राहत. खराब थी तीनों मशीनें, एक ने काम करना शुरू किया
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फिर शुरू हुई बंद पड़ी डायलिसिस सेवा
राहत. खराब थी तीनों मशीनें, एक ने काम करना शुरू किया पूर्णिया : रक्त शोधन की एक कृत्रिम विधि होती है. इस डायलिसिस की प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है .जब किसी व्यक्ति के गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे होते हैं. गुर्दे से जुड़े रोगों, लंबे समय से मधुमेह के रोगी, उच्च रक्तचाप […]
पूर्णिया : रक्त शोधन की एक कृत्रिम विधि होती है. इस डायलिसिस की प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है .जब किसी व्यक्ति के गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे होते हैं. गुर्दे से जुड़े रोगों, लंबे समय से मधुमेह के रोगी, उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों में कई बार डायलसिस की आवश्यकता पड़ती है. स्वस्थ व्यक्ति में गुर्दे द्वारा जल और खनिज (सोडियम, पोटेशियम क्लोराइड, फॉस्फोरस सल्फेट) का सामंजस्य रखा जाता है. डायलसिस स्थायी और अस्थायी होती है. यदि अपोहन के रोगी के गुर्दे बदल कर नये गुर्दे लगाने हों, तो अपोहन की प्रक्रिया अस्थाई होती है. यदि रोगी के गुर्दे इस स्थिति में न हों कि उसे प्रत्यारोपित किया जाए, तो अपोहन अस्थायी होती है, जिसे आवधिक किया जाता है. ये आरंभ में एक माह से लेकर बाद में एक दिन और उससे भी कम होती जाती है.
खर्च होते हैं सिर्फ 12 सौ
गुर्दे के मरीजों के लिए डायलिसिस अमृत माना जाता है. बाजारों में यह काफी महंगे कीमतों में किया जाता है. बाजार में डायलिसिस के 3500 से 4500 रुपये मरीजों से वसूले जाते हैं. जबकि सदर अस्पताल में महज 1200 रुपये में डायलिसिस किया जाता है. इसके लिए मरीज सीधे डायलिसिस सेंटर पर पहुंच कर डॉक्टर के परामर्श पत्र को दिखाकर सीधा डायलिसिस सेवा ले सकता है. डायलिसिस करने में चार घंटे का समय लगता है. इतने समय में रोगी का रक्त शोधन हो जाता है.
कहते हैं यूनिट प्रभारी: डायलिसिस युनिट के प्रभारी डॉ ए अहद ने बताया कि डायलिसिस सेवा जारी है. सभी यूनिट शुरू होने के बाद यहां मरीजों की संख्या काफी बढ़ेगी.
पांच गुणा बढ़ेगी राजस्व वसूली, ब्लू प्रिंट तैयार
रिक्त भूमि व भवन के आंकड़े हुए उपलब्ध
विभागीय स्तर पर किये सर्वे में नगर निगम अंतर्गत टोटल नंबर ऑफ प्रोपर्टी 66113 अंकित किया गया है. जिसमें रिक्त भूमि 18917 तथा भवनों का कुल होल्डिंग 47201 है. इन आंकड़ों में आगे और बढ़ोतरी होल्डिंग के संदर्भ में हो सकती है. बीते दिनों बने भवन एवं गोदामों का सर्वे अभी जारी है. इस बार विभाग ने टैक्स वसूली को सरल बनाने के लिए वार्डवार होल्डिंग और रिक्त भूमि का आंकड़ा तैयार कर कर वसूली करने की योजना तैयार कर लिया है. जाहिर है कि निगम द्वारा जो तैयारी की गयी है, उससे कोई बच नहीं पायेगा.
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