पूर्णिया: आसन्न दुर्गापूजा में कोर्ट स्टेशन के सार्वजनिक दुर्गापूजा समिति के पंडाल परिसर में ग्रामांचलों से विलुप्त हो रही लोक संस्कृति एवं लोकनृत्य जीवित हो जायेगी. यहां दुर्गापूजा का मुख्य आकर्षण यही होगा. समिति के अध्यक्ष सह पूर्णिया नगर निगम के डिप्टी मेयर संतोष यादव ने बताया कि दुर्गा पूजा में ग्रामीण परंपरा को कायम रखा गया है. अररिया जिले के रानीगंज और भागलपुर जिले के नवगछिया से लोकनृत्य के कलाकारों को बुलाया जा रहा है. कोर्ट स्टेशन दुर्गा पूजा में लोक नृत्य के आयोजन से देहाती संस्कृति जीवित हो जाती है.यहां सप्तमी, अष्टमी, नवमी व दशमी को रात भर लोक नृत्य (देहाती नृत्य) होता है.
1970 से होती है पूजा
पूजा समिति के सचिव सुजीत कुमार देव ने बताया कि वर्ष 1970 से कोर्ट स्टेशन परिसर में दुर्गा पूजा की जा रही है. श्री देव ने बताया कि कोर्ट स्टेशन के स्टेशन मास्टर आर एन राय चौधरी ने स्थानीय नागरिक संतोष कुमार देव के सहयोग से सर्वप्रथम दुर्गा पूजा की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि यहां बंगला पद्धति से पूजा की जाती है. स्थानीय विवेकानंद कॉलोनी के पुजारी मौनी ठाकुर प्रत्येक वर्ष दुर्गा पूजा संपन्न कराते हैं. पूजा में परिसर स्थित कुएं के जल का ही प्रयोग किया जाता है.
80 फीट ऊंचा पूजा पंडाल
यहां का पूजा पंडाल 80 फीट ऊंचा व 65 फीट चौड़ा बनाया गया है. यह शहर का सबसे ऊंचाई वाला पंडाल कहा जा रहा है. इसकी सजावट भी काफी मनमोहक ढंग से किया गया है. पंडाल व मूर्ति का निर्माण पश्चिम बंगाल के राजगंज के कलाकारों द्वारा बनावाया जा रहा है.
पार्किग की व्यवस्था
समिति के सचिव श्री देव ने बताया कि पूजा स्थल से पश्चिम पार्किग स्थल रखा गया है. सभी वाहन मुख्य द्वार से प्रवेश करेंगे और पार्किग स्थल पर रुकेंगे. वहां समिति की ओर से स्वयंसेवक तैनात रहेंगे.
शौचालय की परेशानी नहीं
श्री देव ने बताया कि कोर्ट स्टेशन नजदीक होने के कारण स्टेशन का ही शौचालय उपयोग में लाया जायेगा. इसके लिए स्टेशन प्रबंधन से सहमति बना ली गयी है.