किसी व्यक्ति के निजी पैन कार्ड का इस्तेमाल कहीं-न-कहीं भाजपा की नीयत में खोट को दरशाता है. बावजूद इसके भाजपा का दावा है कि कार्यालय के लिए जमीन पार्टी ने खरीदी है और इसके लिए रुपये भी पार्टी फंड से दिये गये हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि जब संपत्ति पार्टी की है और रुपये भी पार्टी फंड के थे, तो फिर भाजपा नेताओं ने जमीन खरीदने के दौरान दस्तावेजों में अपना निजी पैन क्यों इस्तेमाल किया? क्या इसके पीछे किसी आर्थिक घोटाले की मंशा रही है? जदयू नेताओं ने कहा कि अगर दस्तावेजों में भाजपा का पैन इस्तेमाल होता, तो हिसाब पार्टी को आयकर विभाग और चुनाव आयोग को देना पड़ता.