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एक्स-रे के लिए मरीज को फिर स्ट्रेचर नहीं

जिस समय एक्स रे के लिए मरीज को टांग-टूंग कर ले जाया जा रहा था उस वक्त उपाधीक्षक डॉ सुशीला दास चंद फासले पर इमरजेंसी वार्ड में मौजूद थीं. हालांकि जब तक में उनसे मामले को लेकर संपर्क किया गया तब तक में वे निकल चुकी थीं. तब उनके सरकारी नंबर पर संपर्क करने की […]

जिस समय एक्स रे के लिए मरीज को टांग-टूंग कर ले जाया जा रहा था उस वक्त उपाधीक्षक डॉ सुशीला दास चंद फासले पर इमरजेंसी वार्ड में मौजूद थीं. हालांकि जब तक में उनसे मामले को लेकर संपर्क किया गया तब तक में वे निकल चुकी थीं. तब उनके सरकारी नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की गयी तो मोबाइल स्वीच ऑफ बता रहा था. दो दिन पहले भी इस तरह से एक मरीज को अल्ट्रासाउंड कराने ले जाया जा रहा था तब सीएस ने यही दलील दी थी कि अस्पतालकर्मियों को सूचना दिये बिना परिजन अपनी मरजी से मरीज को जैसे-तैसे लेकर चले गये.
परेशानी से बचना है, तो अब कुनबा लेकर आयें अस्पताल
सदर अस्पताल में अगर आप किसी रोगी को भरती कराने आ रहे हैं तो पूरा कुनबा लेकर आइए. चार-पांच आदमी तो कम से कम आपके पास होने ही चाहिए. अगर आप अकेले हैं तो बेहतर होगा कि अपने मरीज को कहीं और ले जायें. वह इसलिए नहीं कि यहां भरती कराने से पहले आपको कोई जोर आजमाइश करनी होगी. वह इसलिए ताकि मरीज की एक्स रे , अल्ट्रासाउंड वगैरह की जांच कराने में आपको सहूलियत हो. इसकी वजह यह है कि यहां मरीज को वार्ड से जांच कक्ष तक ले जाने के लिए आपको स्ट्रेचर नहीं मिलेगा.
पूर्णिया : सदर अस्पताल में मौत के बाद महिला के शव को बाइक पर ले जाने के मामले में अबतक एक डॉक्टर समेत तीन कर्मियों का निलंबन किया गया है. इसे लेकर जहां आइएमए व भासा के आह्वान पर डॉक्टर गोलबंद हो गये हैं, वहीं बिहार चिकित्सा एवं जनस्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने भी मोरचा खोल दिया है. आइएमए के सचिव डॉ संजीव कुमार ने बताया कि डॉक्टर का काम मरीज का इलाज करना है. मरीज को एंबुलेंस या शव वाहन दिलाने का काम अस्पताल प्रबंधन का है.
इस हालत में एक वरीय चिकित्सक पर निलंबन की कार्रवाई का आइएमए व भासा ने संयुक्त रूप से विरोध किया है. इस मामले में उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों को सजा दी जानी चाहिए न कि निर्दोष डॉक्टरों को जो पिछले 24 घंटे से उस मरीज का तत्परता से इलाज कर रहे थे.
इधर, बिहार चिकित्सा एवं जनस्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने दो परिचारी के निलंबन की निंदा की है. कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हरिनारायण यादव व मंत्री सत्येंद्र प्रसाद ने आरोप लगाया है कि जो असली दोषी है उसे बचाने की कोशिश की जा रही है. निर्दोष व कनीय कर्मियों पर कार्रवाई कर मामले की लीपापोती की जा रही है.
जांच में आज आयेगी पटना से भाषा की टीम : सदर अस्पताल के चिकित्सक के निलंबन को भाषा ने काफी गंभीरता से लिया है. इस मामले को लेकर भाषा के शिष्टमंडल ने पटना में प्रधान सचिव से मिल कर आपत्ति दर्ज करायी है.
शनिवार को पटना से भाषा की तीन सदस्यीय टीम पूर्णिया आ रही है. यह टीम सदर अस्पताल में बाइक पर शव ले जाने के मामले की अपने स्तर से जांच करेगी. संभावना यह है कि यह टीम पूरे प्रकरण के लिए हॉस्पिटल मैनेजर की भूमिका को भी टटोलेगी. इस टीम के लौटने के बाद डॉक्टरों के मुखर विरोध शुरू होने की भी संभावना है.

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