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टीम का हुआ गठन, नये सत्र से होगा आगाज विश्वविद्यालय स्थापना

नये वर्ष में पूर्णिया को विश्वविद्यालय का तोहफा मिलना तय माना जा रहा है. कयास लगाये जा रहे हैं कि वर्ष 2018 सत्र में पूर्णिया विश्वविद्यालय में नामांकन आरंभ हो जायेगा और चीर प्रतीक्षित मांग पूरी हो जायेगी. पूर्णिया : पूर्णिया में विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा हुए एक वर्ष से अधिक बीत चुके हैं […]

नये वर्ष में पूर्णिया को विश्वविद्यालय का तोहफा मिलना तय माना जा रहा है. कयास लगाये जा रहे हैं कि वर्ष 2018 सत्र में पूर्णिया विश्वविद्यालय में नामांकन आरंभ हो जायेगा और चीर प्रतीक्षित मांग पूरी हो जायेगी.

पूर्णिया : पूर्णिया में विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा हुए एक वर्ष से अधिक बीत चुके हैं और धीरे-धीरे ही सही विश्वविद्यालय आरंभ होने की दिशा में कवायद भी जारी है. वहीं अनावश्यक हो रहे विलंब से लोगों में निराशा भी व्याप्त होने लगा है. दरअसल स्थायी विश्वविद्यालय के निर्माण में विलंब का कारण तो समझ में आता है,
लेकिन अस्थायी विश्वविद्यालय की शुरुआत में हो रहे विलंब से आम लोग सशंकित हैं. हाल ही में कुलपति और प्रतिकुलपति के लिए कवायद और अब अस्थायी विश्वविद्यालय आरंभ कराने की दिशा में कवायद के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा कमेटी की घोषणा के बाद उम्मीदें बलवती हुई है. ऐसे में नये वर्ष में पूर्णिया को विश्वविद्यालय का तोहफा मिलना तय माना जा रहा है. कयास लगाये जा रहे हैं कि वर्ष 2018 सत्र में पूर्णिया विश्वविद्यालय में नामांकन आरंभ हो जायेगा और चीर प्रतीक्षित मांग पूरी हो जायेगी.
राज्य सरकार ने गठित की है टीम
राज्य सरकार ने आगामी सत्र में विश्वविद्यालय में पढ़ाई आरंभ कराने की दिशा में ठोस पहल के लिए एक टीम का गठन किया है. इस टीम को पंद्रह दिनों के अंदर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए स्थल निरीक्षण और भवन की जांच कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपनी है. इसके बाद नये साल में पूर्णिया में चीरप्रतीक्षित विश्वविद्यालय का सपना साकार हो जायेगा. दअरसल राज्य सरकार ने पूर्णिया विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है. इस टीम में निदेशक उच्च शिक्षा के अलावा आधारभूत संरचना के इंजीनियर और भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि को शामिल किया है. बताया जाता है कि यह कमेटी शहर में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जमीन और भवन का निरीक्षण करेगी.
कुलपति और उप कुलपति की नियुक्ति प्रक्रियाधीन
राज्य सरकार ने सूबे में खुलने वाले पाटलीपुत्रा, पूर्णिया और मुंगेर विश्वविद्यालय के संचालन के लिए कुलपति और उप कुलपति की नियुक्ति के लिए आवेदन ले चुकी है. इसके लिए सरकार ने 20 नवंबर तक इच्छुक व्यक्ति से आवेदन मांगा था. मिली जानकारी अनुसार आवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई जारी है. दिसंबर के अंतिम तक कुलपति और उपकुलपति की नियुक्ति भी हो जाने की संभावना है.
पूर्णिया कॉलेज हो सकता है अस्थायी ठिकाना
पूर्णिया कॉलेज परिसर में बने परीक्षा भवन में अस्थायी तौर पर विश्वविद्यालय की शुरुआत की जा सकती है. जानकार परीक्षा भवन को विश्वविद्यालय की शुरुआत के लिए मुफीद बता रहे हैं. बताया जाता है कि यहां विश्वविद्यालय के संचालन के लिए पर्याप्त जगह है. जहां आसानी से विश्वविद्यालय का प्रशासनिक कार्य संपादित किया जा सकता है. ज्ञात हो कि इससे पहले एसडीएम और अन्य अधिकारियों कॉलेज की संपदा का निरीक्षण किया था और जिला पदाधिकारी को इसकी रिपोर्ट सौंपी थी.
विभाग ने न्यूनतम 50 एकड़ भूमि की बतायी जरूरत
शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर सचिव के सेंथिल कुमार ने 03 जुलाई 2017 को जिला पदाधिकारी को पत्र लिख कर कहा था कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम के तहत पूर्णिया में विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु अधिनियम अधिसूचित हो चुका है. विश्वविद्यालय के संचालन हेतु अधिसूचना निर्गत करने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. ऐसे में विश्वविद्यालय के निमित्त न्यूनतम 50 एकड़ भूमि चयनित करने की शीघ्र कार्रवाई की जाये. ऐसे में व्याप्त चर्चा के अनुसार पूर्णिया कॉलेज की जमीन के साथ-साथ खुश्कीबाग कृषि फॉर्म और मरंगा स्थित बकरी पालन केंद्र की जमीन ही इस कार्य के लिए उपयुक्त हो सकती है. वहीं विश्वविद्यालय निर्माण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डा इश्तियाक अहमद के अनुसार अमूमन एक फैकेल्टी के लिए 18 एकड़ जमीन की जरूरत होती है. पूर्णिया में अगर पांच फैकेल्टी भी खुलते हैं तो कम से कम 90 एकड़ जमीन की जरूरत होगी.

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