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प्रकाश पर्व में दो कट्टरपंथी सिख नेता ने मंच किया साझा
अमिताभ श्रीवास्तव पटना सिटी :साहिब-ए- कमाल बादशाह दरवेश श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के 350वें प्रकाश पर्व में कट्टरपंथी सिख नेता और तथाकथित तौर पर घोषित अकाल तख्त व केशगढ़ साहिब के जत्थेदार ने विशेष पंडाल में मंच साझा किया और नगर कीर्तन में भी शामिल हुए. जबकि, तख्त साहिब के अंदर मत्था टेकने […]
अमिताभ श्रीवास्तव
पटना सिटी :साहिब-ए- कमाल बादशाह दरवेश श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के 350वें प्रकाश पर्व में कट्टरपंथी सिख नेता और तथाकथित तौर पर घोषित अकाल तख्त व केशगढ़ साहिब के जत्थेदार ने विशेष पंडाल में मंच साझा किया और नगर कीर्तन में भी शामिल हुए. जबकि, तख्त साहिब के अंदर मत्था टेकने की इजाजत इन लोगों को नहीं है. जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह भी खुद इस बात को मानते है.जत्थेदार की मानें, तो प्रकाश पर्व में किसी तरह का हंगामा खड़ा नहीं हो. इसके लिए इन दोनों को इजाजत दी गयी थी.
नहीं दी बोलने की अनुमति : पंजाब गये जत्थेदार ज्ञानी इकबाल ने फोन पर बताया कि प्रकाश पर्व के दरम्यान किसी तरह की टकराहट नहीं हो, इसके लिए पंडाल में सजे विशेष दीवान में मंच पर विराजमान होने की इच्छा को मंजूरी दी गयी. विशेष दीवान में बोलने की इजाजत दोनों ने मांगी, जिसे नहीं दी गयी. जत्थेदार ने यह भी बताया कि इन दोनों ने श्री गुरुग्रंथ साहिब की सेवा सत्कार करने की इच्छा भी जतायी थी. लेकिन, मना कर दिया गया. नगर कीर्तन में शामिल होने के बाद यह अपने समर्थकों के साथ वापस लौट गये.
चारों तख्त के जत्थेदारों को रोका था : जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने यह भी बताया कि प्रकाश पर्व में इन लोगों की सक्रियता को लेकर टकराहट की स्थिति तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में नहीं बने. इसके लिए चारों तख्त के जत्थेदारों को प्रकाश पर्व में शामिल नहीं होने के लिए आग्रह भरा पत्र भेजा गया था. हालांकि, पत्र के बाद भी अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह जी तीन जनवरी को तख्त साहिब पहुंचे.
दरअसल मामला यह है कि पंजाब के तरणतारण स्थित चंबा गांव में 10 नवंबर, 2015 को समागम हुआ था. उसी पंथिक समागम में कट्टरपंथी सिख नेता सिमरनजीत सिंह मान व भाई मोकाम सिंह मंड ने ध्यान सिंह मंड को अकाल तख्त व अमरीक सिंह अजनाला को केशगढ़ आनंदपुर साहिब का जत्थेदार घोषित कर दिया था. कट्टरपंथी संगठन द्वारा बनाये गये इन दोनों जत्थेदारों को किसी भी तख्त के अंदर आने की इजाजत नहीं है. लेकिन, 350वें प्रकाश पर्व में शामिल होने दोनों जत्थेदार अपने समर्थकों के साथ तीन जनवरी को पटना साहिब आ गये. जहां, मत्था टेका व धार्मिक आयोजन में शामिल हुए. चार जनवरी को नगर कीर्तन में भी शामिल हुए.
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