वैकल्पिक छठ घाट के निर्माण का प्रचलन बढ़ा जलालगढ़. बढ़ती जनसंख्या और सिकुड़ती घाट के कारण श्रद्धालु महापर्व के लिए वैकल्पिक घाट का निर्माण करा रहे हैं. स्थानीय बाजार सहित न्यू कॉलोनी, पुराना थाना, संतोष नगर, मेंहींनगर आदि क्षेत्र के श्रद्धालु कोसी नदी में घाट का निर्माण कर अर्घ्य के लिए जाते थे. इन क्षेत्रों में लगातार लोगों की आबादी बढ़ती जा रही है. अब नदियों के किनारे भी आवासीय भवन का निर्माण होने लगा है. साथ ही अतिक्रमण के कारण भी लगातार नदियों का घाट सिकुड़ता जा रहा है. इस वजह से अब वैकल्पिक छठ घाट के निर्माण का प्रचलन बढ़ा है. गौरतलब है कि इस वर्ष कम वर्षा के कारण नदी में पानी बिल्कुल कम है. जहां पानी है भी उसमें भी जलकुंभी का कब्जा है. रही-सही कसर पानी की जगह कीचड़ पूरा कर रहा है. इस स्थिति में ऐसे घाट पूजा के लिए सुरक्षित नहीं पाया जा सकता है. स्थानीय प्रशासन की ओर से घाट को लेकर किसी प्रकार की सुधि नहीं लेने के कारण लोग अपने स्तर से पूजा के लिए घाट की सफाई में जुटे हुए हैं. वहीं न्यू कॉलोनी व पुराना थाना से सटे इलाके में श्रद्धालु अपने स्तर से गढ्ढे का निर्माण कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार स्थानीय पंचायत के मुखिया की ओर से मोंगरा पोखर तथा गंगा सागर की सफाई किया गया है. कोसी धार स्थित घाट की सफाई नहीं होने पर लोगों में आक्रोश है. परंतु महापर्व को लेकर खुद इसकी सफाई व विकल्प में जुटे हुए हैं. कोशी नदी में क्षेत्र के करीब पचास हजार श्रद्धालु छठ महापर्व में अर्र्घ्य के लिए जुटते हैं.
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वैकल्पिक छठ घाट के नर्मिाण का प्रचलन बढ़ा
वैकल्पिक छठ घाट के निर्माण का प्रचलन बढ़ा जलालगढ़. बढ़ती जनसंख्या और सिकुड़ती घाट के कारण श्रद्धालु महापर्व के लिए वैकल्पिक घाट का निर्माण करा रहे हैं. स्थानीय बाजार सहित न्यू कॉलोनी, पुराना थाना, संतोष नगर, मेंहींनगर आदि क्षेत्र के श्रद्धालु कोसी नदी में घाट का निर्माण कर अर्घ्य के लिए जाते थे. इन क्षेत्रों […]
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