पटना : बिहार के पूर्व मंत्री की बेटी के साथ यौन शोषण के मामले में आरोपी निखिल प्रियदर्शी से पूछताछ के एसआइटी को यह जानकारी मिली है कि वह प्राथमिकी दर्ज होने के दस दिनों तक पटना में पाटलिपुत्र थाने के मैनपुरा इलाके में रहा था. पुलिस की दबिश बढ़ने के बाद वह दिल्ली गया और फिर हरियाणा से अपनी ऑडी कार ली. वह दिल्ली में एक नेता के घर रुका था और फिर उक्त नेता ने उसे उत्तराखंड जाने की सलाह दी.
इसके बाद निखिल ऑडी कार से ही उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल पहुंच गया. उसके साथ पिता कृष्ण बिहारी सिन्हा भी थे. उसे संरक्षण देने व दिल्ली भेजने में उसके कुछ दोस्तों की भूमिका अहम थी. उसके तीन दोस्त संरक्षण देने के आरोप में ही जेल जा चुके है.
यौन शोषण के आरोप में फंसे निखिल प्रियदर्शी व उसके पिता कृष्ण बिहारी सिन्हा को एसआइटी ने पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया. उन दोनों से एसआइटी ने पूछताछ की. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और दोनों एक ही बात बता रहे थे कि उन्हें फंसाया गया है. अंत में एसआइटी को जब उन दोनों से कुछ भी जानकारी नहीं मिली. इसके बाद अंत में दोनों को फिर से एससी-एसटी कोर्ट में उपस्थित कराया गया और फिर वापस बेऊर जेल भेज दिया गया.
शुक्रवार को 11 बजे बेऊर जेल से दोनों को रिमांड पर लेकर एसआइटी की टीम पहुंची थी और छह बजे शाम में कोर्ट में उपस्थित करा दिया. विदित हो कि न्यायालय ने एसआइटी को दो दिनों के लिए और उसके पिता कृष्ण बिहारी सिन्हा को एक दिन के रिमांड पर लेने की इजाजत दी थी.