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सीएम नीतीश शराबबंदी को लेकर बेतुका तर्क गढ़ रहे : सुशील मोदी

पटना. वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री शराबबंदी को लेकर बेतुका तर्क गढ़ रहे हैं. छह महीने में ही बिहार में शराबबंदी विफल हो गयी. पिछले 60 साल से गुजरात में शराब पर प्रभावी प्रतिबंध कायम है. ‘भारत शराब छोड़े तो चीन से आगे होगा’ का तर्क […]

पटना. वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री शराबबंदी को लेकर बेतुका तर्क गढ़ रहे हैं. छह महीने में ही बिहार में शराबबंदी विफल हो गयी. पिछले 60 साल से गुजरात में शराब पर प्रभावी प्रतिबंध कायम है. ‘भारत शराब छोड़े तो चीन से आगे होगा’ का तर्क देने वाले मुख्यमंत्री बताएं कि चीन सहित दुनिया के अन्य विकसित देशों में शराबबंदी है क्या. अगर चीन के लोग अफीम के लती थे, तो क्या भारत में अफीम काफी पहले से प्रतिबंधित नहीं है.

जब बिहार में शराबबंदी नहीं थी तब भी यहां एक प्रतिशत से ज्यादा लोग शराब का सेवन नहीं कर रहे थे. भाजपा पूरी तरह से शराबबंदी के पक्ष में है, मगर मुख्यमंत्री बताएं कि क्या सारी समस्याओं का समाधान मात्र शराबबंदी है. मोदी ने सवालिया लहजे में कहा कि सीएम कह रहे हैं कि शराबबंदी के बाद मिठाई, कपड़े व गाड़ी की बिक्री बढ़ गयी है तो चालू वित्तीय वर्ष की प्रथम छमाही में वाणिज्य कर की प्राप्ति में 19 प्रतिशत की कमी क्यों आ गयी. शराबबंदी के बाद बिहार में मादक द्रव्यों चरस, अफीम, गांजा, भांग आदि की खपत चार गुना बढ़ गयी है.

खुलेआम अवैध शराब की उपलब्धता के कारण क्या शराब के आदी गरीब लोगों को शराब पीने के लिए अब ज्यादा खर्च नहीं करने पड़ रहे हैं. मोदी ने कहा कि सीएम के अनुसार शराबबंदी के बाद अगर अपराध व सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं में कमी आयी है तो अक्तूबर महीने में राज्य के बिहारीगंज, पीरो, गोपालगंज, सुगौली आदि एक दर्जन से ज्यादा स्थानों पर सांप्रदायिक तनाव की स्थिति क्यों पैदा हुई.

हत्या, बलात्कार व अपहरण की घटनाओं में इजाफा क्यों हुआ है. प्रतिदिन राज्य के अनेक हिस्सों में बाहर से आने तथा स्थानीय स्तर पर बनायी जाने वाली अवैध शराब की बड़ी-बड़ी खेप पकड़ी जा रही है. जीविका के एक सर्वे में खुलास हुआ है कि कटिहार जिले की एक चौथाई (58) पंचायतों में शराबबंदी के बाद भी शराब का कारोबार जारी है.

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