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पूर्णिया : नौकरी बचाने के लिए मां ने पुत्र को पहचानने से कर दिया इंकार

केनगर : सेविका पद पर चयनित एक मां ने पुत्र के उम्र का प्रमाण सामने आने पर अपनी अधिक उम्र का फर्जीवाड़ा छिपाने और नौकरी बचाने की लालच में मंगलवार को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के समक्ष चल रही सुनवाई के दौरान शिशु अवस्था में गोद लिये संतान को अपना दत्तक पुत्र मानने से इंकार कर […]

केनगर : सेविका पद पर चयनित एक मां ने पुत्र के उम्र का प्रमाण सामने आने पर अपनी अधिक उम्र का फर्जीवाड़ा छिपाने और नौकरी बचाने की लालच में मंगलवार को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के समक्ष चल रही सुनवाई के दौरान शिशु अवस्था में गोद लिये संतान को अपना दत्तक पुत्र मानने से इंकार कर दिया. दिलचस्प वाकया वार्ड 15 की है

जहां आंगनबाड़ी सेविका प्रमिला देवी के चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाये गये थे. केनगर बाल विकास परियोजना कार्यालय अंतर्गत परोरा पंचायत के वार्ड संख्या 15 के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 218 पर 18 सितंबर को आयोजित आम सभा में महिला पर्यवेक्षिका वंदना कुमारी ने सेविका अभ्यर्थी पल्लवी कुमारी की ओर से 15 सितंबर को आपत्ति आवेदन दिया गया था.

सेविका पद की दावेदार पल्लवी कुमारी ने चयन तिथि से पूर्व बीते 15 सितंबर को सीडीपीओ केनगर व 16 सितंबर को जिला पदाधिकारी को आवेदन देकर पचास वर्ष से अधिक उम्र की अभ्यर्थी प्रमिला देवी के चयन पर रोक लगाने की मांग की थी. लेकिन निर्धारित तिथि को महिला पर्यवेक्षिका ने आपत्ति के बाद भी वरीय अधिकारी से मार्गदर्शन लिये बिना ही चयन प्रक्रिया पूरी कर ली
. चयनित सेविका प्रमिला देवी ने ससुराल में रहते हुए बढ़ी हुई उम्र छिपाने के लिये अपनी जन्म तिथि एक मार्च 1983 अंकित कराते हुए वर्ष 2002 में श्रीनगर संस्कृत हाई स्कूल पूर्णिया में अपने पिता सीता सिंह के बजाय ससुर लकाड़ी प्रसाद सिंह की पुत्री बनकर निबंधन कराया और मध्यमा परीक्षा उत्तीर्ण की. विवाह के करीब आठ वर्ष बाद संतान नहीं होने की स्थिति में प्रमिला देवी मनिहारी थाना क्षेत्र के बाघमारा पंचायत (कटिहार) में वर्ष 1993 में एक बच्चे को गोद लिया.
उसका नाम मिलन कुमार सिंह है जो अब विवाहित व दो संतान का पिता है तथा अपने पालक माता-पिता के साथ रहता है. दत्तक पुत्र मिलन के शैक्षणिक प्रमाण-पत्र में उसकी जन्म तिथि 15 मार्च 1993 अंकित है. इस प्रकार वर्ष 1993 में पालक माता प्रमिला देवी
पूर्णिया : नौकरी बचाने…
की उम्र अपने गोद लिये पुत्र मिलन कुमार से केवल दस वर्ष अधिक थी. वहीं वर्ष 2000 में वार्ड संख्या 15 की मतदाता सूची में क्रमांक 218 पर प्रमिला देवी पति राजेंद्र सिंह का नाम 35 वर्ष उम्र के साथ अंकित है.
इधर जिला पदाधिकारी ने पूर्व प्राप्त आपत्ति आवेदन पर संज्ञान लेते हुए इस मामले की सुनवाई जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को सौंपी थी. इसकी गत मंगलवार को पहली सुनवाई हुई और आपत्ति आवेदिका के अधिवक्ता शिव किशोर झा ने उम्र व पिता के नाम छिपाने संबंधी प्रमाणों के साथ अपना पक्ष रखा. इससे उम्र का भंडाफोड़ होने से परेशान सेविका पद पर चयनित उम्मीदवार प्रमिला देवी ने शिशु अवस्था से गोद लिये संतान को अपना पुत्र मानने से इंकार कर दिया. हलांकि चयनित सेविका के अधिवक्ता ने भी अपना पक्ष रख अपने मुवक्किल का बचाव करने की भरपूर कोशिश की.
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी नंद किशोर साह ने बताया कि सेविका पद पर चयन के लिये अधिकतम उम्र 40 वर्ष है और चयनित सेविका प्रमिला देवी की अधिक उम्र व उसके पिता के नाम के संदर्भ में जांच की जा रही है. डीपीओ श्री साह ने बताया कि चयनित सेविका ने मिलन कुमार सिंह को पुत्र मानने से इंकार किया है. इसकी जांच की जिम्मेवारी केनगर प्रभारी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी उषा किरण को सौंपी गयी है. जांच प्रतिवेदन आने और पक्षकारों के लिखित जवाब के बाद नियमानुसार अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी.

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