पूर्णिया : पूरा शहर इन दिनों बिजली की आंख-मिचौनी से परेशान हैं. अचानक बिजली कब गुल हो जायेगी इसका पता ही नहीं चलता है. भीषण गरमी के इस मौसम में चंद मिनट भी बिजली गुल रहना आम लोगों को परेशान कर जा रहा है. ऐसा नहीं कि बिजली की आपूर्ति कम हो गयी है. बल्कि पिक आवर एवं ऑफ पिक आवर में पर्याप्त बिजली भी जिले को मिल रही है. इसके बावजूद अक्सर बिजली के पावर कट का खेल शाम के बाद तेज हो जाता है. समझा जा रहा है कि उस समय सभी फीडरों पर खपत का लोड काफी अधिक रहता है.
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दिन भर जैसे-तैसे, रात में खलता है पावर कट
पूर्णिया : पूरा शहर इन दिनों बिजली की आंख-मिचौनी से परेशान हैं. अचानक बिजली कब गुल हो जायेगी इसका पता ही नहीं चलता है. भीषण गरमी के इस मौसम में चंद मिनट भी बिजली गुल रहना आम लोगों को परेशान कर जा रहा है. ऐसा नहीं कि बिजली की आपूर्ति कम हो गयी है. बल्कि […]
पिछले एक पखवाड़े से भीषण गरमी के कारण लोग ऐसे भी परेशान हैं और उस पर बिजली का कट जाना कोढ में खाज साबित हो रहा है. इस समस्या को लेकर मेंटेनेंस में लगाये गये बिजली कर्मी बिल्कुल ही उदासीन रहते हैं. इन कर्मियों को खराबी ठीक करने में काफी समय लग जाता है. रविवार की रात शहर के कई इलाकों में बारी-बारी से कई बार बिजली गुल हुई. हालांकि यह पावर कट अल्पकालिक था. स्थानीय लोग बताते हैं कि बिजली की यह लुकाछिपी लगातार जारी है. विभागीय लोग इसे स्वाभाविक घटना बता कर पल्ला झाड़ लेते हैं.
बिजली की हो रही पर्याप्त आपूर्ति : विभागीय सूत्र बताते हैं कि पूर्णिया में महीने भर में कम से कम साढ़े तीन सौ लाख यूनिट बिजली खपत होती है. रोजाना 70 से 75 मेगावाट बिजली मिल रही है. इतनी ही बिजली की जरूरत जिले को है. लिहाजा आपूर्ति और खपत का कोई पेच नहीं है. बावजूद बिजली की लुकाछिपी आम लोगों के समझ से परे है. खासकर बिजली आपूर्ति के मामले में ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार शिकायतें मिलती रही है. हाल के दिनों में खासकर पूर्व प्रखंड में अनियमित विद्युत आपूर्ति को लेकर आंदोलन भी हो चुके हैं.
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