बेटी व बहू में कोई फर्क नहीं, समझने की जरूरत पूर्णिया. गौस एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी रामबाग, वैभव सेवा संस्थान पूर्णिया तथा निर्जल चित्रा मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में जिला स्कूल मैदान में रविवार को सामाजिक कुरीतियों से उत्थान को लेकर नुक्कड़-नाटक आयोजित हुआ.सेवानिवृत्त शिक्षक व कला संस्कृति मंच के अध्यक्ष दशरथ देहाती के निर्देशन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने देहाती क्षेत्रों में व्याप्त समस्याओं तथा उसके निदान पर प्रकाश डाला.नाट्य के माध्यम से कलाकारों ने बेटी और बहू के बीच अपनायी जाने वाली दूरी पर कुठाराघात किया.साथ ही शिक्षित और सभ्य समाज के बीच की दूरी को भी प्रदर्शित किया.श्री देहाती ने कहा कि नशाखोरी और कन्या भ्रूण हत्या समाज की सबसे बड़ी समस्या है, इसे दूर करने की आवश्यकता है.कहा कि बेटी और बहू में कोई फर्क नहीं होता है.दोनों को एक समान सम्मान देंगे, तो खुद का सम्मान भी बना रहेगा. सचिव चंद्रभूषण चौधरी ने भी नशाखोरी को सबसे बड़ी समस्या बताया.गौस मुहम्मद एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के सचिव मो तबरेज आलम तथा वैभव सेवा संस्थान के सचिव विभा देवी ने महिलाओं के उत्थान की आवश्यकता जतायी.नाट्य कला भवन पूर्णिया के निदेशक कुंदन कुमार सिंह व विश्वजीत कुमार सिंह तथा सरगम सांस्कृतिक मंच के सचिव रामपुकार टुडू ने भी अपने विचार रखे.कलाकारों ने दहेज प्रथा एवं नशा मुक्ति पर गीत भी प्रस्तुत किये.मौके पर इजहार आलम, रेणु देवी, सलमान हुसैन, लक्ष्मीकांत, एस नवाज, राजेंद्र चौधरी, मुकुंद मिश्र, धीरज कुमार, दीपक कुमार झा, प्रफुल्ल कुमार मिश्र, रवि कुमार सिन्हा, मधुकर कुमार आदि उपस्थित थे.फोटो : 29 पूर्णिया 4परिचय : नाट्य की प्रस्तुति करते कलाकार.
बेटी व बहू में कोई फर्क नहीं, समझने की जरूरत
बेटी व बहू में कोई फर्क नहीं, समझने की जरूरत पूर्णिया. गौस एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी रामबाग, वैभव सेवा संस्थान पूर्णिया तथा निर्जल चित्रा मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में जिला स्कूल मैदान में रविवार को सामाजिक कुरीतियों से उत्थान को लेकर नुक्कड़-नाटक आयोजित हुआ.सेवानिवृत्त शिक्षक व कला संस्कृति मंच के अध्यक्ष दशरथ देहाती के निर्देशन […]
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