पूर्णिया : स्वच्छता अभियान के सरकारी दावे की पोल शहर के सार्वजनिक जगहों व गली मुहल्लों में जमा व बिखरा हुआ कचरा खोल रहा है. त्योहारों को लेकर थोड़ी बहुत हुई पहल भी अब सुस्त पड़ गयी है.
हालात यह है कि नगर निगम स्वच्छता को लेकर न तो अब तक पार्षदों की बैठक कर कोई ठोस निर्णय लिया जा सका है और न ही पूर्व में सफाई के नाम पर लिये गये फैसले लागू हो पाये हैं.
इतना ही नहीं शहर में कुछ खास मौके पर चला स्वच्छता अभियान के बाद निगम से लेकर किसी स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी स्वच्छता को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी. हाल यह है कि शहर में फैला कचरा और निगम के सुस्त चाल के कारण स्वच्छता अभियान की सफलता सवालों के घेरे में है.
सवालों के घेरे में है निगम की कार्यप्रणाली शहर में स्वच्छता अभियान की तसवीर यह है कि प्रमंडलीय आयुक्त से लेकर पुलिस उप महानिरीक्षक, मेयर से लेकर विधायक और डीएम से लेकर सामाजिक संस्थाओं ने भी सड़क और सार्वजनिक जगहों पर झाड़ू लगाया और स्वच्छता का संदेश दिया.
लेकिन शहर में लाखों खर्च कर नगर निगम ही स्वच्छता पर मुखर व तत्पर नहीं दिख रहा है. कोई ऐसा वार्ड या गली नहीं है जिसके नुक्कड़ पर कचरा पसरा नहीं रहता है. इसके लिए आम लोग भी जिम्मेवार हैं. लेकिन बड़ी जिम्मेवारी निगम की है जो नुक्कड़ पर पर्याप्त संख्या में कूड़ादान उपलब्ध नहीं करा पा रहा है. ऐसे में निगम की कार्यप्रणाली और मंशा दोनों सवालों के घेरे में है.
फैसले पर अब तक अमल नहीं नगर निगम के वित्तीय वर्ष 2014-2015 के बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था कि प्रत्येक वार्ड में सफाई हेतु दो अतिरिक्त मजदूर पार्षदों को लगाया जायेगा. इसके अलावा शहर को कई जोन में बांट कर स्थिति अनुसार कचरा निस्तारण का निर्णय लिया गया था.
हालात यह है कि न तो इस फैसले पर अमल किया गया न ही कचरा निस्तारण में कोई तेजी आयी. अलबत्ता शहर के हर वार्ड, मुहल्ला एवं नुक्कड़ों पर कचरा जमा है. सबसे बड़ी समस्या यह है कि निगम अपने ही फैसले पर अमल करने में विफल साबित होता रहा है. ऐसे में समस्या का बना रहना लाजिमी है.
अतिरिक्त मजदूर फिर भी सफाई नदारद हद तो तब हो जाती है जब सरकारी फरमान के बाद शहर के एक हिस्से मधुबनी इलाके में जहां नगर निगम खुद सफाई व्यवस्था का बागडोर संभाला हुआ है, आशा के अनुरूप परिणाम नहीं मिल पाता है. तकरीबन एक सौ अतिरिक्त मजदूर लगाने के साथ कचरा निस्तारण हेतु भाड़े का ट्रैक्टर इस्तेमाल कर लाखों खर्च किया जा रहा है, लेकिन सफाई नदारद है.
नतीजा यह है कि मधुबनी इलाके के सभी वार्ड में सफाई का हाल बदहाल है. सड़क किनारे यत्र-तत्र कचरा बिखरा नजर आता हैं. इन वार्डों में रहने वाले लोग कचरे से निकलने वाले सड़ांध से परेशान हैं. इन जगहों पर पसरा है कचरा शहर के बस स्टैंड, लाइन बाजार, भट्टा बाजार, मधुबनी शास्त्री नगर, गुलाबबाग के इमली पट्टी, शास्त्री नगर हंसदा, स्टेशन रोड सहित तकरीबन दो दर्जन से अधिक सार्वजनिक जगहों पर कचरा जमा है.
इतना ही नहीं शहर के मुख्य मार्गों के किनारे नगर निगम द्वारा कचरा निस्तारण का व्यवस्था भी राहगीरों को परेशान कर रहा है. कई ऐसे इलाके भी हैं जहां नालियों से पानी निकल कर सड़क पर बहता है. वैसे जगहों पर आम लोगों की मुश्किलें दोगुनी हो जाती है. टिप्पणी त्योहार के बाद सफाई मजदूर वापस लौटे हैं.
कचरा निष्पादन हेतु अतिरिक्त वाहन भी रखा गया है. शीघ्र ही शहर पहले की तरह स्वच्छ होगा. सुरेश चौधरी, नगर आयुक्त, नगर निगम, पूर्णिया फोटो: 1 पूर्णिया 1परिचय:1- जेल चौक स्थित पसरा कचरा 2-बस स्टैंड के अंदर पसरा कचरा