनगर की गृहिणी मोमिता सुमन ने स्पष्ट तौर पर कहा कि नयी बोतल में पुरानी शराब तो सुना था लेकिन नयी शराब नीति में भी पुरानी बात पहली बार सुन रही हूं. कहा कि सरकार अगर सही तरीके से शराब बंदी चाहती है तो अविलंब शहर से लेकर गांव तक शराब की बिक्री बंद होनी चाहिए. वहीं रालोसपा नेत्री डेजी झा ने कहा कि राज्य सरकार शराब माफियाओं के दबाव में आकर नयी शराब नीति बनायी है. इस शराब नीति से शराब कारोबारियों को ही फायदा होगा और महिलाएं अत्याचार सहती रहेगी. फोटो: 1 पूर्णिया 21-सरिता राय 22-निशा यादव 23-नीलम जायसवाल 24-मोमिता सुमन 25-डेजी झा
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शराब बंदी को लेकर मुखर हुई महिलाएं
शराब बंदी को लेकर मुखर हुई महिलाएं पूर्णिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से पूर्ण शराब बंदी की सरकारी घोषणा के बाद सबसे अधिक खुशी महिलाओं को हुई थी. वजह भी साफ है कि शराब से सबसे अधिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से परेशानी महिलाओं को ही उठानी पड़ती है. घरेलू हिंसा की सबसे बड़ी […]
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