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किसी का ऑफिस छूटा, कोई देर से पहुंचा सिटी बसों में ठूंस-ठूंस कर भरे गये यात्री

पटना : केंद्र सरकार की ओर से परिवहन शुल्क में बेतहाशा वृद्धि और फिटनेस के नाम पर प्रतिदिन 50 रुपये जुर्माने के प्रावधान के विरोध में जिले के ऑटोचालकों ने शुक्रवार को चक्का जाम रखा. सुबह से ही परिचालन बंद कर दिया. जिसके कारण यात्री परेशान रहे. ऑफिस जानेवाले लोगों को खासा परेशानी का सामना […]

पटना : केंद्र सरकार की ओर से परिवहन शुल्क में बेतहाशा वृद्धि और फिटनेस के नाम पर प्रतिदिन 50 रुपये जुर्माने के प्रावधान के विरोध में जिले के ऑटोचालकों ने शुक्रवार को चक्का जाम रखा. सुबह से ही परिचालन बंद कर दिया. जिसके कारण यात्री परेशान रहे. ऑफिस जानेवाले लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ा. कई लेट पहुंचे, तो कई पहुंच भी नहीं पाये. लेट पहुंचने पर कर्मियों को फटकार भी सुननी पड़ी. वहीं, हड़ताल का फायदा इ-रिक्शा, सिटी बस और रिक्शा चालकों ने जम कर उठाया. यात्रियों से दोगुने तक किराये वसूले गये.
हड़ताल के दौरान पटना जंकशन पर ऑटो चालक संयुक्त मोरचा से जुड़े विभिन्न ऑटो संगठनों के अध्यक्ष व महासचिव ने केंद्र के फैसले का विरोध किया. संगठनों ने इस फैसले के लिए राज्य सरकार को भी दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि अगर वृद्धि वापस नहीं ली जाती है, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे.
सभी रूटों पर दिखा असर : हड़ताल का असर पटना शहर के सभी रूटों पर दिखा. दानापुर से लेकर गायघाट तक ऑटो बंद रहे. सुबह में इक्का-दुक्का ऑटो चल भी रहे थे, जिसे संगठनों के सदस्यों ने जबरन बंद करवा दिया. सबसे ज्यादा परेशानी बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर हुई.
पीएमसीएच का किराया 100 रुपये : हड़ताल का फायदा रिक्शा चालकों ने जम कर उठाया. पटना जंकशन से गांधी मैदान के लिए 50 रुपये तक किराया वसूला गया, तो पीएमसीएच के लिए 100 रुपये तक लिया गया. सामान्य रूटों को छोड़ कर अन्य रूटों पर इ-रिक्शा रिजर्व में चले.
स्टैंड से नहीं खुले ऑटो : हड़ताल के चलते स्टैंड से ऑटो नहीं खोले गये. अनिसाबाद और टाटा पार्क स्टैंड में ऑटो एक लाइन से खड़े नजर आये. वहां यात्री ऑटोचालकों को चलने के लिए मनाते रहें, पर वे नहीं मानें. .
बसों में जगह के लिए मारा-मारी : ऑटो बंद रहने की वजह से पटना सिटी, दानापुर, पालीगंज, फुलवारीशरीफ व अन्य रूटों पर सिटी बसों में यात्री ठूंस-ठूंस पर भरे गये.
छह मरीजों को पहुंचाया अस्पताल : पटना जंकशन पर आये मरीजों को ऑटोचालकों ने अस्पताल भी पहुंचाया. तीन मरीजों को पीएमसीएच, तो दो को पारस अस्पताल पहुंचाया गया. मोरचा से अपील करने पर बेगूसराय के एक मरीज को पीएमसीएच नि:शुल्क पहुंचाया गया.
हड़ताल लाइव @ 10.30-12.30 बजे
पटना जंकशन गोलंबर शांत है. न ही ऑटोचालक यात्रियों को बुला रहे है और न ही उनके द्वारा यात्रियों की खींचतान दिख रही है. सामान्य दिनों में जहां ऑटोचालक यात्रियों से उन्हें चलने के लिए पूछते है, आज यात्री उन्हें मनाते दिख रहे हैं. पटना जंकशन उतरे यात्री अपने बैग लेकर सड़कों पर खड़े हैं. जो भी सिटी बसें आ रही हैं, वह पहले से ही भरी है.
लिहाजा वे खाली बसों के इंतजार में हैं. रिक्शावाले इस स्थिति का मनमाना फायदा उठाने की जुगत लगा रहे हैं. पीएमसीएच और परीक्षा देने आये विद्यार्थियों से मनमाना किराया वसूला जा रहा है. उधर, यात्री शेड पर ऑटोचालक संगठन केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे हैं. परिचालन पूरी तरह ठप रखा गया है. गांधी मैदान सर्किल भी इससे प्रभावित दिख रहा है. यहां इ-रिक्शा तो लगे हैं. लेकिन, यात्रियों की संख्या काफी कम है. स्टेशन व अन्य रूटों पर परिचालन बंद होने की वजह से यहां यात्री पहुंच ही नहीं पा रहे हैं. इ-रिक्शा चालक यात्रियों के इंतजार में लाइन से खड़े हैं.
केंद्र और राज्य सरकार को परिवहन शुल्क में बेतहाशा वृद्धि वापस लेनी होगी. हमारी हड़ताल सफल रही. हमारी मांगें नहीं मानी गयी, तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे.
राजकुमार झा, महासचिव, ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्क्स फेडरेशन
ऑटोचालक शहर की धमनी है. लेकिन, उनके हितों की केंद्र और राज्य सरकार अनदेखी कर रही है. यह हमें बरदाश्त नहीं. सुविधा देने के बजाये हम पर आर्थिक बोझ लादा जा रहा है.
राजेश चौधरी, महासचिव, महानगर ऑटोचालक संघ
रजिस्ट्रेशन, परमिट, बीमा और फिटनेस शुल्क में 100 से 500 फीसदी की बढ़ोतरी की गयी है, जिसका हम विरोध करते हैं. सरकार को वृद्धि वापस लेनी होगी.
बिजली प्रसाद, महासचिव, पटना जिला ऑटो-रिक्शा चालक संघ
बढ़ी शुल्क से इ-रिक्शा चालकों का कोई संबंध नहीं है. रोजाना कमाने-खानेवाले चालक अगर हड़ताल पर जायेंगे, तो शाम को उनके घर का चूल्हा नहीं जल पायेगा.
राजेश कुमार सिंह, अध्यक्ष,
इ-रिक्शा चालक संघ

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