पूर्णिया: शहर के 350 वर्ष प्राचीन जैन समाज के पारसनाथ मंदिर से चोरों ने गुरुवार की रात करोड़ों रुपये मूल्य के अष्टधातु की मूर्तियां चोरी कर ली. मूर्ति चोरी की घटना से समग्र जैन समाज मर्माहत है. वहीं सूचना के साथ ही सदर थाना पुलिस मामले की छानबीन में जुट गयी है.
बताया जाता है कि मंदिर के मुख्य द्वार का ताला काट चोरों ने घटना को अंजाम दिया. मंदिर के पुजारी के अनुसार माता पदमावती के अष्टधातु की मूर्ति, अष्टधातु के पंच कल्याण सिद्धि यंत्र के अलावा चार अष्ट धातु के कलश व जैन समाज के अधिष्ठदायक भैरव जी महराज की मुकुट व चांदी की छतरी चुरा लिये. साथ ही भगवान महावीर और शांतिनाथ भगवान के चांदी का मुकुट उड़ा लिया गया. चुराये गये सामान की कीमत विश्व बाजार में करोड़ों रुपये आंकी जा रही है. वहीं जैन समाज इसे आस्था पर आघात मान रहा है.
सुबह पुजारी रह गये थे स्तब्ध : बताया जाता है कि पारसनाथ मंदिर के पुजारी दुर्गेश झा शुक्रवार को सुबह करीब पांच बजे आरती पूजन के लिए मंदिर पहुंचे, जहां का नजारा देख वह स्तब्ध रह गये. श्री झा ने बताया कि मंदिर का दरवाजा खुला पड़ा था. वहीं अंदर तीन अलग-अलग भागों में बने मंदिर स्थल से मूर्तियां व मुकुट गायब थे. इसके बाद उन्होंने मंदिर कमेटी के अध्यक्ष व सदर थाना को आशय की जानकारी दी.
समग्र जैन समाज है मर्माहत
शहर केप्राचीन जैन मंदिर में हुई चोरी की घटना से समूचा जैन समाज मर्माहत है. बता दे कि घटना की सूचना मिलते ही गुलाबबाग, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज के सैकड़ों जैन धर्मावलंबी मंदिर पहुंचे. शहर का यह पारसनाथ मंदिर जैन समाज के आस्था का प्रतीक है. लिहाजा चोरी के बाद धर्मावलंबियों में आक्रोश है. धर्मावलंबी प्रशासन से शीघ्र मामले का उद्भेदन कर करने की मांग कर रहे हैं.
मंदिर परिसर का दीवार फांद घुसे चोर
बताया जाता है कि मंदिर का मुख्य द्वार सुबह भी बंद पड़ा था. इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि घटना में शामिल चोरों ने मंदिर परिसर के मुख्य द्वार को छुआ तक नहीं. मंदिर में प्रवेश के लिए चोर दीवार फांद कर अंदर आये. वहीं मुख्य मंदिर के दरवाजे पर लगे ताले को आरी ब्लेड से काट कर चोरी की घटना को अंजाम दिया गया.
350 वर्ष पुरानी है मूर्ति
जैन पारसनाथ मंदिर के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद संचेती के अनुसार माता पदमावती की अष्टधातु की मूर्ति सहित कलश व पंच कल्याण मंत्र सिद्धि जैन आस्था का प्रतीक है. यह सभी चीजें तकरीबन 350 वर्ष पुरानी है. मंदिर के वार्षिकोत्सव पर समूचे सीमांचल व नेपाल से जैन समाज के लोग यहां पहुंचते हैं और पूजा में शामिल होते हैं. यह घटना जैन समाज की आस्था पर कड़ा आघात है.
संदेह के आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. उनसे पूछताछ जारी है. शीघ्र ही मामले का उद्भेदन कर लिया जायेगा.
मनोज कुमार, एसडीपीओ, पूर्णिया