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केंद्र हो या राज्य सभी के लिए होगा एक ही कानून : सुजाता

जीएसटी. बिहार को नहीं होगी क्षतिपूर्ति की आवश्यकता पटना : वाणिज्य कर विभाग की अायुक्त सह प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी ने कहा कि बिहार उपभोक्ता राज्य है. इसलिए देश में जीएसटी लागू होने के बाद बिहार को क्षति-पूर्ति की आवश्यकता नहीं होगी. वे मंगलवार को बिहार चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज में व्यवसायियों के लिए […]

जीएसटी. बिहार को नहीं होगी क्षतिपूर्ति की आवश्यकता
पटना : वाणिज्य कर विभाग की अायुक्त सह प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी ने कहा कि बिहार उपभोक्ता राज्य है. इसलिए देश में जीएसटी लागू होने के बाद बिहार को क्षति-पूर्ति की आवश्यकता नहीं होगी. वे मंगलवार को बिहार चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज में व्यवसायियों के लिए आयोजित कार्यशाला में बोल रही थीं.
उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से पहले राज्यों को अपने राज्य में जीएसटी कानून पारित करना है. इसके लिए राज्य सरकार को मई तक का समय दिया गया है. बिहार में इसकी तैयारी अंतिम चरण में है. जीएसटी कानून में कोई अंतर नहीं होगा. चाहे वह केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार सभी के लिए एक ही कानून होगा. उन्होंने कहा कि जीएसटी अस्तित्व में आ गया है. यह कर प्रणाली आजादी के बाद सबसे बड़ा बदलाव है. यह कर प्रणाली विश्व की सबसे यूनिक कर प्रणाली है. जीएसटी एक जुलाई से प्रभावी हो जायेगा. क्योंकि, दोनों सदन में यह कानून पास हो चुका है. उन्होंने कहा कि आजकल में अधिसूचना जारी होने की संभावना है.
चलायेंगे प्रशिक्षण कार्यक्रम : प्रधान सचिव ने कारोबारियों से आग्रह किया कि यह कर प्रणाली पूरी तरह ऑटोमेटिक व इंटरनेट आधारित है, इसलिए वे अपना पासवर्ड किसी को नहीं बतायें. क्योंकि, इसका लाभ हैकर उठा सकते हैं. चैंबर के अधिकारियों से कहा कि वे जहां-जहां जीएसटी को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम करना चाहते हैं. उससे संबंधित एक सूची विभाग को उपलब्ध कराएं.
विभाग वहां प्रशिक्षण शिविर लगायेगा. उन्होंने कहा कि अभी विभाग के अधिकारी प्रशिक्षण ले रहे हैं. वैट के संबंध में श्रीमती चतुर्वेदी ने कहा कि यह तीन माह बाद बंद हो जायेगा. उसका डाटा तैयार कर लिया गया है, जहां तक जीएसटी कर को घटाने या बढ़ाने का सवाल है, तो फिलहाल संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि कारोबारियों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए हेल्पलाइन तैयार कर लिया गया है. इसके अलावे हिंदी और अंगरेजी में बुक लेट तैयार किया जा रहा है. जिससे लोगों को जीएसटी कानून समझने में आसानी होगी.
माइग्रेशन से संबंधित संशोधन एक जुलाई के बाद : माइग्रेशन से संबंधित कोई भी संशोधन एक जुलाई के बाद होगा. माइग्रेट करनेवाले कारोबारी जून तक एआएम जनरेट कर लें. क्याेेंकि, यह काफी महत्वपूर्ण काम है. माइग्रेट से संबंधित कई बातें अभी स्पष्ट नहीं हो पायी है.
इसके पूर्व बिहार चैंबर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष ने पीके अग्रवाल ने सुजाता चतुर्वेदी को चैंबर की मांगों को रखा. जीएसटी के संबंध में आलोक पोद्दार ने चतुर्वेदी को ज्ञापन सौंपा. वाणिज्य कर विभाग के अतिरिक्त सचिव अरुण कुमार वर्मा, राजेश कुमार, चैंबर के उपाध्यक्ष एनके ठाकुर, मुकेश जैन, विशाल टेकरीवाल, पाटलिपुत्र सर्राफा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार थे.
पाटलिपुत्र सर्राफा संघ : कार्यशाला में पाटलिपुत्र सर्राफा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि विभाग को सभी संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराया जा चुका है. इसके कारण इन सदस्याें का जीएसटी में निबंधन नहीं हुआ है.
पूरी तरह ऑटोमेटिक है यह कर प्रणाली
प्रधान सचिव ने कहा कि यह कर प्रणाली पूरी तरह ऑटोमैटिक होगी. इसलिए कारोबारी से अनुरोध है कि वे आइटी फ्रेंडली हो जाये, नहीं तो उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इसके लिए कंप्यूटर सिस्टम को अपडेट करना होगा. साथ ही इंटरनेट पर अधिक निर्भर होना पड़ेगा. इसे देखते हुए अभी से ही अपने आप को आइटी से जोड़ लें. उन्होंने कहा कि अब तक कारोबारी दूसरे पर आश्रित थे. लेकिन, अब उन्हें खुद काम करना होगा.

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