चोरों का नया गिरोह. शहरवािसयों की नींद उड़ी, मचा हड़कंप
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खड़े वाहनों से चोर गायब कर रहे हैं चक्का व बैटरी
चोरों का नया गिरोह. शहरवािसयों की नींद उड़ी, मचा हड़कंप शहर में इन िदनों चोरों के एक गिरोह ने खड़े वाहनों की बैटरी व चक्के गायब करने शुरू कर िदये हैं. आलम यह है कि अब लोग अपनी गाड़ी बाहर लगाने में आशंकित हैं. इधर घटना को लेकर थानों व गश्ती दलों को अलर्ट रहने […]
शहर में इन िदनों चोरों के एक गिरोह ने खड़े वाहनों की बैटरी व चक्के गायब करने शुरू कर िदये हैं. आलम यह है कि अब लोग अपनी गाड़ी बाहर लगाने में आशंकित हैं. इधर घटना को लेकर थानों व गश्ती दलों को अलर्ट रहने को कहा गया है.
पूर्णिया : शहर में इन दिनों चोरों का एक नया गिरोह सक्रिय हुआ है. जो नायाब तरीके से चोरी की घटना को अंजाम दे रहा है. इससे इलाके में हड़कंप मच कर रह गया है. पुलिस चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रही है.
चोरी का नायाब तरीका अब तक के चोरी की गतिविधि एवं चोरी के इतिहास से बिल्कुल अलग है. अब तक सेंधमारी या ताला तोड़ कर घरों में चोरी की घटनाएं प्रतिवेदित होती रही है. वाहन चोरी की घटना भी जहां-तहां से होती रही है. कभी बाजार में खड़ी बाइक गायब हो जाती है तो कभी घर में बंद कमरे से भी बाइक चोरी की घटना प्रकाश में आती रहती है. लेकिन चोरों के एक नये गिरोह ने जिस तरह से चोरी की घटना को अंजाम दिया है, वह बिल्कुल अलग-थलग है. इस तरीके में चोर न तो घरों को निशाना बना रहे हैं
और न ही वाहनों को उड़ा रहे हैं. नया गिरोह अब ऑटो एवं मैजिक का चक्का एवं बैटरी गायब कर रहे हैं. बेलौरी में हाल फिलहाल विनय पोद्दार के ऑटो का चक्का खोल लिया गया. इस संबंध में जब श्री पोद्दार एवं उनके परिजनों ने बैटरी एवं चक्का के बारे में पता लगाना शुरू किया तो उस इलाके में और कई घटनाएं मिली. इसके बाद खुश्कीबाग में एक पावरोटी के फैक्टरी संचालक सोनू कुमार के दो ऑटो का चक्का एवं स्टेपनी तथा बैटरी खोल लिया. इस तरह की शिकायतें बढ़ती ही जा रही है.
सरल है घटना को अंजाम देना : वाहनों से चक्का खोलना और बैटरी उतारना काफी सरल है. चोरों को इसके लिए बहुत ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है. वे एक-दो स्क्रू-ड्राइवर लेकर आते हैं और झटपट काम फतह कर लेते हैं. इसमें किसी तरह की आवाज नहीं होती. गृहस्वामियों को तनिक भी आभास नहीं होता. महज दस से बीस मिनट में चोर अपना मकसद पूरा कर लेते हैं. चोरी की इस नायाब तरीके में एक-दो व्यक्ति से ज्यादा लोगों की जरूरत ही नहीं पड़ती है.
चोरी का माल बेचना है आसान : वाहनों का चक्का और बैटरी चोरों के लिए बेचना काफी आसान है. चक्का का हर पार्ट अलग कर दिया जाता है. टायर अलग बिक जाते हैं और ट्यूब के अलग खरीदार मिल जाते हैं. शेष बचे भाग चक्का के रिंग को कवाड़ी की दर में बेच दिया जाता है. चोरों को इसमें पकड़ाने का भी चांस नहीं के बराबर होता है. इसकी कीमत भी सहुलियत से मिल जाती है.
नये वाहन चोरों के निशाने पर : चक्का चोरी एवं बैटरी चोरी करने वाले गिरोह के निशाने पर नये वाहन हैं. इनमें चोरों ने ऑटो को प्रथम वरीयता में रखा है. दिन भर काम करने के बाद ऑटो संचालक अथवा ड्राइवर अपने-अपने ऑटो को घर के बाहर लगा कर सो जाते हैं. उन्हें सोने की जल्दी इसलिए रहती है कि सवेरे उठ कर काम पर जाना है. नये ऑटो का चक्का एवं बैटरी नया होता है. इसे सेकेंड हेंड के रूप में आधी कीमत पर बेचना आसान होता है. इस तरह के चोर रोड साइड में खड़ी ऑटो का चक्का उतारते हैं.
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