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सभी जेलों में बहाल होंगे ऑपरेटर और एक्जीक्यूटिव असिस्टेंट
किसी इंटरव्यू या परीक्षा से नहीं, एनआइसी और बीपीएसएम से की जायेगी सीधी बहाली पटना : राज्य की सभी 56 जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने के लिए इनमें सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम तकरीबन अंतिम चरण में चल रहा है. इसके अलावा सभी जेलों में बंदी हाजिरी और मुलाकातियों का पूरा ब्योरा रखने […]
किसी इंटरव्यू या परीक्षा से नहीं, एनआइसी और बीपीएसएम से की जायेगी सीधी बहाली
पटना : राज्य की सभी 56 जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने के लिए इनमें सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम तकरीबन अंतिम चरण में चल रहा है. इसके अलावा सभी जेलों में बंदी हाजिरी और मुलाकातियों का पूरा ब्योरा रखने के लिए इ-प्रीजन नामक कंप्यूटरकृत व्यवस्था शुरू होने जा रही है. पटना के बेऊर कारा समेत कुछ जेलों में यह व्यवस्था शुरू भी हो गयी है. मई महीने के अंत से सभी जेलों में इन दोनों व्यवस्थाओं को शुरू करने की योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है. सीसीटीवी कैमरा और इ-प्रीजन प्रणाली का संचालन सही ढंग से करने के लिए कारा निदेशालय करीब 200 की संख्या में ऑपरेटर और एक्जीक्यूटिव असिस्टेंट (कार्यकारी सहायक) की बहाली करने जा रही है.
मई महीने के अंत तक दोनों स्तर के कर्मियों की बहाली कर दी जायेगी. इन कर्मियों की बहाली के लिए जेल प्रशासन कोई अलग से परीक्षा या इंटरव्यू नहीं लेगा. बल्कि इन्हें बीपीएसएम (बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन) या एनआइसी (नेशनल इंफॉरमेटिक सेंटर) के माध्यम से अनुबंध के आधार पर लिया जायेगा. सभी कार्यकारी सहायकों की बहाली बीपीएसएम के माध्यम से ही करने की योजना है. गौरतलब है कि जेल प्रशासन ने ऑपरेटर और कार्यकारी सहायक की बहाली के लिए कुछ महीने पहले विज्ञापन निकाला था.
इनकी बहाली इंटरव्यू के माध्यम से करना था. परंतु जिस एजेंसी के साथ बहाली की तमाम प्रक्रिया को पूरी करने के लिए करार किया गया था. वह कंपनी किसी कारण से बीच में ही इस कांट्रैक्ट को छोड़कर भाग गयी. इस वजह से विज्ञापन निकालने के बाद इंटरव्यू की दो बार तारीख बदली भी गयी, लेकिन कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से इसे अंत में रद्द करना पड़ा. इसके बाद जेल प्रशासन ने सभी सीटों को भरने के लिए यह नया रास्ता निकाला है.
जेल आइजी आनंद किशोर ने भी बताया कि मई महीने के अंत तक दोनों पदों पर बहाली की प्रक्रिया पूरी कर लेने की योजना है. जेलों में सुरक्षा और चौकसी की व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए इसे कंप्यूटरकृत किया जा रहा है.
डीजीपी कार्यालय व सीआइडी में दो-दो नये पदों का सृजन
पुलिस महकमा की कार्यप्रणाली को सही ढंग से चलाने के लिए गृह विभाग ने पुलिस महानिदेशक कार्यालय और सीआइडी कार्यालय में दो-दो नये पदों का सृजन किया है. डीजीपी ऑफिस में बिहार सचिवालय सेवा के अंतर्गत अवर सचिव के समकक्ष सहायक निदेशक (स्थापना) और सहायक निदेशक (बजट सह लेखा) के दो नये पदों का सृजन किया गया है.
डीजीपी कार्यालय का सालाना बजट 55 अरब के करीब पहुंच गया है.
इस वजह से इतने बड़े बजट का सुचारु ढंग से प्रबंधन करने के लिए एक सहायक निदेशक का पद बनाया गया है. इसी तरह यहां से राज्य के सिपाही से लेकर पुलिस उपाधीक्षक स्तर के 75 हजार कर्मियों के सर्विस से जुड़े सभी कार्य होते हैं. इसके लिए प्रशाखा पदाधिकारी के ऊपर की कोटि में कोई पद पहले से नहीं है. इस वजह से स्थापना कार्य की अलग से देखरेख करने के लिए सहायक निदेशक का एक पद बनाया गया है.
सीआइडी में न्यायालय से संबंधित मामलों का निष्पादन करने के लिए सभी सदर कोर्ट में सुचारु ढंग से करने के लिए एक-एक अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी और एक सहायक अभियोजन पदाधिकारी की तैनाती की जायेगी. इन दोनों पदों का सृजन स्थायी रूप से किया गया है. ताकि मामलों का निपटारा तेजी से किया जा सके. गृह विभाग ने चारों नये पदों के सृजन से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है.
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