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परिजनों को अब भी न्याय का इंतजार

पूर्णिया : अपनों को खोने का गम क्या होता है. इस बात का एहसास शायद सहायक खजांची थाना पुलिस को नहीं है. यही वजह है कि चार माह बाद भी थाना क्षेत्र के मो दिलवर हत्याकांड का उद्भेदन नहीं हो पाया है. सज्जाद नगर निवासी इंटरमीडिएट के छात्र दिलवर की हत्या किस वजह से हुई […]

पूर्णिया : अपनों को खोने का गम क्या होता है. इस बात का एहसास शायद सहायक खजांची थाना पुलिस को नहीं है. यही वजह है कि चार माह बाद भी थाना क्षेत्र के मो दिलवर हत्याकांड का उद्भेदन नहीं हो पाया है. सज्जाद नगर निवासी इंटरमीडिएट के छात्र दिलवर की हत्या किस वजह से हुई चार महीनों में दिलवर के दो भाई मो दाउद और मो मुजाहिद पुलिस से गुहार लगाते-लगाते थक चुके हैं. पुलिस केवल आश्वासन देती है.

आश्वासन कब मूर्त रूप ग्रहण कर पायेगा, यह पुलिसवालों को भी पता नहीं है. न्याय की आस में अब नाउम्मीद हो चुके हाजी मुजाहिद ने फिर एक बार एसपी निशांत कुमार तिवारी के पास शनिवार को गुहार लगायी है. प्रभात खबर से बातचीत में भरी आंखों से हाजी मुजाहिद ने कहा ‘ क्या हमें सच जानने का भी हक नहीं है ‘.

29 अगस्त को हुई थी लाश बरामद: दिलवर अमौर थाना क्षेत्र के बकनिया गांव का रहने वाला था. वह कसबा के एमएल आर्या कॉलेज में इंटरमीडिएट विज्ञान का छात्र था. इसके अलावा वह पूर्णिया में रह कर कोचिंग संस्थान में पढ़ाई कर रहा था.
सज्जाद नगर में वह अपने चचेरे भाई के मकान में रहता था. 29 अगस्त को उस मकान से दुर्गंध आने के बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गयी. पुलिस के पहुंचने पर वहां दिलबर की अर्धनग्न लाश मिली. खास बात यह थी कि घर के दरवाजे भी खुले हुए थे. मौके से पुलिस ने दिलवर के मोबाइल के अलावा एक अन्य मोबाइल भी बरामद किया था.
कहां अटक गया पुलिस का वैज्ञानिक अनुसंधान: घटना के उपरांत पुलिस का अनुसंधान तेज हुआ, पर समय के साथ इस हत्याकांड को पुलिस ने ठंडे बस्ते में डाल दिया. पुलिस शुरू के दिनों में दावा करती रही कि वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिये मामले का उद्भेदन कर लिया जायेगा, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ.
आम लोग भी जानना चाहते हैं कि दिलवर के मोबाइल के कॉल डिटेल से पुलिस को क्या मिला. अनुसंधान के क्रम में थानाध्यक्ष प्रशांत भारद्वाज ने स्वीकार किया था कि दिलवर की एक खास नंबर पर लंबी बातचीत हुआ करती थी. बड़ा सवाल यह है कि हत्या से उस खास नंबर का क्या संबंध है. इस बारे में पुलिस कोई खुलासा नहीं कर पा रही है.
परिजन कहते हैं कि दिलवर के साथ दो वर्ष से जलालगढ़ थाना क्षेत्र के बलुआ का नोमान उर्फ मिट्ठू रह रहा था. दिलवर की हत्या से 15 दिन पूर्व वह घर चला गया था. हालांकि बाद में भी उसका आना-जाना लगा रहा. परिजनाें ने कहा कि मिट्ठू दिलवर के बारे में सब कुछ जानता है. पुलिस अगर उससे सख्ती से पूछताछ करे, तो हत्या के कारण का स्पष्ट पता चल जायेगा.

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