पटना : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी कार्यकर्ताओं को शराबबंदी से होने वाले लाभ के बारे में आम लोगों को बताने का निर्देश दिया है. मंगलवार को पार्टी के शराबबंदी जागरूकता अभियान के तहत एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने शराबबंदी के पक्ष में 21 जनवरी को दो करोड़ लोगों की सहभागिता से बनने वाले मानव शृंखला के बारे में जानकारी दी. अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर हमला भी किया. उन्होंने कहा कि नोटबंदी का हमने समर्थन किया है. अब पचास दिन के बाद देखते हैं क्या होता है. जदयू कार्यकर्ताओं की बैठक में उन्होंने कहा कि सिर्फ नोटबंदी से कालाधन सामने नहीं आने वाला, प्रधानमंत्री को बेनामी संपत्ति और शराब पर भी चोट करनी चाहिए. यह दोनों कालाधन के बड़े ट्रेड है. अपने संबोधन में उन्होंने भाजपा को चुनावी वायदों की भी याद दिलायी.
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नीतीश ने JDU कार्यकर्ताओं के सामने रखा बिहार के विकास का ब्लूप्रिंट, दिया यह टॉस्क
पटना : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी कार्यकर्ताओं को शराबबंदी से होने वाले लाभ के बारे में आम लोगों को बताने का निर्देश दिया है. मंगलवार को पार्टी के शराबबंदी जागरूकता अभियान के तहत एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने शराबबंदी के पक्ष में 21 जनवरी […]
जिलों से आये पांच सौ से अधिक जदयू के नेता व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने एटीएम पर लग रही लंबी कतारों पर चुटकी ली. उन्होंने कहा कि सरकार के लोक शिकायत निवारण कानून केंद्रों पर एटीएम जैसी लंबी कतारें नहीं लगती. हमने सात निश्चयों काे पूरी तैयारी के साथ लागू किया है. विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को बताना चाहिए कि सबसे ज्यादा अपराध दिल्ली में हो रहे हैं.
बिहार इस मामले में 22 वें स्थान पर है. शराबबंदी के पक्ष में 21 जनवरी को आयोजित अब तक की सबसे लंबी मानव शृंखला की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए 3007 किलाेमीटर लंबा रूट तय कर दिया गया है. मानव शृंखला के लिए सुबह के साढ़े नौ बजे से सभी लोग निर्धारित स्थल पर एकत्र होंगे. यह शृंखला दिन के दस बजे से साढे बजे तक अायोजित होगी. इसके लिए रूट चार्ट फाइनल हो गया है.
मुख्यमंत्री ने शराबबंदी के साथ नशाबंदी, सात निश्चय और लोक शिकायत निवारण कानून के प्रावधानों के बारे में भी जानकारी दी. कार्यशाला के दूसरे सत्र को सांसद हरिवंश, सांसद आरसीपी सिंह, प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, पार्टी के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी, सरकार के मंत्री श्रवण कुमार, केएन वर्मा और मंजू वर्मा ने संबोधित किया.इसके पूर्व पहले सत्र में मुख्यमंत्री ने पार्टीजनों को कार्यशाला के खास मुद्दों की जानकारी दी.उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनायी और इसे जनता तक पहुंचाने की अपील की. सीएम ने कहा कि नारी सशक्तिकरण में बिहार पहला राज्य है जिसने पंचायत व स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिया. आरटीपीएस कानून बनाया गया. 14 करोड़ लोगों को सर्टिफिकेट जारी हुआ. लोक शिकायत कानून फिर लोक शिकायत निवारण कानून लाया गया. सीएम ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वह लोगों को प्रेरित करें. सभी जिलों मे बने लोक शिकायत निवारण केंद्र जायें, सुनवाई को देखे.
गुजरात में एक ओबीसी संगठन शराबबंदी की मांग कर रहा
गुजरात में एक ओबीसी संगठन बिहार की तर्ज पर वहां शराबबंदी की मांग कर रहा है. शराबबंदी पर विपक्ष ने पहले मजाक उड़ाया फिर विरोध किया, लेकिन वे एक दिन साथ आ जायेंगे. बिहार में कानून का राज है. रूल ऑफ लॉ से समझौता नहीं किया जायेगा. कोई कितना ही बड़ा नेता हो या किसी पार्टी का, सबके लिए कानून बराबर है. यही गवर्नेंस है. सबसे ज्यादा अपराध दिल्ली में होता है. अपराध में बिहार का स्थान 22 वां है.
कार्यशाला में सरकार के मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, महेश्वर हजारी, चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, सीपी सिन्हा, पूर्व एमएलसी गुलाम गौस, राज्य नागरिक परिषद के पूर्व महासचिव छोटू सिंह, राज्य खाद्य आयोगके पूर्व सदस्य नंदकिशोर कुशवाहा, युवा जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह सेतु व जिलों के अध्यक्ष और पार्टी पदाधिकारी भी मौजूद थे.
शराबबंदी से अा रहा सामाजिक परिवर्तन
सीएम ने कहा कि शराबबंदी ऐतिहासिक फैसला है. शराबबंदी से धार्मिक व सामाजिक परिर्वतन आ रहा है. शराबबंदी ने समाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी. इस पर विपक्ष हाय तौबा मचा रहा है.पांच हजार करोड़ राजस्व घाटा की बात करता है, घाटा हो रहा है, लेकिन दस हजार करोड जो शराब पर खर्च होते थे वह बच रहा है. साथ ही वह दूसरे मद में खर्च हो रहा है. इसका टैक्स सरकार को मिल रहा है. दूध की बिक्री 11 प्रतिशत बढ़ गयी है. सरकार का काम सुशासन देना है सिर्फ टैक्स लेना नहीं.
पैसा जब बाजार मे घुमेगा तो टैक्स आयेगा. शराब का व्यवसाय करने वाले गाय ले रहे हैं. पूर्णिया मे पिछते दिनों निश्चय यात्रा के दौरान 146 लोगों को गाय दिया. सभी चेतना सभा में शराब बंदी के फायदे बता रहे हैं. उन्होंने पूरे देश में केंद्र सरकार से शराबबंदी लागू करने की मांग की
सरकार के सात निश्चय में शामिल ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना में चालू वित्तीय वर्ष में 600 करोड़ खर्च होने का अनुमान है. चालू वित्तीय वर्ष में 2386 बसावटों में 2500 किलोमीटर सड़क बनाने का लक्ष्य ग्रामीण कार्य विभाग ने तय किया है. सड़कों की डीपीआर बन रही है जल्द ही इसे प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल जायेगी.ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना राज्य के सभी बसावटों को बारहमासी सड़क से जोड़ने की राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. इसमें 12500 किलोमीटर सड़क का निर्माण पांच साल में होना है.
चालू वित्तीय वर्ष में 2500 किलोमीटर सड़क बनाने को स्वीकृति मिलेगी. अभी सरकार ने इस योजना में 100 करोड़ का आवंटन दिया है. सरकार सड़क निर्माण के लिए नाबार्ड से राशि ले रही है. इस साल 500 करोड़ मिलने की संभावना है. 12500 किलोमीटर सड़क निर्माण पर कुल 9938.68 करोड़ खर्च होना है. सड़क का निर्माण परंपरागत तरीके के अलावा नयी शेल फिल्ड तकनीक से भी होगा. औसतन एक किलोमीटर सड़क निर्माण पर 50 से 60 लाख का खर्च आयेगा. विभाग सड़क निर्माण के लिए कुल खर्च की 80 फीसदी राशि नाबार्ड से ऋण के रूप में लेगी. विधायकों ने अपनी प्राथमिकता सूची विभाग को सौंप दी है. जीटीएसएनवाई में 33461 बसावटों का सर्वे हुआ था.
13786 बसावटों को सड़क से जोड़ना है. सड़क निर्माण के लिए 2222 एकड़ जमीन की जरूरत होगी. सौ से कम आबादी वाले बसावटों में सड़क का निर्माण पंचायत के जरिये होगा. पीएमजीएसवाइ के लिए 2012 में जो कोर नेटवर्क तैयार हुआ था उसके अनुसार राज्य में 103591 बसावटें थी जबकि एमएमजीएसवाइ के लिए साल 2013-14 में जो कोर नेटवर्क बना उसके अनुसार बसावटों की संख्या 108591 थी. इसके बाद काफी संख्या में ऐसी बसावट थीं जो सड़क से छूटी हुई थी. इस योजना का सर्वे पूरी तरह डिजिटल तरीके से हुआ. छूटी बसावटों के सड़क से जोड़ने के लिए पूरक कोर नेटवर्क तैयार किया गया.अबतक 157 स्कीम को स्वीकृति भी मिल चुकी है.
एससी टोलों में पहले नली-गली व पेयजल सुविधा
मुख्यमंत्री गली-नली और हर घर निश्चय योजना का पहला लाभ अनुसूचित जाति बहुल वार्डों को मिलेगा. पंचायती राज विभाग ने मुख्यमंत्री निश्चय योजना का गाइड लाइन तैयार किया है.इस वर्ष राज्य के 8391 पंचायतों के 20 फीसदी वार्डों में पक्की गली-नली और हर घर नल का जल उपलब्ध कराना है. राज्य में एक लाख 14 हजार वार्डों की संख्या है. करीब 21 हजार पंचायतों में इस योजना को पहुंचा दिया जायेगा. पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत ने मुख्यमंत्री ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण योजना वार्ड सभा से अनुमोदित योजनाओं को ग्राम पंचायत स्तर पर समेकित किया जायेगा.
राशि की उपलब्धता के अनुरूप पहले साल 20 फीसदी, दूसरे वर्ष 30 प्रतिशत, तीसरे वर्ष 30 प्रतिशत और चौथे वर्ष 20 फीसदी वार्डों को योजना के क्रियान्वयन के लिए चयनित किया जाना है. वार्डों के चयन में प्राथमिकता का निर्धारण सर्वप्रथम वार्डों की अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की संख्या बाहुल्य के आधार पर जनसंख्या के घटते क्रम में किया जायेगा. शेष वार्डों के चयन की प्राथमिकता का आधार वार्डों की कुल जनसंख्या के घटते क्रम के अनुसार किया जायेगी. यदि भौगोलिक रूप से एक वार्ड में दूसरे वार्ड का क्षेत्र आंशिक रूप से शामिल हो रहा है तो उसे उसी वार्ड की योजना में शामिल कर लिया जायेगा.
इसके साथ ही पंचायत के अंतर्गत मॉडल विकसित करने के लिए एक खुले में शौच से मुक्त वार्ड का चयन प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा. उन्होंने बताया कि ग्रामीण गली नाली पक्कीकरण योजना की अवधि सामान्यत: आठ माह की होगी. उन्होंने बताया कि इसी तरह से जलापूर्ति योजना का भी क्रियान्वयन कराया जाना है.ग्राम पंचायत के संबंधित वार्ड में सात सदस्यीय वार्ड विकास समिति का गठन किया गया है. वार्ड सदस्य इसके अध्यक्ष हैं जबकि ग्राम कचहरी के वार्ड से निर्वाचित पंच इस समिति के उपाध्यक्ष है. समिति के पांच अन्य सदस्यों का चयन किया गया है. इसमें वार्ड में जीविका के ग्राम संगठन या स्वयं सहायता समूह कार्यरत है तो उसके एक प्रतिनिधि को समिति का सदस्य बनाया गया है.
वार्ड में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति का सदस्य के परिवार निवास करते हैं तो वार्ड विकास समिति के सदस्य के रूप में कम से कम एक-एक सदस्य चयनित किये गये है. इस समिति में तीन महिला सदस्य चयनित की गयी है. चयनित सदस्यों में एक सदस्य जो 10 वीं पास है उसको समिति का सचिव के रूप में चयनित किया गया है. वार्ड विकास समिति के अध्यक्ष व सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से राष्ट्रीय बैंक में खुले खाते में राशि जायेगी. समिति का कार्यकाल दो साल का होगा. इधर पंचायत राज विभाग के सचिव अरविंद चौधरी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा 14 वें वित्त आयोग की राशि से संबंधित पत्र आ गया है. यह उम्मीद की जा रही है कि एक सप्ताह के अंदर राशि भी आ जायेगी. साथ ही पंचम राज्य वित्त आयोग की राशि भी इसी सप्ताह पंचायतों में भेज दी जायेगी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री निश्चय योजना का क्रियान्वयन जिलों में आरंभ हो चुका है. पूरी राशि मिलने के बाद इसमें तेजी आयेगी.
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