पूर्णिया : मतदान से एक दिन पहले बुधवार को प्रत्याशियों की गाड़ियां गांव की गलियों से लेकर मुहल्लों में देर रात तक दौड़ती रहीं. हर घर दस्तक के साथ-मान मनौव्वल और आरजू-मिन्नत का दौर जारी रहा. चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों ने मतदान के एक दिन पहले सूर्य निकलने से पहले मतदाताओं का दर्शन किया.
पूरा दिन कनफुंकवा प्रचार, गली-कूचों में बैठकों के साथ बीता. वहीं शाम ढलते ही प्रत्याशियों के समर्थक अंतिम दौर की लड़ाई में जुट गये. हर प्रत्याशी और उसके सलाहकार आखिरी दावं लगाने में कोई कोर कसर छोड़ते नजर नहीं आये. कल तक सड़कों और नुक्कड़ों पर राजनेता और राजनीति की चर्चा करने वाले मतदाताओं के दरवाजे पर दस्तक देते नजर आये.
कनफुंकवा प्रचार का हाल यह था कि मतदान से पहले अचानक मतदाताओं के घर रिश्तेदारों और शुभचिंतकों की बाढ़ आ गयी थी. रात भर जागते रहे प्रत्याशी समर्थक मंगलवार को मतदाता परेशान रहे रात भर बेल की घंटी बजती रही.
घर के दरवाजे पर कभी भतीजे ने दस्तक दी तो कभी दूर के रिश्तेदार ने आकर आवाज लगायी. मुहल्ले के छुटभैया नेता अचानक रिश्ता भजाते काकी को मनाते रहे. नेताओं की भीड़ गली, मुहल्लों, गांवों कस्बे एवं टोले में पसीना बहाते वोट बनाते रहे. परेशान मतदाता भी सबको आश्वस्त कर जीत का विश्वास दिलाते रहे और जैसे-तैसे रात कटी.
अब आम लोग भी ईश्वर से प्रार्थना करने लगे हैं कि बुधवार की रात जल्दी आये और गुरुवार को वोट डाल कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लें.