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मैट्रिक व इंटर का सटीक रिजल्ट देना बड़ी चुनौती

परीक्षा से लेकर मूल्यांकन तक में दिक्कतें ओएमआर स्कैनिंग में शिक्षकों की पकड़ी जा रहीं गलतियां पटना : कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए बदलाव किया गया, लेकिन यह बदलाव परेशानी का सबब बन जायेगा, यह बिहार विद्यालय परीक्षा समिति प्रशासन को नहीं पता था. इंटर और मैट्रिक की परीक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए परीक्षा […]

परीक्षा से लेकर मूल्यांकन तक में दिक्कतें
ओएमआर स्कैनिंग में शिक्षकों की पकड़ी जा रहीं गलतियां
पटना : कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए बदलाव किया गया, लेकिन यह बदलाव परेशानी का सबब बन जायेगा, यह बिहार विद्यालय परीक्षा समिति प्रशासन को नहीं पता था. इंटर और मैट्रिक की परीक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए परीक्षा पैटर्न और सिस्टम में कई बदलाव किये गये.
लेकिन इस बदलाव में न तो शिक्षक और न बोर्ड सही से एडजस्ट कर पाया. इसका असर यह हुआ कि परीक्षा से लेकर मूल्यांकन तक में कई गड़बड़ियां हो गयीं. ऐसे में रिजल्ट में पारदर्शिता समिति के लिए एक चुनौती होगी. मैट्रिक में लगभग 17 लाख और इंटर में 12 लाख के लगभग परीक्षार्थी शामिल हैं.
समिति अगर इंटर और मैट्रिक का रिजल्ट सही से नहीं निकाल पाती है, तो परीक्षार्थियों का भविष्य अधर में जा सकता है. इस बार सभी उत्तर पुस्तिकाओं पर बार कोडिंग है, परीक्षार्थी के परिचय वाली फ्लांइग स्लिप समिति के पास है, हर उत्तर पुस्तिका पर उसके कॉलेज और स्कूल के नाम के अनुसार बार कोडिंग का मिलान करना और रिजल्ट तैयार करना समिति के लिए चुनौती है. बार कोडिंग और सही जानकारी नहीं होने से कंपार्टमेंटल के 350 परीक्षार्थियों का रिजल्ट अभी पेंडिंग है.
बार कोडिंग ने उलझाया
उत्तर पुस्तिकाओं पर बार कोडिंग की व्यवस्था की गयी. कंपार्टमेंटल में बार कोडिंग शिक्षा विभाग के लोगों से करवायी गयी. लेकिन इसमें कई गड़बड़ियां हुई. इसके बाद वार्षिक परीक्षा में इसमें एजेंसी को लगाया गया. इसके बाद भी सैकड़ों उत्तर पुस्तिकाएं बिना बार काेडिंग नहीं किया जा सका. मूल्यांकन के दौरान यह पकड़ में आया. बिना बार कोडिंग वाले उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए समिति ने स्पेशल टीम बनायी है.
ओएमआर भरने की नहीं दी गयी थी ट्रेनिंग
शिक्षकों को मूल्यांकन के दौरान अंक देने के लिए ओएमआर शीट भरना था. लेकिन इसके लिए शिक्षकों को कोई ट्रेनिंग नहीं दी गयी. अचानक से नये सिस्टम को शिक्षक समझ नहीं पाये और ओएमआर शीट भरने में गडबड़ी कर डाले हैं. एजेंसी ओएमआर शीट की स्कैनिंग कर रही है, तो शिक्षकों की गलतियां पकड़ में आ रही हैं.
मूल्यांकन से पहले हो गया शिक्षकों का बहिष्कार : इंटर और मैट्रिक के रिजल्ट में देरी होगी. इसकी सबसे बड़ी वजह मूल्यांकन शुरू होने के पहले शिक्षकों द्वारा मूल्यांकन का बहिष्कार करना है. शिक्षकों के बहिष्कार करने के कारण 20 दिनों तक मूल्यांकन ठप रहा. इसके बाद आनन फानन में मूल्यांकन शुरू किया गया.
अनुभवहीन शिक्षकों ने किया मूल्यांकन : इस बार शिक्षकों के अनुभव का ख्याल नहीं रखा गया है. प्राइमरी और मिडिल स्कूल के ऐसे शिक्षकों से मूल्यांकन करवाया गया है, जिन्हें इंटर और मैट्रिक के सिलेबस की एबीसी तक पता नहीं है. ऐसे में पैसे कमाने के लिए इन शिक्षकों ने मूल्यांकन किया है. अब उत्तर पुस्तिकाओं पर अंक क्या दिये होंगे, यह भगवान भरोसे है.
आंसर शीट में भारी गड़बड़ी : समिति ने इस बार आंसर शीट बनाने में भी गड़बड़ी की है. इंटर के मॉडल प्रश्न पत्रों के अलावा मैट्रिक के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर में भी गड़बड़ियां पकड़ में आयी हैं. ये गड़बड़ियां तब पकड़ में आयीं, जब मूल्यांकन हो चुका है.
बोर्ड ने की मनमानी
इंटर और मैट्रिक के मूल्यांकन में बिहार बोर्ड ने मनमानी की है. ऐसे शिक्षकों से मूल्यांकन करवाया गया है, जिन्हें कोई अनुभव नहीं था. इससे मूल्यांकन में गड़बड़ी पकड़ में आ रही है.
केदार नाथ पांडेय, अध्यक्ष, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ

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