पूर्णिया : पत्रकारिता के अलग-अलग मसलों को समाज से जोड़ कर रविवार को मरंगा स्थित वीवीआइटी कॉलेज परिसर में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें बड़ी संख्या में प्रबुद्धजनों ने हिस्सा लिया. पत्रकारिता के सामाजिक प्रश्नों पर आयोजित इस एक दिवसीय संगोष्ठी में दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के किंशुक पाठक और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के प्रभाशंकर मिश्र मुख्य वक्ता थे.
वीवीआइटी में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के अलावा पुलिस अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी, सहायक समाहर्ता सौरभ जोरवाल, वीवीआईटी के निदेशक अशेश्वर यादव व राष्ट्रभाषा परिषद के निदेशक जयकृष्ण मेहता मौजूद थे. पूर्णिया में आयोजित इस प्रकार के अनूठे बौद्धिक कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में सहायक समाहर्ता सौरभ जोरवाल ने मीडिया के विभिन्न मसलों पर अपनी बात रखी.
कहा कि सोशल मिडिया के प्रयोग में काफी तेजी आयी है. साथ ही इसने लोगों को आजादी प्रदान की है.लोग राय-शुमारी के लिए भी सोशल मीडिया का प्रयोग करने लगे हैं. उन्होंने सोशल मीडिया से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला.प्रथम सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार एमएन सिन्हा ने की.पुलिस अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी ने अपने वक्तव्य में युवाओं से धैर्य धारण करने की अपील की.उन्होंने मीडिया के सही इस्तेमाल की आवश्यकता जतायी.
मीडिया की परिभाषा पर विस्तृत चर्चा करते उन्होंने नकारात्मक खबरों से दूर रहने तथा सकारात्मक खबरों को अधिक तरजीह देने व उन्हें सामने लाने की अपील की.कहा कि नकारात्मक खबरों का प्रकाशन कहां तक उचित है.खबरों के संकलन के दौरान त्रासदी अथवा अन्य दुर्घटनाओं के घटित होने पर पत्रकार का ध्यान केवल समाचार पर केंद्रित होता है,
मानवीय संवेदना गुम सी नजर आती है.होना यह चाहिए कि पीडि़त की पहले मदद करें और मानवीयता दर्शायें, उसके उपरांत समाचार संप्रेषण का कार्य भी निष्पादित करें.उन्होंने स्थानीय स्तर पर सांस्कृतिक गतिविधि एवं ऐतिहासिक धरोहर से संबंधित खबरों को भी उचित स्थान देने की सलाह दी.कहा कि सोशल मीडिया सामान्य पत्रकारिता से मजबूत होता जा रहा है, क्योंकि यहां वह सब लिखने और बोलने की आजादी है जो अखबार या टीवी चैनल नहीं दर्शा पाते हैं.
दीगर बात है कि कुछ झूठी खबरें भी सोशल मीडिया के माध्यम से फैल जाती है और कई बार समस्या भी खड़ी हो जाती है.एसपी श्री तिवारी ने कहा कि मीडिया समाज का दर्पन है और उसे अपने दायित्व व कर्तव्यों को समझना होगा. तीन सत्रों के इस संगोष्ठी में पत्रकारिता और समाज के साथ विज्ञान,चिकित्सा, शिक्षा, सामजिक सारोकार, उद्योग, व्यवसाय, कृषि, प्रशासन, न्याय और ग्रामीण विकास जैसे मसलों पर चर्चा की गयी.
मुख्य वक्ता प्रभाशंकर मिश्र ने मीडिया के व्यावहारिक पक्षों पर बातचीत की.वहीं किंशुक पाठक ने मीडिया में किये जा रहे प्रयोगों पर विस्तृत चर्चा की.पत्रकारिता कार्य में हो रहे सकारात्मक व नकारात्मक बदलावों तथा उनकी चुनौतियों व व्यावहारिक पक्षों पर दोनों विशेषज्ञ वक्ताओं ने चर्चा की.साथ ही मीडिया से ट्रायल ना चलाने की अपील की.तीन सत्रों के इस संगोष्ठी में पत्रकारिता और समाज के साथ विज्ञान, चिकित्सा, शिक्षा, सामजिक सारोकार, उद्योग, व्यवसाय, कृषि, प्रशासन, न्याय और ग्रामीण विकास जैसे मसलों पर चर्चा हुई.
संगोष्ठी में विश्वनाथ केजरीवाल, डाॅ केएस आनंद, दिलीप कुमार दीपक, उमेश मिश्र, बीके ठाकुर, सुमन चौधरी, कासमी, प्रो उषा सिन्हा, नूतन आनंद, देव आनंद, प्रो शंभु कुशाग्र, अरविंद सिंह, दिवकांत झा, शक्तिनाथ यादव, रीता सिन्हा, विजय कुमार श्रीवास्तव आदि मौजूद थे.फोटो : 6 पूर्णिया 13, 14परिचय : 13 -कार्यक्रम को संबोधित करते एसपी निशांत कुमार तिवारी.14 – गोष्ठी में उपस्थित प्रबुद्ध जन.