प्रतिनिधि, पूर्णिया वह वर्ष 2008 था जब जानकीनगर थाना क्षेत्र के अभय राम चकला पंचायत के विनोबा ग्राम में मो मुसलिम का बेटा फानूस एक साधारण लड़का हुआ करता था. गरीबी के बीच पला बढ़ा फानूस बेरोजगार था और यत्र-तत्र भटकता रहता था. उसी वर्ष लूटपाट की एक घटना में वह आरोपी बना और घर […]
प्रतिनिधि, पूर्णिया
वह वर्ष 2008 था जब जानकीनगर थाना क्षेत्र के अभय राम चकला पंचायत के विनोबा ग्राम में मो मुसलिम का बेटा फानूस एक साधारण लड़का हुआ करता था. गरीबी के बीच पला बढ़ा फानूस बेरोजगार था और यत्र-तत्र भटकता रहता था. उसी वर्ष लूटपाट की एक घटना में वह आरोपी बना और घर छोड़ कर फरार हो गया. एक वर्ष बाद वापस लौटने पर फानूस की गतिविधि और चाल-ढाल बदली-बदली नजर आयी. बीते एक वर्ष वह क हां रहा और क्या करता रहा यह किसी को पता नहीं था.
धीरे-धीरे फानूस का दायरा बढ़ता चला गया. उसके इर्द-गिर्द बेरोजगार युवकों की टोली उमड़ने लगी. लगभग तीन वर्ष पहले अचानक वह नोट दुगुना करने की गतिविधि में शामिल हो गया. वर्ष 2014 आते-आते उसका धंधा परमान चढ़ने लगा और उसके काले कारोबार का साम्राज्य लगभग एक अरब के आसपास पहुंच गया. महंगी गाड़ी की सवारी और आम लोगों से नहीं मिलना फानूस के दिनचर्या में शामिल हो गया. ऊंची हस्ती वाले लोगों से भी फानूस के तार जुड़ गये. इसी बीच विनोबा ग्राम में पुलिस पर हमला हुआ और अचानक फानूस चर्चा का विषय बन गया. अपने इर्द-गिर्द करोड़ों का कारोबार फैलाने वाला और आर्थिक रूप से दूसरों की हिफाजत करने वाला फानूस खुद अपनी हिफाजत नहीं कर सका.
औपबंधिक जमानत पर रिहा हुआ था फानूस
पुलिस पर हमले के बाद जानकीनगर थाना कांड संख्या 02/15 भादवि की धारा 147, 148, 149, 341, 342, 323, 324, 325, 337, 338, 353, 307, 333, 334, 379, 427, 120 बी और 27 आर्म्स एक्ट के तहत फानूस और अन्य 24 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ था. उसके बाद से फानूस फरार था और उसका काला कारोबार भी बंद था. गुरुवार को व्यवहार न्यायालय द्वारा उच्च न्यायालय के निर्देश पर सशर्त फानूस को जमानत दी गयी थी. इसके बाद वह गुरुवार को अपने घर पहुंचा था. शुक्रवार को वैसे लोगों को बुलाया गया था जिन्हें फानूस द्वारा रुपया लौटाया जाता. पूरे गांव में जश्न का माहौल था और इसी बीच यह दुखद हादसा हुआ