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ठंड के साथ कोहरे ने दी दस्तक, सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ी संभावना

ठंड के साथ कोहरे ने दी दस्तक, सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ी संभावना सुबह सूर्योदय से पहले और शाम सूर्यास्त के साथ कोहरे की चादर से सड़कें ढकने लगी लगी है. हालांकि अभी कोहरे का प्रकोप उतना अधिक नहीं है और ठंड भी गुलाबी है लेकिन सड़कों पर रोशनी की अव्यवस्था और टर्निंग प्वाइंट के साथ […]

ठंड के साथ कोहरे ने दी दस्तक, सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ी संभावना सुबह सूर्योदय से पहले और शाम सूर्यास्त के साथ कोहरे की चादर से सड़कें ढकने लगी लगी है.

हालांकि अभी कोहरे का प्रकोप उतना अधिक नहीं है और ठंड भी गुलाबी है लेकिन सड़कों पर रोशनी की अव्यवस्था और टर्निंग प्वाइंट के साथ आधी अधूरी सड़कों का निर्माण खतरे की घंटी है.

पूर्णिया : बाबू जी धीरे चलना, राह में जरा संभलना…हिंदी फीचर फिल्म आर-पार का यह गाना पूर्णिया के सड़क मार्ग पर दौड़ती वाहनों के चालकों के लिए एक संदेश है, जो उन्हें सचेत भी करता है. थोड़ी देर से आयी है ठंड, लेकिन कोहरे को साथ लेकर आ गयी है.

सुबह सूर्योदय से पहले और शाम सूर्यास्त के साथ कोहरे की चादर से सड़कें ढकने लगी लगी है. हालांकि अभी कोहरे का प्रकोप उतना अधिक नहीं है और ठंड भी गुलाबी है लेकिन सड़कों पर रोशनी की अव्यवस्था और टर्निंग प्वाइंट के साथ आधी अधूरी सड़कों का निर्माण खतरे की घंटी है.

ऐसे में कोहरे के बीच वाहन चलाते वक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है अन्यथा थोड़ी सी चूक भी महंगी पड़ सकती है.सड़कें हैं चौड़ी, नहीं है ब्रेकरकोहरे के चादर के बीच वाहन परिचालन के वक्त शहर के दर्जन भर जगहों पर हादसे की संभावना बनी हुई है.जिसमें मुख्यत: पूर्णिया-गुलाबबाग मार्ग में अधूरा पड़ा सिक्स लेन सड़क का कई हिस्सा शामिल है.

गौरतलब है कि कि कुंडी पुल, कप्तानपाड़ा, रेल ओवरब्रिज लकड़ी पट्टी के अलावा गुलाबबाग, मनुषमारा धार पुल के पास सड़कें अचानक संकीर्ण हो जाती है.वही इन पुलों के बीच की सड़कें चौड़ी हैं.दोनों लेन पर वाहन फर्राटों के साथ दौड़ती हैं, लेकिन पुल-पुलियों के पास न तो संकेत डिवाइडर है और न पुलिया का निर्माण कराया गया है.

ऐसे में धुंध के बीच वाहन चालन में थोरी सी चूक दुर्घटना की वजह बन सकती है. यहां अंधेरे में गुजरते हैं वाहन पूर्णिया गुलाबबाग के दो महत्वपूर्ण जगहों पर शाम ढलते अंधेरे का साम्राज्य स्थापित हो जाता है.

जबकि इन दोनों जगहों से हजारों वाहन का निर्बाध आना जाना होता है.पहला रेलवे ओवरब्रिज और दूसरा जीरो माइल चौराहा. हालात यह है कि रोशनी का अभाव कोहरे के चादर में लिपटते इस मार्ग से गुजरने वाले वाहनों की सुरक्षा चालक की मुस्तैदी पर निर्भर है.

अन्यथा कोहरा किसी भी वक्त दुर्घटना की वजह बन सकता है. इसकी मूल वजह यह है कि कोहरे के कारण सड़कों पर दृश्यता कम हो जाती है.लिहाजा तेज रफ्तार यहां खतरनाक साबित हो सकता है.ऐसे करें बचाव कोहरे के बीच गाड़ी धीमी गति से चलायें, ताकि सामने सड़क की स्थिति को देख सके.

साथ ही वाहन चलाते समय हेडलाइट व इंडिकेटर जला कर चलें, ताकि सामने से आ रही गाड़ी को संकेत मिल सके.इसके साथ ही हॉर्न का प्रयोग आवश्यक है.इन सबके साथ-साथ वाहन चलाते वक्त पूरी तरह सतर्कता ही हमारी सुरक्षा का मानदंड साबित हो सकता है.फोटो: 28 पूर्णिया 10परिचय-सड़क पर छाया घना कोहरा.

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