इसमें 33 प्रखंड शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये थे. इनमें सबसे ज्यादा धमदाहा में 29 और कसबा व बायसी में दो-दो प्रखंड शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये थे, जिस पर बाद में तत्कालीन डीइओ के आदेश पर संबंधित नियोजन इकाई की ओर से एफआइआर दर्ज करायी गयी थी. साथ ही उनके नियोजन को निरस्त करते हुए सेवा से मुक्त कर दिया गया था.
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नौ साल में 1161 प्रमाण पत्रों की ही जांच
पूर्णिया: जिले में पिछले नौ वर्षो में नियोजित 7431 पंचायत और प्रखंड शिक्षकों में मात्र 1161 शिक्षकों के ही प्रमाण पत्रों की जांच अब तक विभागीय स्तर पर करायी गयी है. वहीं हाइस्कूल और प्लस टू के मामले में जांच रिपोर्ट शून्य है. जिला शिक्षा कार्यालय की स्थापना शाखा की मानें तो वर्ष 2013 में […]
पूर्णिया: जिले में पिछले नौ वर्षो में नियोजित 7431 पंचायत और प्रखंड शिक्षकों में मात्र 1161 शिक्षकों के ही प्रमाण पत्रों की जांच अब तक विभागीय स्तर पर करायी गयी है. वहीं हाइस्कूल और प्लस टू के मामले में जांच रिपोर्ट शून्य है. जिला शिक्षा कार्यालय की स्थापना शाखा की मानें तो वर्ष 2013 में 1161 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच करायी गयी थी.
जांच का आदेश : शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश के आलोक में डीइओ मो हारूण ने सभी बीइओ को प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2006, 2008-10 एवं 2012 के नियोजन शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों के जांच सह सत्यापन का निर्देश दिया है. जारी पत्र में उन्होंने कहा है कि नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के सभी प्रमाण पत्रों के जांच सह सत्यापन हेतु जिले को 27 से 29 जुलाई तक की तिथि निर्धारित की गयी है. निर्धारित तिथि के अंदर संबंधित बोर्ड में जाकर उक्त सभी शिक्षकों का शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराना सुनिश्चित करें.
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