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लाभुकों के चयन में बरतें पारदर्शिता: डीएम

लाभुकों के चयन में बरतें पारदर्शिता: डीएम पूर्णिया. बिहार की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है. जितनी आसानी से एवं प्रचुर मात्रा में सिंचाई के लिए जल श्रोत पूर्णिया में उपलब्ध है, उतना अन्यत्र नहीं है. उक्त बातें डीएम बाला मुरूगन डी ने कही. डीएम सोमवार को टाउन हॉल में रबी 2015-16 के जिलास्तरीय कर्मशाला सह प्रशिक्षण […]

लाभुकों के चयन में बरतें पारदर्शिता: डीएम पूर्णिया. बिहार की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है. जितनी आसानी से एवं प्रचुर मात्रा में सिंचाई के लिए जल श्रोत पूर्णिया में उपलब्ध है, उतना अन्यत्र नहीं है. उक्त बातें डीएम बाला मुरूगन डी ने कही. डीएम सोमवार को टाउन हॉल में रबी 2015-16 के जिलास्तरीय कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. कृषि तकनीकी प्रबंधन एजेंसी(आत्मा) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में डीएम ने कहा कि जिला में सामान्य से 40 प्रतिशत कम वर्षा होने पर भी किसानों ने कड़ी मेहनत कर अच्छी खेती की है. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा निर्धारित प्रखंड एवं पंचायत स्तरीय लाभुकों के चयन में बराबर शिकायत आती है. एक ही समूह के किसानों का चयन होता है और उन्हें योजनाओं का लाभ मिलता है. उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी शिकायतें नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रक्रिया पूरा कर किसानों का चयन ठीक प्रकार से होना चाहिए. डीएम बाला मुरूगन ने कहा कि उद्देश्य के अनुकूल डेमोंसट्रेशन होना चाहिए, ताकि किसान उसे अपना सके. उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायत मिलती है कि मानक के अनुरूप डेमोंसट्रेशन नहीं होता है, एक ही परिवार के चार-पांच लोगों को इसका लाभ मिल जाता है. उन्होंने कर्मशाला सह प्रशिक्षण शिविर में उपस्थित विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को किसानों को सिंचाई के लिए विद्युत कनेक्शन, सोलर वेस्ट पंप, कोल्ड स्टोरेज में सोलर पैनल लगाने के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि सोलर पैनल से प्राप्त विद्युत ऊर्जा को ग्रिड में एक्सपोर्ट भी किया जा सकता है. डीएम ने जल संरक्षण के लिए तकनीक को बढ़ावा देने पर काम करने का निर्देश दिया. उन्होंने सोलर प्लेट लगाने वाले किसानों एवं कोल्ड स्टोरेज के मालिकों को हरसंभव प्रशासनिक सहयोग देने की बात कही. डीएम ने कृषि विभाग की योजनाओं को समय और पारदर्शी तरीके से धरातल पर लाने के लिए टास्क फोर्स की बैठक करने का निर्देश दिया. डीएम ने कहा कि किसानों की समस्या के समाधान की कोशिश होगी. कृषि योजनाओं को ससमय धरातल पर उतारने का दायित्व विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों की है. उपविकास आयुक्त राम शंकर ने कहा कि सरकार द्वारा संचालित सभी कृषि योजनाओं का क्रियान्वयन ससमय किया जायेगा. जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश प्रसाद सिंह ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि कृषि क्षेत्र में लगातार अनुसंधान हो रहे हैं, फलस्वरूप उत्पादकता बढ़ाने की नयी तकनीक आ रही है, जिससे उत्पादन बढ़ा है. उन्होंने कहा कि सीडस रिप्लेसमेंट पर सरकार का जोड़ है, जिसके तहत सर्टिफाइड आधार बीज, बीज ग्राम योजना, मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना संचालित है. उन्होंने कहा कि किसानों को रबी फसल के लिए मसूर, मटर एवं सरसों का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है. बीज ग्राम योजना के तहत प्रत्येक प्रखंडों में काम चल रहा है. अमौर, बैसा, डगरूआ एवं बायसी में बोरो धान का भी लक्ष्य है. 05 दिसंबर को स्वाइल हेल्थ कार्ड दिवस मनाया जायेगा, जो राष्ट्रीय कार्यक्रम है. उन्होंने सभी संबंधित कर्मियों को 25 नवंबर तक लक्ष्य के अनुसार मिट्टी जांच केंद्र को उपलब्ध करा देने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि फसलों के लिए डेमोंसट्रेशन नहीं होगी तो इसकी जवाबदेही समन्वयक और सलाहकार की होगी. कार्यक्रम को संयुक्त निदेशक गुलाब यादव, जलालगढ़ कृषि विज्ञान केंद्र के डा अश्विनी, भो पा कृ महाविद्यालय के डा एके राय, डा सूर्यप्रकाश ने संबोधित किया. मंच संचालन परियोजना निदेशक आत्मा राजेश प्रताप सिंह ने किया. कार्यक्रम में जिले के सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, एसएमएस, कृषि समन्वयक एवं कृषि सलाहकार आदि मौजूद थे. फोटो:- 16 पूर्णिया 19 एवं 20परिचय:- 19- संबोधित करते डीएम20- उपस्थित कृषि अधिकारी व अन्य

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