पूर्व सांसद पप्पू यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा
पूर्णिया: राइट टू रिजेक्ट अक्षरश: लागू हो, लेकिन इसके लिए जरूरत है एक शैक्षणिक माहौल बनाने की. जो देश आर्थिक, सामाजिक, बौद्धिक और शैक्षणिक रूप से संपन्न है, वहां ऐसे कानून ठीक हैं. यह देश जाति, मजहब, क्षेत्रवाद, पैसा और पॉलीथिन जैसी मानसिकता पर बंटा हुआ है. जहां जाति के नाम पर वोट लिया जाता है, वहां राइट टू रिजेक्ट संभव नहीं है. मैं राइट टू रिजेक्ट को इससे भी महत्वपूर्ण कानून बनाने का पक्षधर हूं. जब तक सौ प्रतिशत लोग शिक्षित नहीं होंगे, तब तक राइट टू रिजेक्ट साकार नहीं होगा. उक्त बातें पूर्व सांसद सह युवा शक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कही. वे रविवार को अजरुन भवन में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे. सजायाफ्ता सांसदों और विधायकों को बचाने संबंधी अध्यादेश पर कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी द्वारा दिये गये प्रतिक्रिया को उनकी व्यक्तिगत राय कहा. अध्यादेश पर नीतीश कुमार द्वारा दिये गये बयान की उन्होंने आलोचना की. उन्होंने कहा कि कानून किसी व्यक्ति विशेष के लाभ के लिए नहीं बनाये जाते. इस अध्यादेश से सभी लोगों को फायदा होगा.
विशेष राज्य का दर्जा वोट की राजनीति
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का विशेष राज्य का दर्जा वोट की राजनीति है. वर्षो से बिहार को केंद्र सरकार द्वारा बजट से दो गुना पैसा मिल रहा है. फिर भी राज्य में दलालों के माध्यम से सत्ता चल रही है. एक तरफ बिहार के अर्थशास्त्री बताते हैं कि महाराष्ट्र से अधिक जीडीपी बिहार का है. विकास के नाम पर सरकार में बैठे लोग अपनी पीठ थपथपा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर रघु राजन कमेटी की रिपोर्ट में बिहार को उड़ीसा के बाद देश का सबसे पिछड़ा राज्य घोषित किया गया है. उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जा की मांग राबड़ी देवी के मुख्यमंत्रित्व काल में ही उठाया गया था.
अभी उत्तर बिहार का बंटवारा नहीं
एक सवाल के जवाब में पूर्व सांसद श्री यादव ने कहा कि वर्तमान हालात बिहार के बंटवारा करने की स्थिति में नहीं है. वैसे उत्तर बिहार को राज्य सरकारों द्वारा अनदेखा किया जाता रहा है. इस इलाके में तरक्की लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के समस्याओं को लेकर उनका सघन दौरा चल रहा है.
नवंबर में चुनाव लड़ने का फैसला:
आगामी लोक सभा चुनाव लड़ने का फैसले पर उन्होंने कहा कि नवंबर में पांच विधान सभा के चुनाव होने हैं. तब तक उत्तर बिहार का दौरा पूरा हो जायेगा. उसके बाद ही निर्णय लिया जायेगा कि चुनाव कहां से लड़ना है. एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी बनाने का कोई इरादा नहीं है. जब वे समाज के लिए पूरक होंगे तभी सोचा जायेगा. उन्होंने कहा कि अभी जनता और समाज को परख रहे हैं. इस मौके पर कसबा विधायक अफाक आलम, डिप्टी मेयर संतोष यादव के अलावा संजय पोद्दार, राजेश यादव, रामचरित्र यादव, जितेंद्र यादव, जयवर्धन सिंह, अलि फैसल उर्फ जुगनू, पप्पू पासवान, बबलू भगत आदि दर्जन कार्यकर्ता मौजूद थे.