पूर्णिया : गुरुवार की देर शाम सदर पुलिस निरीक्षक एवं आपूर्ति विभाग की ओर से की गयी छापेमारी में बरामद एक हजार पैकेट सरकारी चावल मामले में तीन लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
दर्ज प्राथमिकी में न्यू जायसवाल राइस मिल के मालिक दिनेश जायसवाल, ट्रक ड्राइवर विनोद यादव दंतौल नागालैंड तथा ट्रक मालिक मंजीत कौर कोहिया नागालैंड का नाम शामिल है. उक्त जानकारी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ब्रजेश कुमार सिंह ने दी है. उन्होंने बताया कि जब्त चावल स्थानीय जनवितरण प्रणाली दुकानदारों को सौंपने की प्रक्रिया पूरी का जा रही है. कालाबाजारी में शामिल लोगों की गिरफ्तारी को लेकर कार्रवाई पुलिस प्रशासन की ओर से प्रारंभ कर दी गयी है.
राइस मिल से हुई बरामदगी
गुरुवार की देर शाम मिली गुप्त सूचना के आधार पर सदर इंस्पेक्टर, सदर थानाध्यक्ष एवं प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने सदर थाना क्षेत्र के दमका स्थित राइस मिल में छापेमारी कर तकरीब एक हजार बोरा चावल बरामद किया था. इस दौरान राइम से बरामद चावल प्लास्टिक एवं जूट पैकेट में मिले जिसमें से चावल ट्रक पर लोड कर बाहर भेजने की तैयारी की जा रही थी.
छापेमारी की सूचना मिलते ही सदर एसडीएम रवींद्र नाथ प्रसाद सिंह, एसडीपीओ राजकुमार साह, एडीएसओ सुमन कुमार राय, सदर थाना के अनि वरुण गोस्वामी, विपिन कुमार एवं मंडी के चौकी प्रभारी टीएन सिंह सहित दर्जनों पुलिस वाले मौके पर पहुंच कर उक्त ट्रक व चावल को जब्त कर लिया. पूछताछ के लिए आधे दर्जन मजदूरों को हिरासत में लिया गया, जिसे बाद में छोड़ दिया गया.
महज 10 दिनों में है यह तीसरा मामला
चावल बरामदगी का जिला क्षेत्र में महज 10 दिनों में यह तीसरा मामला है. जिसमें बड़े पैमाने में चावल व गेहूं की बरामदगी हुई है. बीते 17 दिसंबर को जहां गुलाबबाग के हांसदा में दो ट्रक गेहूं बरामद हुआ था, वहीं 22 दिसंबर को सरसी थाना में एक ट्रक चावल पकड़ा गया. अब गुरुवार को हुई छापेमारी में एक हजार पैकेट बरामद हुआ है. लेकिन मामले में सब कुछ एफआइआर तक सीमित रह जाता है.
अब तक यही देखा गया है कि सरकारी अनाज के कालाबाजारी के खिलाफ हुए कार्रवाई की जांच नामजद तक ही सीमित रह जाता है और बड़े खिलाड़ी तक जांच नहीं पहुंच पाती है. यह पता नहीं चल पाता है कि चावल आता कहां से है. जानकार बताते हैं कि इस खेल में कई पुराने माहिर खिलाड़ी शामिल हैं, जिनकी विभागों में गहरी पैठ है. अलबत्ता छापेमारी व अन्य कार्रवाईयों में इन तक कानून की हाथ नहीं पहुंच पाती है.