EWS: पटना. बिहार की नीतीश सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के आरक्षण पर अपना रुख स्पष्ट किया है. बिहार में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण की उम्र सीमा में कोई छूट नहीं मिलेगी. बिहार विधानसभा में प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि संविधान में 103वें संशोधन के तहत केंद्र सरकार कार्यालय द्वारा जारी ज्ञापन के बाद विभिन्न पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों तथा शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए राज्य में 10 प्रतिशत आरक्षण लागू है. उम्र सीमा में छूट को लेकर राज्य सरकार की नियमावली में अबतक कोई प्रावधान नहीं है.
केंद्र ही ले सकता है अंतिम फैसला
बजट सत्र के दौरान विधानसभा में मंत्री श्रवण कुमार ने जेडीयू विधायक डॉ. संजीव कुमार एवं अन्य के ध्यानाकर्षण के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस मामले पर निर्णय का अधिकार भारत सरकार को ही है. केंद्र के ज्ञापन में इस वर्ग को उम्र सीमा में छूट देने का प्रावधान नहीं किया गया है, इसलिए राज्य सरकार की नियमावली में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. केंद्र सरकार अगर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण के अंदर उम्र सीमा में छूट देने के लिए संविधान में संशोधन करती है, तभी इस पर कोई विचार किया जा सकता है.
2019 में दिया गया था नामांकन
श्रवण कुमार ने कहा कि भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग का कार्यालय ज्ञापन 31 जनवरी, 2019 को आया, जिसके आधार पर बिहार में सामान्य प्रशान विभाग ने नियमावली बनाई गई, जिनमें रिक्तियों और नामांकन में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण दिया गया है. काफी दिनों से इस बात की मांग की जा रही है कि अन्य वर्गो की तरह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण में भी उम्र सीमा की छूट मिलनी चाहिए.
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