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बिहार प्रति लाख आबादी पर सड़क मामले में यूपी से आगे

पिछले दस साल में नेशनल हाइवे में 1211 किलोमीटर हुई वृद्धि ,फिर भी दूसरे राज्यों से बहुत है पीछे पटना : राज्य में सड़कों के निर्माण में वृद्धि के बावजूद प्रति लाख जनसंख्या पर सड़कों की लंबाई मात्र 201 किलोमीटर है. जबकि राष्ट्रीय औसत 371 किलोमीटर है. बिहार इस मामले में यूपी, झारखंड और हरियाणा […]

पिछले दस साल में नेशनल हाइवे में 1211 किलोमीटर हुई वृद्धि ,फिर भी दूसरे राज्यों से बहुत है पीछे
पटना : राज्य में सड़कों के निर्माण में वृद्धि के बावजूद प्रति लाख जनसंख्या पर सड़कों की लंबाई मात्र 201 किलोमीटर है. जबकि राष्ट्रीय औसत 371 किलोमीटर है. बिहार इस मामले में यूपी, झारखंड और हरियाणा से आगे है. जबकि, बाकी के राज्यों की स्थिति बिहार से बेहतर है.
नेशनल हाइवे सड़कों की लंबाई में बिहार में प्रति लाख जनसंख्या पर लंबाई मात्र 4़ 3 किलोमीटर है. जबकि राष्ट्रीय औसत 7़ 5 किलोमीटर है. नेशनल हाइवे सड़क में छत्तीसगढ़ में प्रति लाख जनसंख्या पर 1109 किलोमीटर है. स्टेट हाइवे सड़कों में प्रति लाख जनसंख्या पर 4़ 2 किलोमीटर है जबकि राष्ट्रीय औसत 14़ 1 किलोमीटर है. यूपी में प्रति लाख आबादी पर 198 किलोमीटर लंबी सड़क उपलब्ध है. वहीं, हरियाणा में 168 किलोमीटर और झारखंड में 125 किलोमीटर लंबी सड़क मौजूद है. स्टेट हाइवे सड़कों के मामले में महाराष्ट्र में सबसे अधिक 35़ 2 किलोमीटर है. नेशनल हाइवे सड़कों में कुल लंबाई का 72़ 5 फीसदी सड़क दो लेन या उससे अधिक यानी सात मीटर से अधिक चौड़ा है. 27़ 6 फीसदी सड़क सिंगल यानी साढ़े तीन मीटर या इंटरमीडिएट साढ़े पांच मीटर चौड़ा है.
राज्य में सड़कों के निर्माण में पिछले दस साल में काफी वृद्धि हुई. इसमें नेशनल हाइवे सड़क, स्टेट हाइवे सड़क व जिला सड़कें शामिल है. वर्ष 2001 से 2016 के बीच नेशनल हाइवे सड़क में 1211 किमी वृद्धि हुई है. वर्ष 2001 में नेशनल हाइवे सड़क की कुल लंबाई 2001 में 3410 किमी से बढ़ कर 2016 में 4621 किमी हो गयी. नेशनल हाइवे सड़कों की लंबाई में सबसे अधिक 887 किमी की वृद्धि 2010 से 2016 के बीच हुई. स्टेट हाइवे सड़क की लंबाई 2001 में 2383 किमी से बढ़ कर 2016 में 4253 किमी हो गयी.
स्टेट हाइवे सड़कों की लंबाई सबसे अधिक 2005 से 2010 के बीच 1610 किमी वृद्धि हुई. जिला सड़क की लंबाई में 7739 किमी से बढ़कर लगभग 11 हजार किमी हो गयी. इसमें सर्वाधिक वृद्धि 2010 से 2016 के बीच हुई.
सड़क लंबाई में पांच जिले आगे
सड़कों की कुल लंबाई के मामले में पांच जिले आगे है. इसमें पटना में 5़ 8 फीसदी, गया में 4़ 9 फीसदी, सुपौल में 4़ 3 फीसदी, नालंदा में 4़ 1 फीसदी व मुजफ्फरपुर में चार फीसदी है. सड़क नेटवर्क के हिसाब से सबसे कमजोर क्षेत्र शिवहर है. वहां 0़ 7 फीसदी, मुंगेर में 0़ 8 फीसदी व लखीसराय में 0़ 9 फीसदी है. पिछले दस साल में नेशनल हाइवे सड़कों की लंबाई के मामले में सबसे अधिक वृद्धि जमुई में 107 किलोमीटर, स्टेट हाइवे सड़क में 108 किलोमीटर वृद्धि सारण में व जिला सड़कों में सबसे अधिक वृद्धि गया में 317 किलोमीटर वृद्धि हुई.
सड़क नर्मिाण में बजट का पांच फीसदी हस्सिा खर्च
सरकार पिछले तीन साल में अपने कुल बजट का पांच फीसदी से अधिक हस्सिा सड़कों पर खर्च की है. सड़क क्षेत्र में 2007-08 में 2696 करोड़ खर्च का प्रावधान था. वहीं 2016-17 में 6599 करोड़ का प्रावधान था.
सड़कों की कुल लंबाई के मामले में पांच जिले आगे हैं. इसमें पटना में 5़ 8 फीसदी, गया में 4.9 फीसदी, सुपौल में 4़ 3 फीसदी, नालंदा में 4़ 1 फीसदी व मुजफ्फरपुर में चार फीसदी है. सड़क नेटवर्क के हिसाब से सबसे कमजोर क्षेत्र शिवहर है. वहां 0़ 7 फीसदी, मुंगेर में 0़ 8 फीसदी व लखीसराय में 0़ 9 फीसदी है. पिछले दस साल में नेशनल हाइवे सड़कों की लंबाई के मामले में सबसे अधिक वृद्धि जमुई में 107 किलोमीटर, स्टेट हाइवे सड़क में 108 किलोमीटर वृद्धि सारण में व जिला सड़कों में सबसे अधिक वृद्धि गया में 317 किलोमीटर वृद्धि हुई.

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