उपेक्षा : पलक बिछाये किसानों की आंखें पथराई, पर
सरसी (पूर्णिया) : क्षेत्र के नहरों में पानी आने की आस में किसानों की आंखें अब पथराने लगी है. फिर भी नहरों में पानी छोड़े जाने की आस में बैठे किसान क्षेत्र की नहरों पर नजरें टिकाये बैठे हैं.
सरकार एवं जल संसाधन विभाग की उदासीनता के कारण क्षेत्र की छोटी-बड़ी नहरें महज बरसाती नहर बन कर रह गयी है. बरसात के समय क्षेत्र के किसानों के लिए क्षेत्र की नहरें अभिशाप साबित हो रही है. बरसात के दिनों में देख-रेख के अभाव में जहां यत्र-तत्र टूट कर किसानों के सैकड़ों एकड़ में लगी फसल को बरबाद कर जाती है वहीं बरसात के बीतते ही वही नहरें वर्ष भर धूल फांकती नजर आती है.
वर्षो पूर्व सरकार ने क्षेत्र के हजारों किसानों को सिंचाई में लाभ पहुंचाने के लिए कोसी परियोजना के तहत क्षेत्र में नहरों का जाल बिछाया था. कुछ वर्षो तक किसानों को पटवन में लाभ भी हुआ परंतु कई वर्षो से यहां योजनाएं बंद हैं. बीते दो-तीन वर्ष पूर्व जल संसाधन विभाग द्वारा क्षेत्र के छोटी-बड़ी नहरों की खुदाई की गयी थी, जिस पर सरकार ने लाखों रुपये खर्च किये थे.
नहरों की साफ-सफाई एवं खुदाई देख कर क्षेत्र के किसानों में आशा जगी थी कि पुन: नहरों में पानी आयेगा तथा खेतों की सिंचाई में फायदा होगा परंतु नहरों की खुदाई के वर्षो बीत गये लेकिन नहर में पानी नहीं आया. क्षेत्र के किसानों ने भी अब नहरों में पानी आने की उम्मीद छोड़ दी है. गौरतलब है कि इन दिनों किसान पंप सेट से गेहूं की फसल की सिंचाई करने को मजबूर हैं.
पंप सेट से सिंचाई किसानों के लिए काफी महंगा साबित हो रहा है. क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने सरकार से नहरों में पानी छोड़ने तथा कोसी परियोजना के तहत पुन: सिंचाई शुरू करवाने की मांग की है.