20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जिले के सभी चिल्ड्रेन पार्क हुए बेनूर

शहर के पार्कों की सूरत अब बदरंग हो गयी है. बोटिंग और झरना भी अब बंद हो गया है. ऐसा नहीं कि इनके संचालन के लिए राशि का अभाव है. अभाव सिर्फ है तो इच्छा शक्ति की है. घट गयी पार्कों के प्रति स्थानीय लोगों की दिलचस्पी पार्क की बदहाली से बच्चे नाखुश पूर्णिया : […]

शहर के पार्कों की सूरत अब बदरंग हो गयी है. बोटिंग और झरना भी अब बंद हो गया है. ऐसा नहीं कि इनके संचालन के लिए राशि का अभाव है. अभाव सिर्फ है तो इच्छा शक्ति की है.
घट गयी पार्कों के प्रति स्थानीय लोगों की दिलचस्पी
पार्क की बदहाली से बच्चे नाखुश
पूर्णिया : जिला मुख्यालय स्थित बने सभी तीन चिल्ड्रेन-पार्क दम तोड़ रहे हैं. अब यहां न तो बच्चों की किलकारी गूंजती है और न ही बच्चे आते हैं. अब इन पार्कों की सूरत भी बदरंग हो गयी है. बोटिंग और झरना भी अब बंद हो गया है. ऐसा नहीं कि इनके संचालन के लिए राशि का अभाव है.
अभाव सिर्फ है तो इच्छा शक्ति की. न तो इस ओर नगर निगम कर ध्यान है और न ही किसी जनप्रतिनिधि की नजर वहां जा रही है. ज्ञात हो कि पूर्णिया शहर उत्तरी बिहार का सबसे बड़ा शहर है. यहां एक तरफ गुलाबबाग में अनाज मंडी और खुश्कीबाग में सब्जी मंडी है तो लाइन बाजार में स्वास्थ्य नगरी. शिक्षा के क्षेत्र में भी पूर्णिया काफी ज्यादा विकसित हो गया है. इस लिहाज से यहां एक बड़ी आबादी निवास करती है. वर्ष 2010 में यहां की जनसंख्या करीब तीन लाख थी तो अब इसकी संख्या करीब दूनी हो गयी है.
ऐसे में बच्चों की भी एक बड़ी आबादी शहर में बस रही है. इन बच्चों के खेलने एवं मनोरंजन के लिए शहर के बीचोबीच राजेंद्र बाल उद्यान की स्थापना की गयी और बृहत पैमाने पर इसका सौंदर्यीकरण किया गया. बाल मन के मुताबिक खेल एवं मनोरंजन के सारे संसाधन लगाये गये. जिस समय इन पार्कों का निर्माण हुआ उस समय पूरे शहर का बालमन खिलखिला जरूर गया था मगर आज की बदहाली ने इनकी खुशी गायब कर दी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें