पूर्णिया : इन तीन पंक्तियों को अगर पुलिस महकमे की कार्यशैली खासकर अनुसंधान के संदर्भ में देखा जाये तो पूरी तरह प्रासंगिक नजर आती है. दरअसल अक्सर ऐसा होता है कि जब संगीन किस्म के अपराध घटित होते हैं तो ऐसी घटनाएं कुछ दिनों तक सुर्खियों में तो रहती है और फिर इस पर धूल की परत बैठनी शुरू हो जाती है. इस दौरान पुलिस घटना की तफ्तीश में इस प्रकार जुटती है, मानों शीघ्र ही दोषी पकड़े जायेंगे. वहीं ज्यों-ज्यों माहौल ठंडा होता है, त्यों-त्यों पुलिस की तफ्तीश भी शिथिल पड़ने लगती है.
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लंबित कांडों के निष्पादन में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई
पूर्णिया : इन तीन पंक्तियों को अगर पुलिस महकमे की कार्यशैली खासकर अनुसंधान के संदर्भ में देखा जाये तो पूरी तरह प्रासंगिक नजर आती है. दरअसल अक्सर ऐसा होता है कि जब संगीन किस्म के अपराध घटित होते हैं तो ऐसी घटनाएं कुछ दिनों तक सुर्खियों में तो रहती है और फिर इस पर धूल […]
यह हाल तब है जब पुलिस अधीक्षक के स्तर पर लंबित कांडों के निष्पादन में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी होती रही है. अधिकांश हत्या, लूट व चोरी के बड़े मामले तमाम कवायद के बावजूद अब भी पुलिस फाइल में दफन है. जाहिर है कि पुलिस की मंशा और कार्यशैली दोनों ही सवालों के घेरे में है. इस मामले में जब संबंधित पुलिस अधिकारी से सवाल किये जाते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है कि उनका समय बर्बाद हो रहा है. कई संगीन मामलों के अनुसंधानकर्ता को अब कांड की विस्तृत जानकारी भी नहीं है.
कांड के अनुसंधान के दौरान थानाध्यक्षों के थाना बदर हो जाने से मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है. लिहाजा परिजनों को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ता है और अगर न्याय मिलता भी है तो इतनी देर हो चुकी होती है कि न्याय के निहितार्थ ही समाप्त हो जाते हैं. प्रभात खबर ने पुलिस फाइल में दफन ऐसे ही कई संगीन मामले की पड़ताल की है.
संगीन मामले अब तक की कार्रवाई
25 जुलाई 2015 को सज्जादनगर पुलिस ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि में इंटर के छात्र दिलवर आलम की दिलवर की हत्या प्रेम प्रसंग में हुई थी.
धारदार हथियार से हुई निर्मम हत्या. किसने की हत्या पता नहीं.
09 जुलाई 2016 की देर रात पुलिस ने पति प्रवीण सिन्हा को हत्यारा
शिवाजी कॉलोनी में दवा कंपनी के मान कर जेल भेजा. लेकिन पति ने पत्नी
एरिया मैनेजर प्रवीण सिन्हा की पत्नी की हत्या क्यों की, नहीं हुआ खुलासा.
की हुई गला रेत कर हत्या.
29 जुलाई 2016 को माउंट जियोन तमाम कोशिशों के बावजूद हत्यारा
की छात्रा अदिति राज की हत्या का नहीं चला पता. पुलिसिया कार्रवाई
जहर देकर स्कूल में की गयी. ठंडे बस्ते में चली गयी.
13 दिसंबर 2015 की रात चोरी मामले की जांच एफएसएल टीम
श्रीराम फाइनेंस की शाखा में ने की. कांड का उद्भेदन दो दिन में
जेवर सहित 60 लाख रुपये मूल्य करने का दावा किया गया, लेकिन
की हुई चोरी अब भी मामला रहस्यमय बना है.
03 मार्च 2018 की सुबह शव की पहचान के बाद पुलिस ने दावा
विद्यापतिनगर में इंटर किया कि दो-तीन दिन में हत्याकांड का
छात्र ब्रजेश की निर्मम हत्या कर उद्भेदन हो जायेगा. चार सप्ताह बाद
दी गयी. भी हत्यारा पकड़ से बाहर है.
05 मार्च को केनगर थाना के काझा शव की पहचान के बाद पुलिस
कोठी स्थित मकई खेत में युवक की हत्यारों को गिरफ्तार करने में असफल
लाश मिली. रही. यह मामला दबता जा रहा है.
धमदाहा थाना क्षेत्र के नीरपुर में घटना के तीन सप्ताह बाद भी मामले
06 मार्च को केला खेत में एक का खुलासा नहीं हुआ है. पुलिस
महिला की सिर कटी लाश मिली. अनुसंधान जारी है
22 फरवरी को स्थानीय घटना को अंजाम देने वाले तीन बाइक
फारबिसगंज मोड़ के निकट दवा पर सवार 06 अपराधियों में से किसी का
व्यवसायी अंजनी साह को गोली मार भी सुराग तलाशने में पुलिस को सफलता
कर 1.50 लाख की हुई लूट. नहीं मिली.
धमदाहा थाना क्षेत्र में मामले का खुलासा अब तक नहीं हुआ
13 मार्च को अपराधियों ने मामला लंबित और पुलिस अनुसंधान जारी
डाबर कंपनी के कर्मी से 77500 रहने की बात कह रही है
सहित बाइक व मोबाइल छीना.
21 मार्च को नवरतन हाता में थानेदार का दावा था कि शीघ्र ही
आइटीसी कर्मियों से बाइक सवार अपराधियों को गिरफ्तार कर
अपराधियों द्वारा 2.37 लाख लिया जायेगा लेकिन अब तक
की हुई लूट. सुराग नहीं मिला.
बेटे के इंतजार में पैदा हुई आठवीं बेटी, परवरिश से किया इंकार
आर्थिक तंगी से मजबूर होकर नवजात को विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान को सौंपा
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