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चांदी पंचायत के मुखिया पर हो सकती है कार्रवाई

चांदी पंचायत के मुखिया पर हो सकती है कार्रवाईप्रतिनिधि, पूर्णियापंचायत चुनाव 2011 के दौरान शपथ पत्र में मुकदमा संबंधी तथ्य छुपाने पर पूर्व प्रखंड के चांदी पंचायत के मुखिया अजहर हुसैन उर्फ अजहर अली उर्फ अजहर इमाम के ऊपर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कभी भी कार्रवाई हो सकती है. जिला पदाधिकारी ने 23 दिसंबर को […]

चांदी पंचायत के मुखिया पर हो सकती है कार्रवाईप्रतिनिधि, पूर्णियापंचायत चुनाव 2011 के दौरान शपथ पत्र में मुकदमा संबंधी तथ्य छुपाने पर पूर्व प्रखंड के चांदी पंचायत के मुखिया अजहर हुसैन उर्फ अजहर अली उर्फ अजहर इमाम के ऊपर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कभी भी कार्रवाई हो सकती है. जिला पदाधिकारी ने 23 दिसंबर को राज्य निर्वाचन आयोग के उप सचिव को पत्र लिख कर इस बाबत अब तक की स्थिति और विभिन्न अधिकारियों के जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए दाखिल शपथ पत्र में तथ्य छुपाने के लिए नियम के आलोक में कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है. गौरतलब है कि सबसे पहले 25 जुलाई को प्रभात खबर द्वारा ‘ नामांकन पत्र में सही तथ्य छिपा कर बन गये मुखिया ‘ शीर्षक के तहत इस आशय का समाचार प्रकाशित किया गया था. क्या है मुखिया का मामलामुखिया अजहर हुसैन सदर थाना कांड संख्या 176/02 धारा 392 व 411 के तहत 21 दिसंबर 2005 से 06 जनवरी 2006 तक कारावास में था. लेकिन 2011 के चुनाव में उसने कारावास में रहने वाले तथ्य को शपथ पत्र में शामिल नहीं किया. जबकि नियमानुसार बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 125(क) के तहत अभ्यर्थियों को नामांकन के दौरान अनुसूची 4(क) में न्यायालय द्वारा कारावास या अर्थदंड से दंडित किये गये सजायाफ्ता की सूचना विस्तृत रूप से अंकित करनी होती है. मुखिया ने दिया था स्पष्टीकरण मुखिया श्री हुसैन द्वारा तथ्य छुपाने की बात को पैकागोला निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता मनोज श्रीवास्तव द्वारा सामने लाया गया था. इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई. जांच के पहले सोपान में पंचायत राज पदाधिकारी द्वारा श्री हुसैन से स्पष्टीकरण पूछा गया था. अपने स्पष्टीकरण में श्री हुसैन ने कहा था कि उन्होंने जानबूझ कर कोई तथ्य नहीं छुपाया. साथ ही मुखिया ने माना कि 21 दिसंबर 2005 से 06 जनवरी 2006 तक न्यायिक हिरासत में थे. परंतु उक्त मामला दुर्भावनापूर्वक दर्ज किया गया था. साथ ही इस मामले का समझौता भी हो गया है. जिला पदाधिकारी ने भेजा पत्र जिला पदाधिकारी पंकज कुमार पाल ने इस मामले में 23 दिसंबर को राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भेजा है. जिसमें कहा गया है कि जिला अभियोजन पदाधिकारी से प्राप्त पत्र से प्रतीत होता है कि मो अजहर आलम के विरुद्ध जिला न्यायालय में भादवि की धारा 392 व 411 के तहत आरोपी गठित है और सुनवाई चल रही है. संप्रति मुखिया श्री अजहर दोष सिद्ध नहीं हैं. परंतु अपने विरुद्ध चल रहे धारा 392, 411 के अंतर्गत मामले का उल्लेख मुखिया पद के नाम निर्देशन पत्र में नहीं किया है. इस आशय की जांच रिपोर्ट बीडीओ पूर्णिया पूर्व द्वारा भी दी गयी है. डीएम ने आग्रह किया है कि तथ्य छुपाने के लिए डीएम के आलोक में कार्रवाई की कृपा की जाये.

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