बीआरपी पर गिरी गाज,हुआ निष्कासन
पूर्णिया : धमदाहा प्रखंड संसाधन केंद्र में पदस्थापित प्रखंड साधनसेवी धनंजय कुमार देव को अवैध राशि वसूली के आरोप में निष्कासित कर दिया गया है.
आशय के बाबत जिला शिक्षा पदाधिकारी मो मंसूर आलम ने बताया कि धमदाहा प्रखंड क्षेत्र में पदस्थापित शिक्षकों की ओर से वेतनमान निर्धारण तथा सेवा पुस्तक के लिए अवैध राशि उगाही की शिकायत प्राप्त हुई थी.
इसके आलोक में स्थापना डीपीओ मिथिलेश प्रसाद की ओर से मामले की जांच करायी गयी. जांच के क्रम में शिकायत सही पाया गया. इसके बाद श्री देव को बीआरपी के पद से मुक्त कर दिया गया है. साथ ही अगले आदेश तक मूल पदस्थापित पद पर आदर्श संस्कृत मध्य विद्यालय धमदाहा में योगदान सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया गया है.
वहीं डीपीओ श्री प्रसाद ने बताया कि मामले की जांच के लिए सोमवार को धमदाहा बीआरसी का औचक निरीक्षण किया गया. जहां वेतनमान निर्धारण के लिए शिक्षकों की लंबी कतार लगी थी.
मौजूद शिक्षकों से भी बारी-बारी से जानकारी ली गयी. शिक्षकों ने बताया कि बीआरपी श्री देव की ओर से वेतन निर्धारण के लिए अवैध राशि की मांग की जा रही है. वहीं शिक्षकों को आक्रोशित होते देख श्री देव बीआरसी कार्यालय में ताला जड़ कर बाहर चले गये. बीइओ के अनुपलब्ध रहने के कारण उनसे संपर्क नहीं हो सका.
श्री प्रसाद ने बताया कि आशय के बाबत अनुमंडल पदाधिकारी को भी सूचना दी गयी. साथ ही उनसे समस्या के निदान के लिए आवश्यक पहल का अनुरोध किया गया. बाद में बीआरपी श्री देव ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया तथा अपनी संलिप्तता से इनकार कर दिया.
इधर, धमदाहा बीइओ ने बताया कि बुखार के कारण वे कुछ समय में ही कार्यालय से वापस घर लौट गये. बीइओ ने भी अपनी संलिप्तता से इनकार किया तथा श्री देव को बीआरपी पद से हटाने की अनुशंसा की जानकारी दी. डीपीओ श्री प्रसाद ने बताया कि वस्तुस्थिति से डीइओ को अवगत कराया गया है.
इसके आलोक में बीआरपी के विरुद्ध कार्रवाई की गयी है. बीइओ से भी हुआ स्पष्टीकरण वेतन निर्धारण के लिए अवैध वसूली मामले में धमदाहा के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से कारण पृच्छा की गयी है.
जिला स्थापना शाखा की ओर से जारी स्पष्टीकरण आदेश में कहा गया है कि डीपीओ मिथिलेश प्रसाद की ओर से औचक निरीक्षण के क्रम में सामने आये तथ्यों से परिलक्षित होता है कि बीइओ की ओर से कर्तव्य पालन में विभागीय दिशा-निर्देश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. साथ ही बीमारी का बहाना बना कर मुख्यालय से बाहर अपने निवास पर रहने की जानकारी दी गयी है,
जिससे नियोजित शिक्षकों के सेवा पुस्तक संधारण एवं वेतन निर्धारण में अनावश्यक रूप से विलंब हो रहा है. इससे शिक्षक गण में विभाग के प्रति आक्रोश उत्पन्न हो रहा है.
बीइओ से यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि अवैध वसूली की शिकायत मिलने पर उनके की ओर से क्या कार्रवाई की गयी. साथ ही मामले में उनकी संलिप्तता क्यों न मानी जाये. मंगलवार को जारी आदेश के तहत बीइओ को सभी बिंदुओं पर तीन दिनों के अंदर उपलब्ध कराने को कहा गया है.