Expressway In Bihar: बिहार में 2025 के आखिर में ही विधानसभा का चुनाव होना है, जिसे लेकर तमाम तैयारियां राजनीतिक नेताओं की ओर से की जा रही है. इस बीच बिहार की जनता को कई सौगातें भी दी जा रही है. राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार एक के बाद एक तोहफे जनता को दिए जा रहे हैं. इसी क्रम में एक और एक्सप्रेस-वे की सौगात बिहार को दी गई है. दरअसल, यह सौगात बिहार के गयाजी को मिली है. गया के अति नक्सल प्रभावित डुमरिया और इमामगंज प्रखंड क्षेत्र से भारतमाला परियोजना 319 डी के तहत वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस-वे के निर्माण का फैसला लिया गया है.
रांची, बनारस और कोलकाता जाना होगा आसान
बता दें कि, वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस-वे के बनने से बिहार के लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी. दरअसल, इस एक्सप्रेस-वे का करीब 33.5 किलोमीटर गयाजी से गुजरने के कारण आस-पास के राज्यों में पहुंचना आसान हो जाएगा. रांची, बनारस और कोलकाता की दूरी कम हो जायेगी. खबर की माने तो, डुमरिया प्रखंड के छकरबंधा पंचायत के अनवर सलैया गांव से यह एक्सप्रेसवे होकर औरंगाबाद, झारखंड सीमा के संग्रामपुर गांव तक जाएगी. यह भी जानकारी सामने आई है कि, जमीन अधिग्रहण का काम हो गया है और जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू किया जाएगा.
इस कंपनी को मिली निर्माण की जिम्मेदारी
इधर, यह भी बता दें कि, वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण की जिम्मेदारी जीआर इंफ्रा ग्रिल कंपनी को दी गई है. गया जिले के कुल 29 मौजा शामिल हैं. दरअसल, वन विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण कार्य शुरू नहीं हो सका है. करीब 45 प्रतिशत हिस्सा वन क्षेत्र में आता है और फॉरेस्ट एरिया में 60 मीटर चौड़ी जमीन अधिग्रहित की गई है. तो वहीं प्राइवेट लैंड में 70 मीटर अधिग्रहण हुआ है.
सड़क की इतनी होगी चौड़ाई
बता दें कि, इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर लोगों के बीच उत्साह देखा जा रहा है. सड़क की चौड़ाई की बात करें तो, वह 36 मीटर की होगी. जिसका इंटरचेंज बसेता गांव में होगा. जहां से गाड़ियां एक्सप्रेस-वे पर चढ़ेंगी और उतरेंगी. इसके अलावा यह भी जानकारी सामने आई है कि, झारखंड सीमा से पहले एक रेस्ट एरिया बनेगा, जिसमें पार्किंग, रेस्टोरेंट, होटल, शौचालय आदि की सुविधा होगी. वहीं, भारत माला परियोजना के तहत डुमरिया और इमामगंज के जंगल पहाड़ वाले क्षेत्र से ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा, जो वाराणसी से कोलकाता को जोड़ेगा. इस एक्सप्रेस-वे के बनने से लोग कोलकाता 6 घंटे में तो वहीं बनारस 2 घंटे में पहुंच सकेंगे.