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डॉक्टरो की कमी, आधी-अधूरी है स्वास्थ्य सुविधा

डॉक्टरो की कमी, आधी-अधूरी है स्वास्थ्य सुविधा श्रीनगर. लाखों की आबादी के लिए स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टरों की कमी की वजह से मरीजों की उम्मीद पर खड़ा उतर नहीं पा रहा है. खास कर स्त्री रोग विशेषज्ञ और शिशु रोग विशेषज्ञ के अभाव में बड़ी आबादी को निराश लौटना पड़ता है. वहीं बेड के […]

डॉक्टरो की कमी, आधी-अधूरी है स्वास्थ्य सुविधा श्रीनगर. लाखों की आबादी के लिए स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टरों की कमी की वजह से मरीजों की उम्मीद पर खड़ा उतर नहीं पा रहा है. खास कर स्त्री रोग विशेषज्ञ और शिशु रोग विशेषज्ञ के अभाव में बड़ी आबादी को निराश लौटना पड़ता है. वहीं बेड के अभाव में भी मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा पीएचसी में समुचित दवा का भी अभाव रहता है. कुल मिला कर जिस उम्मीद से मरीज पीएचसी पहुंचते हैं, वह पूरी नहीं हो पाती है. जबकि यहां आने वाले मरीजों में बड़ी संख्या अररिया जिला के सीमावर्ती क्षेत्रों से आनेवाले मरीजों की भी होती है. महिला चिकित्सक की कमी बड़ी समस्या महिला मरीज अनिता देवी, संजीदा खातून आदि ने बताया कि महिला डॉक्टर के नहीं होने से महिला मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पाता है. महिला मरीजों ने बताया कि कई ऐसी समस्या होती है जिसे पुरुष डॉक्टरों को बता पाना मुश्किल होता है. इतना ही नहीं प्रसव के लिए आयी महिलाओं को भी महिला चिकित्सक के अभाव में परेशानी महसूस होती है. इसके अलावा शिशु रोग विशेषज्ञ का पदस्थापित नहीं होना भी एक बड़ी समस्या है. ऐसे में गरीब मरीजों को महिला और शिशु चिकित्सक के लिए पूर्णिया का रुख करना पड़ता है. जो उनके लिए आर्थिक परेशानी का सबब होता है. नाकाफी हैं यहां उपलब्ध बेड प्राप्त जानकारी अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल 6 बेड हैं. जो यहां आनेवाले मरीजों की संख्या को देखते हुए ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है. कभी कभार मरीजों की संख्या इतनी बढ़ जाती है कि मरीजों को फर्श पर जगह देनी पड़ जाती है. बताया जाता है कि यहां 30 बेड वाला सीएससी अनुमोदित है. इसका टेंडर भी हो चुका है. परंतु इस ओर विभाग की ओर से भवन निर्माण कार्य शिथिल है. जाहिर है कि इस वजह से भी यहां आनेवाले मरीजों को निराश होना पड़ता है. डॉक्टर व दवा का है अभाव पीएचसी में डॉक्टरों की संख्या कुल चार है इनमें से दो नियमित और दो संविदा पर बहाल है. जबकि कुल स्वीकृत पद कुल 6 है. जानकार बताते हैं कि इस अस्पताल के आउटडोर में 33 दवा का उपयोग होता है. इंडोर में 112 दवाई का उपयोग किया जाता है. अस्पताल प्रबंधन के अनुसार यहां सभी दवाइयां मौजूद है जबकि मरीजों के परिजनों का मानना है कि बाजार से दवाई लाना उनकी मजबूरी है. इसी तरह इंडोर में 112 दवाई में 90 दवाई ही मौजूद है. कुछ मरीजों ने बाताया कि इस अस्पताल में रेबीज की दवा उपलब्ध नहीं है. टिप्पणी -अस्पताल में चिकित्सकों की कमी है, इस तथ्य से विभाग भी परिचित है. उपलब्ध संसाधन के आधार पर मरीजों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जाता है. डॉक्टर मेजर अविनाश कुमार, पीएचसी प्रभारी फोटो: 12 पूर्णिया 3-पीएचसी पहुंची महिला मरीज

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