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भूमि अधिकार आंदोलन को निर्णायक बनाने की जरूरत

पूर्णिया: गरीबों के हित की जमीन का वितरण गरीबों के बीच हो और अधिकार के लिए भूमि अधिकार आंदोलन को निर्णायक बनाने की जरूरत है उक्त बातें भाकपा के जिला सचिव पंकज कुमार सिंह ने कही है. श्री सिंह 6-7 फरवरी 2015 को रूपौली में आयोजित भाकपा जिला कमेटी को संबोधित कर रहे थे. अपने […]

पूर्णिया: गरीबों के हित की जमीन का वितरण गरीबों के बीच हो और अधिकार के लिए भूमि अधिकार आंदोलन को निर्णायक बनाने की जरूरत है उक्त बातें भाकपा के जिला सचिव पंकज कुमार सिंह ने कही है. श्री सिंह 6-7 फरवरी 2015 को रूपौली में आयोजित भाकपा जिला कमेटी को संबोधित कर रहे थे.

अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने कहा कि जिस जमीन पर गरीब बसे हैं वह जमीन उनकी है. उन्होंने कहा कि गरीबों, बटाईदार, छोटे सीमांत किसानों को खेमस की सदस्यता अभियान में जोड़ कर आगामी 2-3 मार्च को जिले के सभी प्रखंडों पर जमीन अधिकार के लिए प्रदर्शन व घेराव किया जायेगा. उन्होंने कहा कि वास-चास की जमीन के लिए आवेदन और पर्चे की जमीन पर अधिकार, सीलिंग भूदान, सिकमी व सरकारी जमीन भू माफिया से मुक्त कर गरीबों में वितरण व अधिकार के लिए पार्टी कृत संकल्पित है.

जारी बयान में कहा गया है कि सरकारी व प्रशासनिक रवैया गरीब विरोधी व भू-माफिय पक्षीय है. नदी-नाले तक की जमीन की खरीद-बिक्री हो रही है. 15(1) के तहत अधिग्रहित सिलिंग की जमीन संपुष्ट भूदान की जमीन के मामले में हाई कोर्ट का फैसला भू स्वामी के पक्ष में कैसे हो रहा है. सरकार फैसले के खिलाफ अपील में जाने के बजाय पुलिस प्रशासन के बल पर बेदखल करने का काम करती है.

का सिंह ने कहा भूमि समस्याओं का निष्पक्ष स्थायी निदान के लिए भूमि न्यायाधिकरण की गठन अनिवार्य शर्त है. सीलिंग मुकदमा का निष्पादन वास्तविक यूनिट व जमीन की किस्म की भौतिक स्थिति पर फोरन निष्पादन किया जाय. जमीन तत्काल प्रभाव से निबंधन रोका जाय. यूनिट धारकों का 1950 से पूर्व का जन्म प्रमाण पत्र अथवा 1970 में बालिग की प्रमाणिकता का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाय.

माले नेताओं प्रेस को बताया कि आजादी के छह दशक बाद भी लोगों को रहने तक की जमीन नहीं है. जमीन के सवाल पर भाकपा (माले) अनिश्चितकालीन अनशन व आंदोलन करने को मामले के निष्पादन नहीं होने पर बाध्य होगा. बताया गया कि जिला कमेटी ने विमर्श के बाद पार्टी के विस्तार व मजबूती के लिए गरीब बस्तियों में व्यापक खेमस की सदस्यता बूथ स्तर पर पार्टी संगठन खाड़ा करने और जमीन के सवाल के साथ सभी जनसरोकार के सवाल पर संघर्ष करने का निर्णय लिया गया. चुनाव में जनविरोधी, भ्रष्ट-माफिया, सांप्रदायिक जातिवादी शक्तियों को शिकस्त देने के लिए, प्रगतिशील, विकास व बदलाव की शक्ति के गोलबंदी का मंच बना देने का संकल्प लिया गया. इसके लिए पार्टी संगठन के इतर, इंसाफ मंच, ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम (एआईपीएफ) आदि की गठन में जिले की भागीदारी का कार्य योजना बनायी गयी. का इस्लामउद्दीन, का विजय, का अविनाश पासवान, का चतुरी पासवान, का चंदकिशोर शर्मा, का राज कुमार सिन्हा, का धर्मचंद मरांडी, का वीणा देवी, का बिंदेश्वरी शर्मा आदि बैठक में शामिल थे.

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