पटना : बिहार में पूर्व मंत्री की बेटी के यौनशोषण कांड का मुख्य आरोपित और ऑटोमोबाइल्स कारोबारी निखिल प्रियदर्शी को मंगलवार की सुबह उत्तराखंड से गिरफ्तार कर लिया गया. पटना पुलिस की सूचना पर उत्तराखंड पुलिस ने पौड़ी गढ़वाल के लक्ष्मण झूला इलाके के एक रेस्ट हाउस से उसे और उसके पिता रिटायर्ड आइएएस अधिकारी कृष्ण बिहारी सिन्हा को पकड़ा.
बाप-बेटे पुलिस की डर से भागते फिर रहे थे और एक सप्ताह पूर्व ही वे दोनाें उक्त रेस्ट हाउस में पहुंचे थे. खास बात यह है कि उनलोगों के पास से एक ऑडी कार भी बरामद की गयी है. इसी कार से निखिल प्रियदर्शी लगातार पुलिस को चकमा देकर अपना ठिकाना बदल रहा था. पटना पुलिस उन दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर पटना लायेगी. इन दोनों को सीआइडी की विशेष टीम के साथ ही पटना पुलिस की टीम भी खोज रही थी. इसके पहले निखिल के भाई मनीष सहित चार को पुलिस ने पटना एयरपोर्ट से पकड़ा था.
ढाई माह से निखिल की तलाश कर रही थी एसआइटी
पीड़िता ने इन दोनों के खिलाफ आठ मार्च को उसकी पहचान को सार्वजनिक करने का मामला बुद्धा कॉलोनी थाने में दर्ज कराया था. जबकि यौनशोषण का आरोप लगाते हुए 22 दिसंबर, 2016 को एससी-एसटी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. निखिल की तलाश करीब ढाई माह से एसआइटी कर रही थी. एसएसपी मनु महाराज ने दोनों की गिरफ्तारी की पुष्टि की और बताया कि एक टीम पटना से वहां के लिए रवाना हो चुकी है और जल्द ही ट्रांजिट रिमांड पर लेकर लौट जायेगी. मालूम हो कि पटना के सगुना मोड़ इलाके में दो कंपनियों के चारपहिया वाहनों के शोरूम थे, लेकिन लोन नहीं चुकाने के कारण बैंकों ने हाल ही में दोनों शोरूम को सीज कर लिया है.
आइडी प्रूफ नहीं देने पर होटलवाले ने पुलिस को दी सूचना, वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ाये
पटना : जिस ऑडी कार के विवाद की वजह से पूरा मामला शुरू से उलझा चला आ रहा है, उसी कार के कारण अंत में निखिल गिरफ्तार भी हो पाया. शनिवार को पुलिस ने निखिल के भाई मनीष प्रियदर्शी के अलावा उसके तीन दोस्त गौरव, प्रेम पांडेय और प्रकाश राज को भी गिरफ्तार किया था. इन चारों से गहन पूछताछ में इस बात का लिंक मिला कि निखिल अपने पिता कृष्ण बिहारी सिन्हा के साथ है. दोनों बाप-बेटे लंबे समय तक इधर-उधर छिपने के बाद पहले हरियाणा गये और वहां सर्विसिंग के लिए दी हुई अपनी ऑडी कार को लिया और फिर उत्तराखंड की तरफ चल पड़े. देहरादून पार कर पौड़ी गढ़वाल इलाके में पहुंचने के बाद दोनों पहाड़ी पर मौजूद एक टूरिस्ट होटल में रुकने के लिए पहुंचे. जब होटलवालों ने इनसे आइडी प्रूफ मांगा, तो दोनों कई तरह के बहाने बनाने लगे.
बिनाकिसी आइडी प्रुफ के कमरा लेने की जुगाड़में थे दोनों
जब होटलवाला इन्हें बिना आइडी प्रूफ के कमरा देने के लिए तैयार नहीं हुआ, तो वे आगे बढ़ गये. इसी बीच होटलवाले ने चिला थाने को जानकारी दी कि दो लोग ऑडी कार में हैं, जिसका नंबर एचआर 51 एके-2222 है. ये दोनों बिना किसी आइडी प्रूफ के कमरा लेने की जुगाड़ में थे. दोनों संदिग्ध मालूम पड़ते हैं. यह जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस ने चिला इलाके में ही वाहन चेकिंग के दौरान इन दोनों की ऑडी कार को रोक कर गहन पूछताछ शुरू की. इनसे आइडी प्रूफ मांगा गया, लेकिन यहां भी ये कोई आइडी देने में आनाकानी करने लगे. तब स्थानीय थाने ने इस मामले को लक्ष्मण झूला थाना ट्रांसफर कर दिया.
इस तरह गिरफ्तार हुए दोनों बाप-बेटे
इस थाने में पहुंचने पर जब दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की गयी, तो पता चला कि ये दोनों वहीं हैं, जिनके खिलाफ बिहार पुलिस ने ‘लुक ऑउट’ नोटिस जारी कर रखा है. इसके बाद यह जानकारी संबंधित जिले के एसपी मो मोहसिन को दी गयी. इसके बाद पूरे मामले की जानकारी एकत्र करने के बाद एसपी मोहसिन ने पटना के एसएसपी मनु महाराज को सूचना दी. इस तरह दोनों बाप-बेटे गिरफ्तार हुए. ऑडी कार से ही इनकी पहचान हुई और इसी के चक्कर में दोनों गिरफ्तार हुए. अगर ये दोनों हरियाणा ऑडी की डिलेवरी लेने नहीं पहुंचते, तो शायद इतनी जल्दी ट्रेस नहीं हो पाते.
दो प्राथमिकी, दो बड़े आरोप
– एससी-एसटी थाने में प्राथमिकी : पीड़िता ने निखिल प्रियदर्शी, उसके पिता, भाई और दोस्त पर उसका यौनशोषण करने का आराेप लगाया है.
– बुद्धा कॉलोनी थाने में प्राथमिकी : निखिल, उसके भाई, पिता, दोस्त, कांग्रेस के पूर्व नेता ब्रजेश आरोपित, पीड़िता की पहचान सार्वजनिक करने का आरोप.