23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शराबबंदी के साथ बिहार ने किया एक नये युग में प्रवेश

पटना : बिहार में वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पूर्ण शराबबंदी की घोषणा, इसे लागू करने के लिए कड़ा कानून बनाये जाने की खबर सुर्खियां बनी. वहीं जदयू, राजद और कांग्रेस की महागठबंधन सरकार की नैया हिचकोले खाते हुए नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूरे हौसले के साथ आगे बढ़ती रही. मुख्यमंत्री नीतीश […]

पटना : बिहार में वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पूर्ण शराबबंदी की घोषणा, इसे लागू करने के लिए कड़ा कानून बनाये जाने की खबर सुर्खियां बनी. वहीं जदयू, राजद और कांग्रेस की महागठबंधन सरकार की नैया हिचकोले खाते हुए नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूरे हौसले के साथ आगे बढ़ती रही.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार के प्रथम साल 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी के वादे को पूरा करने के साथ ही आम लोगों की मूलभूत समस्या पेयजल, शौचालय, सड़क और बिजली से जुड़े सात निश्चय कार्यक्रम की शुरुआत की और निश्चय यात्रा पर निकले. विपक्ष ने जहां प्रदेश में अपराधिक घटनाओं को राजद के पिछले 15 सालों के शासनकाल की तरह ‘जंगल राज’ की वापसी बताया. वहीं नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के ताजा आंकड़े उद्धृरित कर प्रदेश में कानून व्यवस्था मुस्तैद होने का दावा किया. जिनमें अपराध के मामले में बिहार का 22वां स्थान बताया गया है.

मुख्यमंत्रीनीतीश कुमार का तर्क है कि पहले शराब पर सलाना दस हजार करोड़ रुपये बर्बाद होते थे लेकिन अब लोग अब अपना पैसा स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन, मूलभूत आवश्यकताओं और अन्य जरूरतों पर लगा रहे हैं.

शराबबंदी के कारण सरकारी राजस्व में करीब 5,000 करोड़ रुपये के नुकसान को लेकर हो रही आलोचना पर नीतीश का कहना है कि वह उसे नुकसान नहीं मानते क्योंकि सरकार के खजाने में पांच हजार करोड़ रुपये नहीं आते. लेकिन लोगों का दस हजार करोड़ रुपया शराबबंदी के कारण बच गया. इससे व्यापार, रोजगार के साथ सरकार की भी आमदनी बढ़ेगी.

ब्रिटिश काल के उत्पाद अधिनियम 1915 के स्थान पर गत एक अप्रैल से लागू शराबबंदी के कड़े कानून को बिहार विधानमंडल की मंजूरी के बाद नीतीश ने गत पांच अप्रैल से प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर दी. गत एक अप्रैल को लागू शराबबंदी के कानून को पटना उच्च न्यायालय ने गत 30 सितबंर को खारिज कर दिया. राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की और दो अक्तूबर को गांधी जयंती के अवसर पर नये मद्य निषेध कानून 2016 को लागू कर दिया.

विपक्ष ने नये और कड़े शराबबंदी कानून के कुछ प्रावधानों पर सवाल उठाते हुए उन्हें ‘तालिबानी’ बताया तो नीतीश ने इसे और बेहतर बनाने के उद्देश्य से लोकसंवाद के साथ सर्वदलीय राय भी ली. बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में नये शराबबंदी कानून में कुछ संशोधन की संभावना थी पर यह नहीं हो पाया क्योंकि राज्य सरकार ने कहा कि इस पर अभी कानूनी राय ली जा रही है.

गत अप्रैल में लागू शराबबंदी कानून में ताड़ी बिक्री के 1991 के प्रावधान को बरकरार रखा गया. जिसके तहत शहरी इलाके में स्कूल, कालेजों, अस्पतालों आदि के 50 मीटर की परिधि में और ग्रामीण इलाके में 100 मीटर की परिधि में इसकी बिक्री पर रोक है. विपक्ष ने इसके खिलाफ आंदोलन छेड़ा और महागठबंधन सरकार में शामिल राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने इसमें छूट दिये जाने की अपील की. तब नीतीश सरकार ने स्पष्ट किया कि ताड़ी पर प्रदेश में कोई रोक नहीं है.

शराबबंदी तथा कड़े कानून के लागू होने के बावजूद अवैध शराब की जब्ती जारी है और गत 19 जुलाई को पूर्वी चंपारण जिला में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गयी. नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी को लागू करने के बाद इसे देश भर में लागू किए जाने की मांग को लेकर झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र सहित अन्य प्रदेशों का दौरा कर दावा किया कि वहां भी लोग शराबबंदी की मांग कर रहे हैं.

वर्ष 2016 में बिहार के नालंदा जिला में राजद के निलंबित विधायक राजबल्लभ यादव पर एक छात्रा से कथित दुष्कर्म, वैशाली जिले में भाजपा के निलंबित विधान पार्षद टुन्ना पाण्डेय के खिलाफ ट्रेन में एक किशोरी के यौन उत्पीड़न, गया जिले में जदयू की निलंबित विधान पार्षद मनोरमा देवी के पुत्र रॅाकी यादव के खिलाफ रोडरेज के एक मामले में आदित्य सचदेवा नामक एक छात्र की हत्या और सिवान जिले में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के साथ फिरौती के लिए अपहरण के कुछ मामलों ने राज्य की छवि पर धब्बा लगाया.

इन मामलों में राजबल्लभ यादव, टुन्ना पाण्डेय, मनोरमा देवी, उनके पति बिंदी यादव और पुत्र राकी यादव की गिरफ्तार करने के साथ ही अन्य आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की.

पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में जेल में बंद राजद के बाहुबली पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन संदेह के घेरे में आए. उनके कुछ सहयोगियों को गिरफ्तार करने के साथ उन्हें सिवान जेल से भागलपुर जेल स्थानांतरित किया गया. शहाबुद्दीन गत 10 सितंबर को भागलपुर जेल से छूटे और नीतीश कुमार को ‘परिस्थितिवश मुख्यमंत्री’ तथा लालू प्रसाद को अपना नेता बताया. लालू ने उनका बचाव किया लेकिन, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश के नीतीश के खिलाफ टिप्पणी करने पर जदयू के वरिष्ठ मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव और राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राजद प्रमुख से कहा कि वह अपने पार्टी के नेताओं को ऐसी बयानबाजी करने से रोकें. महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने स्वयं को इससे अलग करते हुए कहा कि या तो गठबंधन धर्म का पालन करें नहीं तो अलग हो जाएं.

बिहार सरकार ने शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने के लिए उच्चतम न्यायालय में अपील की. जमानत रद्द होने पर शहाबुद्दीन सिवान जेल में बंद हैं. वर्ष 2016 में बिहार में कुछ चिकित्सकों से रंगदारी की मांग ने प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाये लेकिन, गत 26 अक्तूबर को नक्सल प्रभावित लखीसराय जिले से दिल्ली के दो व्यवसायी सगे भाईयों की अपहरणकर्ताओं के चुंगल से सकुशल रिहाई एक संतोषप्रद खबर रही.

केंद्र सरकार के नोटबंदी के हालिया निर्णय का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समर्थन किया पर राजद और कांग्रेस इसके विरोध में हैं. इसे लेकर महागठबंधन के घटकों के बीच मतभेद तब उभरे जब आया जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के गत 30 नवंबर को पटना में आयोजित धरने में उपस्थित राजद नेताओं की मौजूदगी में नोटबंदी का समर्थन करने पर नीतीश का नाम लिये बिना उनकी ओर इशारा करते हुए उन्हें ‘गद्दार’ कहा गया.

गत 20 नवंबर को इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में 150 यात्रियों की मौत हो गयी. गत 20 अगस्त को एक दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जहां नालंदा विश्वविद्यालय के छात्रों के प्रथम बैच को डिग्री दी. वहीं इस साल घोषित इंटर परीक्षा में कला और विज्ञान संकाय में टॉपर रहे रुबी राय और सौरभ कुमार के एक टीवी साक्षात्कार के दौरान विषय वस्तु की जानकारी नहीं होने का खुलासा होने पर बिहार को परीक्षा में नकल को लेकर एक बार फिर राष्ट्रव्यापी फजीहत झेलनी पड़ी.

टॉपर्स घोटाले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संज्ञान लेने पर न केवल रुबी और सौरभ का परीक्षा फल रद्द किया गया बल्कि इसमें संलिप्तता को लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद को पदच्युत कर उन्हें, उनकी पत्नी और पूर्व विधायक उषा सिन्हा, वैशाली जिले के विशुन राय कालेज के प्राचार्य बच्चा राय को गिरफ्तार किया गया. रुबी और सौरभ विशुन राय कालेज के छात्र थे.

वर्ष 2016 के अंत में बिहार को दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह की जयंती के मौके पर 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक आयोजित होने वाले 350वें ‘प्रकाशोत्सव’ पर विश्वभर से आने वाले लाखों सिख श्रद्धालुओं की मेजबानी का अवसर मिला. गुरु गोविंद सिंह का जन्म पटना साहिब में हुआ था. साथ ही प्रदेश महात्मा गांधी के चम्पारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष के आयोजन की तैयारी में लगा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें