पूर्णिया : पूर्वोत्तर का पीएमसीएच माना जानेवाला सदर अस्पताल के ओपीडी एक नहीं अनेकों दर्द से तड़प रहा है. ओपीडी में सेवाओं के बीमार होने से मरीजों भी दर्द काफी बढ़ जाता है. कहने का लब्बोलबाब यह है कि सदर अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है.
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सदर अस्पताल के ओपीडी में सुविधाओं के बीमार होने से बढ़ जाता है मरीजों का दर्द
पूर्णिया : पूर्वोत्तर का पीएमसीएच माना जानेवाला सदर अस्पताल के ओपीडी एक नहीं अनेकों दर्द से तड़प रहा है. ओपीडी में सेवाओं के बीमार होने से मरीजों भी दर्द काफी बढ़ जाता है. कहने का लब्बोलबाब यह है कि सदर अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. व्यवस्था वही […]
व्यवस्था वही आदम जमाने की. सबसे अहम बात यह है कि ओपीडी में तमाम डॉक्टरों के कक्ष तो एक स्थान पर है, लेकिन तमाम प्रकार के जांचों की व्यवस्था लगभग पांच मीटर की परिधि में पसरा हुआ है.
यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि पर्चा कटाने से लेकर जांच तक की प्रक्रिया पूरी करने के लिए मरीजों को भाग-दौड़ करते हौसले पस्त हो जाते है. सोमवार को प्रभात खबर की टीम जब सदर अस्पताल के ओपीडी की व्यवस्था लेने पहुंचे तो बड़ा ही अजीब स्थिति से साक्षात्कार हुआ.
एक नजर:
ओपीडी में मरीजों की संख्या-1500
विभागों के काउंटर-07
डॉक्टरों की संख्या-10
निबंधन काउंटरों की संख्या-03
दवा काउंटरों की संख्या-04
प्रभात खबर की टीम ने सदर अस्पताल की पड़ताल की
निकल कर आयी कई गड़बड़ियां
कहते हैं अधिकारी
संसाधनों व कर्मियों का अभाव है.इन अभावों के बीच मरीजों को बेहतर सेवाएं दी जा रही है. दवा की एक काउंटर और बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है.
डॉ इंद्र नारायण, अधीक्षक, सदर अस्पताल,पूर्णिया
डॉक्टर को दिखाने के साथ शुरू हुआ भाग मिल्खा भाग
पर्चा कटाने के बाद मरीज संबंधित विभागों के चैंबर के फाटक के आगे टूट पड़े. बढ़ती भीड़ को देखते हुए भीड़ को नियंत्रण करने वाले सुरक्षा गार्ड भी सुस्त होकर कुर्सी पकड़ लिया. डॉक्टर को दिखाने के बाद मरीज सीधे सदर अस्पताल के उत्तर-पश्चिम दिशा में अवस्थित पैथोलॉजी का रुख किया.
वहां आधा घंटा से अधिक समय तक कतार में खड़े रहने के बाद मरीजों का बारी-बारी से सैंपल लिया. उसके बाद जिस मरीज को अल्ट्रासाउंड कराना था, वह अस्पताल से बाहर निकल गये.
जिसे एक्स रे कराना था. वह भी एक्स रे सेंटर की ओर रवाना हो गये. इस भागम-भाग में सबसे अधिक दुगर्ति वरिष्ठ नागरिकों व दिव्यांगों की देखने को मिली. मरंगा से आये वरिष्ठ नागरिक जीतन लाल पैथोलॉजी जाने के क्रम में कई जगहों पर हांपते हुए बैठ गये. उसके परिजन कुसुमी देवी ने बताया-‘सरकारी डॉक्टर-दवा लेवे कै चक्कर में हमरो घर वाला जान चली जैतैय.’
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