पूर्णिया : बनमनखी : अनुमंडल में टेंपू और टेंपू ड्राइवर को संभालना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर हो रहा है. अनुमंडल क्षेत्र में टेंपो चालक की मनमानी से हजारों लोग भले ही त्रस्त हों, लेकिन अफसरों पर इसका कोई असर नहीं है. अफसर उन पर लगाम लगाने व किराया सूची लागू कराने की बजाय उदासीनता बरत रहे हैं. जबकि टेंपो चालक रोजाना यात्रियों के साथ टेंपो पर बैठने एवं किराया वसूलने के चलते धक्का मुक्की तक उतारू रहते हैं.
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ऑटो चालक जबरन वसूलते मनमाना भाड़ा, यात्री हलकान
पूर्णिया : बनमनखी : अनुमंडल में टेंपू और टेंपू ड्राइवर को संभालना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर हो रहा है. अनुमंडल क्षेत्र में टेंपो चालक की मनमानी से हजारों लोग भले ही त्रस्त हों, लेकिन अफसरों पर इसका कोई असर नहीं है. अफसर उन पर लगाम लगाने व किराया सूची लागू कराने की बजाय उदासीनता […]
यात्री जब इसका विरोध करता है तो टेंपो चालक और मनमानी करने लगता है. इतना के बावजूद प्रशासन की ओर से किराया सूची जारी नहीं किया जाता है. हालत यह है कि जहां का किराया पांच रुपया है वहां टेंपो चालक मनमाना किराया वसूली करता है. बनमनखी से जानकीनगर एवं सरसी की दूरी क्रमशः करीब 10 किमी है. इसका निर्धारित भाड़ा महज 10 रुपया है.
बनमनखी से काझी की दूरी मात्र 6 किमी है जिसका भाड़ा भी 15 रुपया है, वहीं दूसरी तरफ बनमनखी से बीकोठी की दूरी 15 किमी है उसका भाड़ा सवाड़ी चालक 25 रुपया लेता है. बनमनखी से औराही 10 किमी है उसका भाड़ा 20 रुपया लेता है और औराही से सुखसेना महज 3 किमी है जिसका कि भाड़ा 10 रुपया लेता है.
डरे सहमे यात्री घर जल्दी जाने के चलते मनमाना किराया दे देते हैं. परिवार के साथ चलने वाले कुछ यात्रियों ने बताया कि यदि हमलोग मनमाना किराया नहीं देते हैं तो पत्नी, बेटी, बहू के सामने ये टेंपो चालक बेइज्जत कर देते हैं. यात्रियों ने जिला एवं अनुमंडल प्रशासन से अविलंब मांग करते हुए कहा है कि जांच करवाकर टेंपो वालों की मनमानी पर रोक लगनी चाहिए .
प्रशासन को ठेंगा दिखाकर चलते है टेंपो चालक: अनुमंडल क्षेत्र में इन दिनों वाहनों की बढ़ती संख्या व यातायात पर बढ़ता दबाव राहगीरों व आमलोगों के लिए मुसीबत का सबब बनते जा रहा है. क्षेत्र की खासी लंबी-चौड़ी सड़क वाहनों के कतार से दिन-प्रतिदिन सिकुड़ती ही जा रही है लेकिन इसकी सुधी लेने वाला कोई नही है. यातायात विभाग के सुस्त रवैये के
कारण ये टेंपो चालक मनमाने तरीके से सवारियों को बैठाकर सफर कराते हैं. मुख्य सड़क मार्गों में स्टैंड से काझी एवं मलिनियां, हृदयनगर चौक से रसाढ, मवेशी हाट से ओराही, सुखसेना, बीकोठी, चीनी मील रोड से धमदाहा, पुरंधा समेत कई गावों की ओर जाने वाली सड़कों में ये टेंपो चालक धड़ल्ले से अपना वाहन दौड़ा रहे हैं.
टेंपो चालक भेड़-बकरी की तरह बोझते हैं यात्री
टेंपो चालक अपने टेंपो से अधिक पैसा कमाने के चक्कर में भेड़-बकरियों की तरह यात्रियों से भरे ओवरलोड टेंपो सड़क पर बैखोफ उड़ाते हैं. अनुमंडल मुख्यालय के विभिन्न चौक-चौराहों से गांव की ओर जाने वाले हर वाहन को आमतौर पर देखा जाये तो एक टेंपो में 8 से 10 लोगों को बैठाया जा सकता है
लेकिन बनमनखी में टेंपो चालक 15 से 20 यात्री को ऊपर से नीचे तक क्षमता से अधिक बैठाकर बैखोफ उड़ाते हैं. इस परिस्थिति में टेंपो चालक क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाकर चलने में न तो खुद की और न ही यात्री की जान की परवाह करते हैं.
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