जब बिहार में शराबबंदी नहीं थी तब भी यहां एक प्रतिशत से ज्यादा लोग शराब का सेवन नहीं कर रहे थे. भाजपा पूरी तरह से शराबबंदी के पक्ष में है, मगर मुख्यमंत्री बताएं कि क्या सारी समस्याओं का समाधान मात्र शराबबंदी है. मोदी ने सवालिया लहजे में कहा कि सीएम कह रहे हैं कि शराबबंदी के बाद मिठाई, कपड़े व गाड़ी की बिक्री बढ़ गयी है तो चालू वित्तीय वर्ष की प्रथम छमाही में वाणिज्य कर की प्राप्ति में 19 प्रतिशत की कमी क्यों आ गयी. शराबबंदी के बाद बिहार में मादक द्रव्यों चरस, अफीम, गांजा, भांग आदि की खपत चार गुना बढ़ गयी है.
खुलेआम अवैध शराब की उपलब्धता के कारण क्या शराब के आदी गरीब लोगों को शराब पीने के लिए अब ज्यादा खर्च नहीं करने पड़ रहे हैं. मोदी ने कहा कि सीएम के अनुसार शराबबंदी के बाद अगर अपराध व सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं में कमी आयी है तो अक्तूबर महीने में राज्य के बिहारीगंज, पीरो, गोपालगंज, सुगौली आदि एक दर्जन से ज्यादा स्थानों पर सांप्रदायिक तनाव की स्थिति क्यों पैदा हुई.